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क्या है क्लॉस्ट्रोफोबिया? इसके लक्षण और किन चीज़ों से ट्रिगर होता है ये फोबिया

Mental Disorder क्लॉस्ट्रोफोबिया एक तरह का एंग्जाइटी डिसऑर्डर है जो किसी भी इंसान को हो सकता है। एक रिसर्च से पता चला है कि दुनिया की 10 फीसदी आबादी क्लॉस्ट्रोफोबिया की समस्या से पीड़ित है। तो आइए जानते हैं इसके बारे में और विस्तार से।

By Priyanka SinghEdited By: Updated: Fri, 18 Nov 2022 07:24 AM (IST)
क्या है क्लॉस्ट्रोफोबिया? इसके लक्षण और किन चीज़ों से ट्रिगर होता है ये फोबिया
Mental Disorder: क्या है क्लॉस्ट्रोफोबिया इसके लक्षण व बचाव

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Mental Disorder: हमारे बीच में ऐसे कई लोग होते हैं जिन्हें बंद कमरों में घुटन महसूस होती है। सिर्फ कमरे में ही नहीं लिफ्ट में चढ़ने से भी घबराहट होती है और कई बार तो फ्लाइट में सफर से पहले दवाइयां भी खानी पड़ती हैं। तंग और बंद जगहों में जाने में डर लगता है जैसे- लिफ्ट या एमआरआई मशीन आदि। अगर आपके साथ भी ऐसा है तो आप क्लॉस्ट्रोफोबिया के शिकार हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं क्या है ये क्लॉस्ट्रोफोबिया और इसके लक्षण?

क्या है क्लॉस्ट्रोफोबिया?

क्लॉस्ट्रोफोबिया, एक तरह का एंग्जाइटी डिसऑर्डर है, जो भय से संबंधित समस्या है। इससे पीड़ित लोगों को तंग जगहों जैसे- लिफ्ट या छोटे अंधेरे कमरे में जाते हुए घबराहट होती है। कुछ लोगों को हवाई यात्रा के दौरान, पर्यटन स्थलों की गुफा या अंधेरी सुरंग में जाने पर भी बहुत घुटन महसूस होती हैं। ऐसे लोगों को भीड़ वाले स्थान में भी घबराहट महसूस होती है। वे यह सोचकर बहुत चिंतित हो जाते हैं कि मैं इस भीड़ से बाहर कैसे निकल पाऊंगा?

क्लॉस्ट्रोफोबिया के प्रमुख लक्षण

- पसीना आना

- कंपकपी

- बुखार

- धड़कन बढ़ना

- चक्कर आना

- बेहोशी

- सांस की गति तेज होना

- गला सूखना

- सिरदर्द

- बार-बार यूरिन का प्रेशर महसूस होना

- शरीर का कोई भी हिस्सा सुन्न पड़ जाना आदि।

क्लॉस्ट्रोफोबिया की क्या हैं वजहें?

क्लॉस्ट्रोफोबिक की समस्या अलग-अलग कारणों से पैदा होती है। क्लॉस्ट्रोफोबिया से पीड़ित ज्यादातर लोग अपने पुराने बुरे एक्सपीरियंस के बारे में बताते हैं, जिसमें से ज्यादातर घटनाएं उनके बचपन से जुड़े होते हैं। जिसमें शामिल हैं:- 

- कम उम्र में पेरेंट्स से अलग हो जाना 

- बचपन में कभी भीड़ में खो जाना या किसी गड्ढे में फंस जाना

- गलती से किसी जगह/कमरे/लिफ्ट में बंद हो गए हों

ऐसी सिचुएशन से गुजरने के बाद मन में डर बैठ जाता है कि कहीं दोबारा उन्हें इससे न गुजरना पड़े। साथ ही अगर परिवार में किसी को इस तरह की परेशानी है और घर का बच्चा उनके संपर्क में रहता है, तो उसमें भी इस फोबिया के होने की आशंका बढ़ जाती है।

इन चीज़ों से ट्रिगर हो सकता है क्लॉस्ट्रोफोबिया

क्लॉस्ट्रोफोबिया किसी को भी कभी भी हो सकता है। हर एक इंसान से आपके इसके अलग-अलग अनुभव सुनने को मिलेंगे। लेकिन ये फोबिया कुछ चीज़ों की वजह से एकदम से ट्रिगर हो जाती है, जैसे- 

- लिफ्ट में अकेले होना

- बिना खिड़की वाले छोटे कमरे

- मुंह ढककर सोना

- भीड़भाड़ वाली जगहें

- सुरंग

- एलिवेटर्स

- अंडरग्राउंड ट्रेन में सफर

- बेसमेंट

- हवाई जहाज

- सार्वजनिक शौचालय

- एमआरआई स्कैनर्स (MRI scanners)

क्लॉस्ट्रोफोबिया के बचाव एवं उपचार

- लंबी गहरी सांस लें और खुद को समझाने की कोशिश कि यह कुछ ही देर की बात है, जो अपने आप दूर हो जाएगी।

- योग और मेडिटेशन को अपने रूटीन में शामिल करें।

- इन सबके बावजूद अगर सिचुशन में सुधार न आए तो मनोवैज्ञानिक सलाहकार से संपर्क करने में हिचकिचाएं नहीं।

- उपचार के लिए मरीज को सुरक्षित तरीके से वैसे ही माहौल में रखा जाता है, जिसमें उसे डर लगता है। काउंसलिंग और कोग्नेटिव बिहेवियर थेरेपी से आमतौर पर यह समस्या दूर हो जाती है।

Pic credit- freepik