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क्या भारत में Mpox का दूसरा मामला है खतरे की घंटी! सुरक्षित रहने के लिए आज से ही अपनाएं ये आदतें

दुनिया में कहर बरपाने के बाद अब Mpox भारत में भी अपने पैर पसारने लगा है। हाल ही में भारत में इस संक्रमण का दूसरा मामला सामने आया है। ऐसे में अब इसे लेकर चिंता का माहौल है। यह बीमारी चेचक के समान ही है हालांकि उससे कम गंभीर है। ऐसे में आप कुछ बातों का ध्यान ( Mpox Prevention Tips) रख इससे बच सकते हैं।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Fri, 20 Sep 2024 10:21 AM (IST)
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भारत में मिला एमपॉक्स का दूसरा मामला (Picture Credit- Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। दुनियाभर में चिंता का विषय बना Mpox अब भारत में भी परेशानी बढ़ाने लगा है। दरअसल, यहां इस वायरस का दूसरा मामला (Mpox Second Case in india) सामने आया है, जिसके बाद से ही अब इसे लेकर हड़कंप मच गया है। इसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था। यह एक वायरल बीमारी है, जो ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस के मैंबर मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है। यह बीमारी काफी हद तक चेचक यानी स्मॉल पॉक्स की ही तरह होती है, लेकिन उससे कम गंभीर होती है।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक (WHO) यह वायरस बॉडी फ्लूइड, त्वचा पर घावों या संक्रमित व्यक्तियों के रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स के सीधे संपर्क से फैलता है। साथ ही यह दूषित वस्तुओं, जैसे बिस्तर या कपड़े और संक्रमित जानवरों के संपर्क से भी फैल सकता है। इसलिए जरूरी है कि इससे बचाव के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे एमपॉक्स से बचाव (Mpox Prevention Tips) करने के कुछ तरीकों के बारे में-

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खुद को सुरक्षित रखें

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) और WHO के मुताबिक वायरस के संपर्क के 4 दिनों के अंदर अगर वैक्सीन लगवा ली जाए, तो इस बीमारी के होने की संभावना कम हो जाती है या फिर इसके लक्षण कम गंभीर होते हैं। ऐसे में अगर आप एमपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच अपना ख्याल रखना चाहते हैं, तो वैक्सीन जरूर लगवाएं और खुद को सुरक्षित रखें। ध्यान दें कि अगर आप पहले ही एमपॉक्स से ठीक हो चुके हैं, तो आपको टीका लगवाने की जरूरत नहीं है।

साफ-सफाई का ध्यान रखें

खुद को एमपॉक्स से बचाने का सबसे सरल लेकिन सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है नियमित रूप से हाथ धोना। किसी भी तरह से वायरस से बचने के लिए अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं, खासकर खाने से पहले, बाथरूम का इस्तेमाल करने के बाद या किसी दूषित सतह को छूने के बाद। अगर साबुन और पानी मौजूद नहीं है, तो अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अपनी पर्सनल चीजें शेयर न करें

एमपॉक्स से बचने के लिए जरूरी है कि अपनी पर्सनल चीजें जैसे तौलिया, बर्तन आदि दूसरों के साथ शेयर न करें। साथ ही अगर आपके आसपास या घर पर कोई इस बीमारी से पीड़ित है, तो उनके साथ खाने के बर्तन, कप, बिस्तर या तौलिये जैसी चीजें साझा करने से बचें।

भीड़भाड़ से दूर रहें

अगर आपको एमपॉक्स का खतरा है, तो सार्वजनिक जगहों और लोगों के संपर्क में आने से बचें। साथ ही अगर आपको खतरा नहीं भी है, तो दूसरों से सतर्क रहें और स्किन-टू-स्किन कॉन्टैक्ट से बचें। अगर आप भी किसी व्यक्ति में चकत्ते, फुंसी, छाले या पपड़ी जैसे लक्षण (Monkeypox Symptoms) दिखाई दें, तो बचकर रहें।

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