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Migraine: मौसम में बदलाव की वजह से गंभीर हो सकती है माइग्रेन की समस्या, इन तरीकों से करें इसे मैनेज

माइग्रेन एक ऐसी कंडिशन जिसमें आपके सिर के एक हिस्से में काफी तेज दर्द होना शुरू हो जाता है जो आपकी दिनचर्या को काफी हद तक प्रभावित करता है। सर्दियों में यह समस्या और अधिक बढ़ सकती है। इसका कोई इलाज नहीं है इसलिए इसे मैनेज करना बेहद जरूरी है। जानें कैसे कर सकते हैं माइग्रेन के दर्द को मैनेज।

By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Sun, 21 Jan 2024 04:59 PM (IST)
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माइग्रेन को मैनेज में मददगार हो सकती हैं ये टिप्स
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Migraine: माइग्रेन एक ऐसी समस्या है, जो आपके जीवन के रोजमर्रा के कामों को भी प्रभावित करता है। यह हल्के सिर दर्द की तरह शुरू होता है, जो बाद में असहनीय दर्द में बदल जाता है। आमतौर पर, यह सिर के एक हिस्से में होता है, लेकिन कई बार यह पूरे सिर में भी फैल सकता है, जिस कारण से रोज के आसान कामों को करने में भी काफी तकलीफ हो सकती है। इसकी वजह से मितली, उल्टी, रोशनी या आवाज से सेंसिटिविटी की समस्या भी हो सकती है, जो इस समस्या को और मुश्किल बना देती है।

क्यों सर्दियों में माइग्रेन बढ़ सकता है?

मायो क्लीनिक के मुताबिक, मौसम में परिवर्तन, जैसे-अधिक सर्दी या गर्मी, शुष्क हवा, ज्यादा ह्यूमिडिटी, हवा के दबाव में बदलाव आदि, की वजह से माइग्रेन ट्रिगर कर सकता है। इसलिए सर्दियों में माइग्रेन की समस्या और अधिक बढ़ सकती है। इसलिए अभी के समय में, जब शीत लहर चल रही है, माइग्रेन अधिक ट्रिगर कर सकता है।

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क्या हो सकते हैं माइग्रेन के ट्रिगर?

  • अधिक कॉफी या शराब पीना
  • इमोशनल स्ट्रेस
  • अधिक ब्राइट लाइट
  • ज्यादा तेज आवाज
  • सोने के पैटर्न में बदलाव
  • हार्मोनल बदलाव (खासकर, महिलाओं में)
  • इनटेंस फिजीकल एक्टिविटी
  • दिन का खाना मिस करना
  • ज्यादा नमक या प्रोसेस्ड फूड खाना
  • कुछ दवाइयों की वजह से
  • मौसम में बदलाव
  • अधिक थकावट
इन कारणों की वजह से माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है। इसलिए अगर आप माइग्रेन से पीड़ित हैं, तो इन ट्रिगरिंग फैक्टर्स को ध्यान में रखें। हालांकि, माइग्रेन का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसे दवाइयों और लाइफस्टाइल में बदलाव की मदद से मैनेज किया जा सकता है।

कैसे करें माइग्रेन को मैनेज?

  • अगर आपको माइग्रेन की समस्या है, तो आपने गौर किया होगा कि माइग्रेन का दर्द शुरू होने से पहले कुछ लक्षण नजर आने शुरू हो जाते हैं। जैसे ही आपको वे लक्षण दिखने शुरू हों, सतर्क हो जाएं और खुद को सभी ट्रिगरिंग फैक्टर्स से दूर कर लें और किसी शांत जगह पर रहें, हो सके तो थोड़ी देर लाइट और साउंड से दूर किसी कमरे में सो जाएं।
  • अपनी डाइट का ख्याल रखें। अपनी डाइट में सीजनल सब्जियां, फल, अनाज आदि को शामिल करें और अधिक नमक, चीनी और प्रोसेस्ड फूड आइटम्स से दूर रहें। साथ ही, शरीर में पानी की कमी न होने दें।
  • खाना नियमित तौर से, बिना स्किप किए टाइम से खाएं। खाने में देरी या किसी भी वक्त का खाना स्किप न करें।
  • नींद पूरी करें। रोज 7-8 सुकून की नींद लें।
  • स्ट्रेस मैनेज करने की तकनीक सीखें। मेडिटेशन, योग, ब्रीदिंग एक्सरसाइज आदि सीखें और इनका इस्तेमाल करें स्ट्रेस मैनेज करने में।
  • रोज नियमित तौर से थोड़ी देर एक्सरसाइज करें। इससे आपकी पूरी सेहत बेहतर रहेगी।
  • अपने डॉक्टर से सलाह लेकर दवाइयां लें और अपने माइग्रेन के दर्द को ट्रैक करें, यानी, कब-कब और कितनी देर के लिए माइग्रेन का दर्द रहा, उस समय आप क्या कर रहे थे आदि। इसकी मदद से आपको माइग्रेन के ट्रिगरिंग फैक्टर्स समझने में मदद मिलेगी और आप इसे आसानी से मैनेज कर पाएंगे।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik