मानसून आते ही ट्रिगर हो सकता है दर्दनाक Migraine, 5 टिप्स से कर सकते हैं अपना बचाव
माइग्रेन (migraine) एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जिससे कई लोग प्रभावित होते हैं। इसमें होने वाले सिरदर्द की वजह से अक्सर उल्टी मितली तेज रोशनी और शोर की वजह से असुविधा होती है। अक्सर बदलते मौसम की वजह से इसकी समस्या बढ़ जाती है। कई लोगों को मानसून में भी माइग्रेन की समस्या होती है। ऐसे में ये टिप्स मददगार हो सकती हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। माइग्रेन (migraine) एक दर्दनाक समस्या है, जिससे हमारे आसपास कई लोग प्रभावित होते हैं। यह एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें सिरदर्द के साथ उल्टी मितली, रोशनी के प्रति सेंसटिविटी और तेज आवाज से चिड़चिड़ापन महसूस होता है। बदलता मौसम अक्सर माइग्रेन के दर्द को ट्रिगर कर सकता है। इसी वजह से कई लोगों को मानसून में माइग्रेन के दर्द को सहना पड़ता है। जब तेज और हल्की बारिश के बीच तेज गर्मी और उमस बढ़ती है, तो शरीर इस तापमान को संतुलित बनाए रखने की प्रक्रिया के दौरान डिहाइड्रेशन का शिकार सकता है।
ऐसे में डिहाइड्रेशन के कारण तेज माइग्रेन का दर्द उठने की पूरी संभावना होती है। इसके अलावा इस बदलते मौसम में एयर प्रेशर भी तेजी से बदलता है, जो कि ब्लड वेसल पर पड़ रहे दबाव को प्रभावित करता है और माइग्रेन का एक बड़ा कारण बनता है। ऐसे में मानसून के दौरान माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
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ट्रिगर पहचानें
मानसून में माइग्रेन के दर्द से बचने के लिए ट्रिगर की पहचान करना बेहद जरूरी है। इस दौरान बदलते एयर प्रेशर और बारिश के कारण होने वाली उमस और पानी की कमी जैसे ट्रिगर की पहचान कर इनसे बचें।
संतुलित आहार
पोषण से भरपूर आहार लेने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है और मानसून में शरीर का हाइड्रेशन भी बना रहता है, जिससे माइग्रेन ट्रिगर नहीं होता है।स्ट्रेस कंट्रोल करें
माइग्रेन से बचने के लिए स्ट्रेस दूर करना बेहद जरूरी है। इसलिए स्ट्रेस कम करने के तरीके अपनाएं। मेडिटेशन, योग, ब्रीथिंग एक्सरसाइज की मदद से स्ट्रेस लेवल कम करने की कोशिश करें, जिससे माइग्रेन का दर्द शुरू न हो।