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WHO: साल के अंत तक आधी से ज्यादा दुनिया पर मंडराएगा मीजल्स का खतरा, इन तरीकों से करें अपना बचाव

मीजल्स एक बेहद संक्रामक बीमारी है जिसे लेकर हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी जारी की है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक साल में अंत कर दुनिया के आधे से ज्यादा देशों में खसरे यानी मीजल्स (measles) के फैलने का खतरा ज्यादा होगा। ऐसे में आज इस आर्टिकल में जानेंगे इस गंभीर बीमारी से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जो आपके लिए जानना जरूरी हैं।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Sat, 24 Feb 2024 02:10 PM (IST)
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पूरी दुनिया में कहर बरपाएगा मीजल्स, WHO ने दी चेतावनी
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद से ही सभी अपनी सेहत का खास ख्याल रखने लगे हैं। इतना ही नहीं दुनियाभर के हेल्थ एक्सपर्ट्स भी हर बीमारी पर नजर बनाए हुए हैं। इसी बीच अब हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक और बीमारी को लेकर चेतावनी जारी है। WHO के मुताबिक साल में अंत कर दुनिया के आधे से ज्यादा देशों में खसरे यानी मीजल्स (measles) के फैलने का खतरा ज्यादा होगा। दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में हाल के वर्षों में इस बेहद संक्रामक बीमारी के मामलों में तेजी देखी गई है।

वर्तमान में दुनिया भर में खसरे के टीकाकरण की दर 83% है, जो इस बीमारी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए जरूरी 95% से कम है। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि साल 2024 तक दुनिया भर में 142 मिलियन बच्चों को खसरे से संक्रमित होने का खतरा होगा, जिनमें से ज्यादातर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहेंगे। आइए जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारें में-

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क्या है मीजल्स?

मीजल्स, जिसे खसरा के नाम से भी जाना जाता है, एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है, जो मीजल्स नामक एक वायरस के कारण होता है। संक्रमित व्यक्ति के सांस लेने, खांसने या छींकने से यह आसानी से फैलता है। यह गंभीर बीमारी, जटिलताओं और यहां तक ​​कि मौत का कारण बन सकता है। वैसे तो यह किसी को भी प्रभावित कर सकती है, लेकिन यह बच्चों में सबसे आम है।

मीजल्स के लक्षण

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक खसरे के लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के 10-14 दिन बाद शुरू होते हैं। इसके शुरुआती लक्षण आमतौर पर 4-7 दिनों तक रहते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:-

  • बहती नाक
  • खांसी
  • लाल और पानी भरी आंखें
  • गालों के अंदर छोटे सफेद धब्बे
  • चेहरे,गर्दन, हाथों और पैरों पर दाने
मीजल्स से अधिकांश मौतें इस बीमारी से संबंधित जटिलताओं के कारण होती हैं। इसकी जटिलताओं में निम्न शामिल हैं:-

  • अंधापन
  • हाईड्रेशन
  • गंभीर दस्त
  • कान के संक्रमण
  • निमोनिया समेत सांस लेने में गंभीर समस्याएं
  • एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क में सूजन और डैमेज)

कैसे फैलता है मीजल्स

मीजल्स दुनिया की सबसे संक्रामक बीमारियों में से एक है, जो संक्रमित व्यक्ति के खांसी या छींकने या पीड़ित व्यक्ति द्वारा ली गई हवा में सांस लेने से फैलती है। वायरस हवा में या संक्रमित सतहों पर दो घंटे तक सक्रिय और संक्रामक रहता है। इस कारण से, यह बहुत संक्रामक है और खसरे से संक्रमित एक व्यक्ति अपने बिना टीकाकरण वाले करीबी संपर्कों में से 10 में से नौ को संक्रमित कर सकता है।

रिस्क फैक्टर्स

अगर प्रेग्नेंसी के दौरान किसी महिला को मीजल्स हो जाता है, तो यह मां के लिए खतरनाक हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप उनका बच्चा कम वजन के साथ समय से पहले पैदा हो सकता है। इसकी जटिलताएं 5 साल से कम उम्र के बच्चों और 30 साल से अधिक उम्र के वयस्कों में सबसे आम हैं। इसके अलावा कुपोषित बच्चों में इसकी संभावना ज्यादा होती है, विशेष रूप से पर्याप्त विटामिन ए के बिना या एचआईवी या अन्य बीमारियों की वजह से कमजोर इम्युनिटी वाले बच्चों में।

मीजल्स से बचाव

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, खसरे से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका है। सभी बच्चों को मीजल्स की वैक्सीन लगवाना चाहिए। टीका काफी सुरक्षित, प्रभावी और सस्ता है।

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Picture Courtesy: Freepik