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Eye Care Tips: मानसून में नहीं रखा 7 बातों का ध्यान, तो आसानी से हो जाएंगे Eye Infection का शिकार

मानसून में मौसम काफी सुहाना हो जाता है। चारों ओर हरियाली रंग-बिरंगे फूल किसी का भी दिल खुश करने के लिए काफी होते हैं लेकिन इस मौसम में बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं जिसके कारण आंखों के संक्रमण का खतरा (Eye Infection in Monsoon) बढ़ जाता है। आइए जानें आंखों के इन्फेक्शन के लक्षण और कैसे इस समस्या से बचा जा सकता है (Monsoon Eye Care Tips)।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Tue, 27 Aug 2024 04:15 PM (IST)
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मानसून में बढ़ जाता है आंखों के इन्फेक्शन का खतरा (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Eye Infection In Monsoon: बारिश के मौसम में चारों ओर हरियाली और प्रकृति की सुंदरता देखने को मिलती है, जो दिल को खुश कर देता है। हालांकि, इसके साथ ही यह कई स्वास्थ्य समस्याओं को भी बढ़ावा दे सकता है। इनमें से एक प्रमुख समस्या है आंखों का संक्रमण (Eye Infection)। बारिश के मौसम में नमी और गंदगी बढ़ जाती है, जिससे आंखों के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, इस मौसम में अपनी आंखों की देखभाल करना बेहद जरूरी है। इस आर्टिकल में हम इसी मुद्दे से जुड़ी जरूरी बातों (Monsoon Eye Care Tips) के बारे में जानने की कोशिश करेंगे।

आंखों के संक्रमण के कारण

  • बैक्टीरिया और वायरस- बारिश के मौसम में बैक्टीरिया और वायरस तेजी से बढ़ते हैं, जो आंखों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं। ये आमतौर पर दूषित पानी, प्रदूषित हवा या दूषित वस्तुओं के जरिए फैलते हैं।
  • गंदा पानी- बारिश का पानी अक्सर गंदगी, प्रदूषण के कण और कीटाणुओं से दूषित होता है। यदि यह पानी आंखों में चला जाए, तो यह इन्फेक्शन का कारण बन सकता है।
  • खराब स्वच्छता- हाथों को बार-बार न धोने या दूषित पानी से संपर्क में आने से आंखों के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
  • अन्य कारक- आंखों को रगड़ना, कॉन्टेक्ट लेंस की सही देखभाल न करना और आंखों के मेकअप को साफ न रखना भी इन्फेक्शन का कारण हो सकता है।
यह भी पढ़ें: डॉक्टर से समझें कॉन्टेक्ट लेंस इस्तेमाल करने का सही तरीका 

मानसून में होने वाली आंखों की समस्या

Eye Infection

  • कंजंक्टिवाइटिस- इसे पिंक आई के नाम से भी जानते हैं। इसमें आंखों में सूजन आ जाती है, जिसके कारण आंखें लाल हो जाती हैं और इनमें सूजन और खुजली की समस्या हो जाती है।
  • स्टाई- आंखों के ऊपर लाल रंग की गांठ जैसी आ जाती है, जो बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण होता है। इसमें आंखों से डिसचार्ज आना, खुजली और दर्द होता है।
  • कॉर्नियल अल्सर- कॉर्निया में इन्फेक्शन के कारण आंखों में दर्द, रेडनेस और धुंधला दिखने लगता है।

आंखों के संक्रमण के लक्षण

  • लाल आंखें
  • आंखों में दर्द या खुजली
  • आंखों से पानी बहना
  • धुंधला या दोहरा दिखना
  • आंखों में सफेद या पीले रंग का पस
  • लाइट के प्रति सेंसिटिविटी
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आंखों के संक्रमण से बचने के टिप्स

  • हाथों की स्वच्छता- बार-बार हाथों को साबुन और पानी से धोएं, खासकर खाना खाने से पहले, आंखों को छूने से पहले या टॉयलेट जाने के बाद।
  • आंखों को रगड़ें नहीं- अपने हाथों को अपनी आंखों में न लगाएं, क्योंकि इससे बैक्टीरिया और वायरस सीधे आंखों में पहुंच सकते हैं। साथ ही, आंखों को रगड़ने से आंखों का कॉर्निया भी डैमेज हो सकता है।
  • सफाई का ध्यान रखें- अपने आस-पास के वातावरण को साफ और स्वच्छ रखें, विशेषकर अपने घर और वर्कप्लेस पर। धूल आदि के कारण भी आंखों में इन्फेक्शन हो सकता है।
  • आंखों के मेकअप के लिए सही प्रोडक्ट चुनें- अपने आंखों के मेकअप ब्रश को नियमित रूप से साफ करें और इसे दूसरों के साथ शेयर न करें।
  • कॉन्टेक्ट लेंस की सही देखभाल करें- कॉन्टेक्ट लेंस को नियमित रूप से साफ करें और उन्हें सही तरीके से स्टोर करें।
  • धूप से बचें- धूप से बाहर जाने के समय धूप का चश्मा पहनें, क्योंकि सूर्य की किरणें आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
  • डॉक्टर से संपर्क करें- यदि आपको आंखों के संक्रमण के कोई लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत आंखों के डॉक्टर से कॉन्टेक्ट करें।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।