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रात को भरपूर नींद लेने के बाद भी मूड रहता है चिड़चिड़ा और गुस्सैल, तो इसके पीछे हो सकती हैं ये सारी वजहें

सुबह उठने के बाद अगर आपका मूड चिड़चिड़ा रहता है। सिर दर्द की समस्या बनी रहती है तो इसके पीछे कई सारी वजहें हो सकती हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से जिससे अगली बार उठने के बाद आपको इन समस्याओं का सामना न करना पड़े।

By Priyanka SinghEdited By: Updated: Wed, 02 Feb 2022 07:18 AM (IST)
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हाथ में तकिया लिए शांत रहने का इशारा करती महिला

रात में 8 से 9 घंटे की नींद लेने के बाद भी सुबह उबासी, थकान, सिरदर्द जैसी समस्याएं परेशान करती हैं तो ज्यादातर लोग दिन में सोकर और चाय के तीन-चार कप पीकर इस समस्या को दूर करने का भरसक प्रयास करते हैं। लेकिन अगर ये प्रॉब्लम लगातार बनी हुई है तो धीरे-धीरे ये आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करने लगती है। पाचन संबंधी दिक्कतें शुरु हो जाती हैं। इसके अलावा दिल से जुड़ी बीमारियां, डायबिटीज़, अल्जाइमर और डिप्रेशन जैसी कई समस्याओं का खतरा बना रहता है। तो सबसे पहले जरूरी है इस मर्ज की वजह जानना...तब फिर इलाज की बात होगी।

1. सोते वक्त गैजेट्स का इस्तेमाल

फौन, लैपटॉप और अन्य दूसरे गैजेट्स से निकलने वाली नीली किरणें मेलाटोनिन हॉर्मोन को ब्लॉक कर देती हैं जो अच्छी नींद के लिए बहुत ही जरूरी होता है। इसलिए बिस्तर पर गैजेट्स यूज न करने की सलाह दी जाती है।

2. रात को वर्कआउट करना

वर्कआउट सुबह या शाम कभी भी किया जा सकता है लेकिन सोने से कुछ देर पहले करना आपकी नींद उड़ा सकता है या डिस्टर्ब कर सकता है। तो रात के समय कॉर्डियो या इस तरह के हैवी वर्कआउट्स तो बिल्कुल न करें लेकिन हां हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग और कुछ खास तरह के योगा अच्छी और सुकून भरी नींद लाने में बेहद मददगार साबित होते हैं।

3. खाने के तुरंत बाद सोना

ये तो ज्यादातर लोग करते हैं जिसकी वजह से पाचन क्रिया धीमी हो जाती है जिसका सीधा असर नींद पर पड़ता है। मोटापा तो बढ़ता ही है साथ ही एसिडिटी और गैस की समस्या भी रातभर परेशान करती रहती है। इसलिए कहा जाता है कि सोने से कम से कम दो से तीन घंटे पहले डिनर निपटा लेना चाहिए।

4. सोने का बिगड़ा रूटीन

सोने का एक टाइम डिसाइड कर लें। इससे कुछ ही दिनों में आपकी बॉडी को इसकी आदत पड़ जाती है और एक रूटीन सेट हो जाता है। साथ ही बेडरूम की लाइट बहुत ब्राइट न रखकर मद्धिम रखें। अच्छी नींद के लिए पढ़ने, मेडिटेशन जैसी चीज़ों का भी सहारा लिया जा सकता है।

Pic credit- freepik