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Metastatic Cancer: एरोबिक एक्सरसाइज से कम होता मेटास्टैटिक कैंसर का खतरा, शोध में हुआ खुलासा

विज्ञानियों ने लगभग 20 वर्षों तक 3000 व्यक्तियों के स्वास्थ्य डाटा का गहन अध्ययन किया। नियमित व्यायाम और संयमित जीवनचर्या वाले प्रतिभागियों में 72 प्रतिशत कम मेटास्टैटिक कैंसर के संकेत मिले। इन प्रतिभागियों ने नियमित रूप से उच्च तीव्रता वाले एरोबिक एक्सरसाइज को अपनाया था।

By Jagran NewsEdited By: Sanjay PokhriyalUpdated: Fri, 18 Nov 2022 03:46 PM (IST)
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ग्लूकोज की खपत बढ़ने से ट्यूमर को मिलने वाली ऊर्जा में आती है कमी

तेल अवीव (इजरायल), एएनआइ : बदलती जीवनशैली, प्रदूषण और अनियमित खानपान ने कई गंभीर बीमारियों को जन्म दिया है। इनमें सबसे घातक है कैंसर। इसके कई रूप और प्रकार हैं। दुनियाभर में कैंसर रोगियों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। इससे चिंतित विज्ञानी लगातार शोध और अध्ययन कर रहे हैं ताकि इस रोग से लोगों को बचाया जा सके। हाल में ही विज्ञानियों ने एक नया अध्ययन किया है, इसके अनुसार, नियमित एरोबिक एक्सरसाइज करने से मेटास्टैटिक कैंसर के प्रसार की आशंका को 72 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, सघन एरोबिक एक्सरसाइज करने से आंतरिक अंगों द्वारा ग्लूकोज की खपत बढ़ जाती है, जिससे ट्यूमर को उपलब्ध ऊर्जा की मात्रा कम हो जाती है।

इस अध्ययन का नेतृत्व टीएयू के सैकलर फैकल्टी आफ मेडिसिन के दो शोधकर्ताओं ने किया है। डिपार्टमेंट आफ ह्यूमैन जेनेटिक्स एंड बायोकेमेस्ट्री के प्रो. कार्मिट लेवी और स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ और सिल्वन एडम्स स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट के डा. यफताच गेपनर ने अध्ययन के नतीजों पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया। प्रो. लेवी ने बताया कि नए अध्ययन से एक बहुत ही महत्वपूर्ण खोज हुई है, जो मेटास्टैटिक कैंसर को रोकने में मदद कर सकती है। इस अध्ययन के निष्कर्ष को प्रतिष्ठित जर्नल कैंसर रिसर्च में प्रकाशित किया गया है।

क्या होता है मेटास्टैटिक कैंसर

मेटास्टैटिक कैंसर शरीर में होने वाले अन्य प्रकार के कैंसर की तुलना में ज्यादा खतरनाक माना जाता है, जिसकी वजह शरीर के बाकी हिस्सों में कैंसर सेल का फैल जाना है। कैंसर के सेल्स टूटने के बाद खून में मिलकर शरीर के बाकी हिस्सों में भी फैल जाते हैं। उससे पूरे शरीर की प्रक्रिया प्रभावित होने लगती है।

कैंसर से बचाव का मूल मंत्र है 'बी एक्टिव, बी हेल्दी'

प्रो. लेवी और डा. गेपनर ने बताया कि अध्ययन से पता चला है कि शारीरिक व्यायाम कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को 35 प्रतिशत तक कम कर देता है। यह सकारात्मक प्रभाव हृदय रोग और मधुमेह जैसी अन्य स्थितियों पर व्यायाम के प्रभाव के समान है। इस अध्ययन में बताया गया है कि उच्च तीव्रता वाले एरोबिक व्यायाम मेटास्टैटिक कैंसर के जोखिम को 72 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। यानी कैंसर से बचाव का मूल मंत्र है 'बी एक्टिव, बी हेल्दी'।

विज्ञानियों ने लगभग 20 वर्षों तक 3,000 व्यक्तियों के स्वास्थ्य डाटा का गहन अध्ययन किया। नियमित व्यायाम और संयमित जीवनचर्या वाले प्रतिभागियों में 72 प्रतिशत कम मेटास्टैटिक कैंसर के संकेत मिले। इन प्रतिभागियों ने नियमित रूप से उच्च तीव्रता वाले एरोबिक एक्सरसाइज को अपनाया था। इसके अलावा विज्ञानियों ने एक पशु माडल का भी अध्ययन किया, जिसमें एक समान परिणाम मिले। शोधकर्ताओं ने शारीरिक व्यायाम से पहले और बाद में शारीरिक रूप से फिट पशुओं के आंतरिक अंगों का नमूना लिया। कैंसर ग्रस्त कोशिकाओं के इंजेक्शन के बाद भी उन्होंने पाया कि एरोबिक गतिविधि ने लिम्फ नोड्स, फेफड़ों और यकृत में मेटास्टैटिक ट्यूमर के विकास को काफी कम कर दिया है। शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि मानव और पशुओं दोनों में यह अनुकूल परिणाम व्यायाम से प्रेरित ग्लूकोज खपत की बढ़ी हुई दर से संबंधित है। इस संबंध में प्रो लेवी ने कहा कि हमारा अध्ययन उन आंतरिक अंगों पर व्यायाम के प्रभाव की जांच करने वाला पहला है, जिसमें आमतौर पर मेटैस्टसिस विकसित होते हैं।