अफ्रीका-स्वीडन के बाद अब Mpox ने पाकिस्तान में दी दस्तक, WHO ने किया हेल्थ इमरजेंसी का एलान
अफ्रीकी देशों में कहर मचाने के बाद स्वीडन पहुंचे Mpox ने पड़ोसी देश पाकिस्तान (MPOX in Pakistan) में भी दस्तक दे दी है। यहां अभी तक इस संक्रमण के 3 मामले सामने आ चुके हैं। इस वायरस के बढ़ते मामलों के देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी का एलान किया है। ऐसे में इस बीमारी के बचाव ही इसका इलाज है। जानते हैं इससे जुड़ी जानकारी।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों से रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो, युगांडा, केन्या जैसे अफ्रीकी देशों में कहर मचाने वाले Mpox के मामले दुनिया के कई हिस्सों में फैलने लगे हैं। गुरुवार को स्वीडन के इसका पहला मामला सामने आने के बाद अब शुक्रवार को पाकिस्तान में इसके 3 मामले (MPOX in Pakistan) सामने आए हैं। इस बेहद संक्रामक वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है।
वहीं, पाकिस्तान में इसके मामले सामने आने के बाद अब भारत में इसे लेकर सावधान बरतना जरूरी है। ऐसे मे आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे इस खतरनाक बीमारी से जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में-यह भी पढ़ें- गुजरात में बढ़ता जा रहा Chandipura Virus का कहर, डॉक्टर से जानें इस जानलेवा बीमारी से जुड़ी सभी जरूरी बातें
क्या है एमपॉक्स?
क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक एमपॉक्स, जिसे पहले मंकीपॉक्स कहा जाता था, एक दुर्लभ बीमारी है, जो चेचक यानी smallpox की तरह होता है। यह वायरस के कारण फैलती है और यह ज्यादातर अफ्रीकी क्षेत्रों में पाई जाती है। हालांकि, दुनिया के अन्य हिस्सों में भी इसके मामले देखने को मिलते हैं। एमपॉक्स का कोई सटीक इलाज नहीं है, लेकिन यह आमतौर पर अपने आप ही ठीक हो जाता है।
एमपॉक्स के लक्षण क्या?
इस वायरस की चपेट के बाद इसके लक्षण विकसित होने में कई दिनों से लेकर कुछ हफ्ते तक का समय लग सकता है। एमपॉक्स के लक्षणों (Monkeypox virus prevention Tips) में निम्न शामिल हैं:-- बुखार
- थकान
- सिरदर्द
- ठंड लगना
- मांसपेशियों में दर्द
- लिम्फ नोड्स में सूजन
- पस वाले लाल दाने
इसके अलावा इस बीमारी में चपटे, लाल धब्बों के रूप में दाने भी नजर आ सकते हैं, जो दर्दनाक हो सकते हैं। यह दाने बाद में फफोले में बदल जाते हैं, जिनमें पस भर जाता है। हालांकि, कुछ समय बाद यह छाले पपड़ी बनकर गिर जाते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में दो से चार हफ्ते लग सकते हैं। इसके अलावा आपके मुंह, चेहरे, हाथ, पैर, लिंग, वजाइना या एनस पर भी घाव हो सकते हैं।
कैसे फैलता है वायरस?
WHO के मुताबिक एमपॉक्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक कई तरीकों से फैल सकता है। यह वायरस संक्रामक त्वचा या अन्य मुंह या जेनिटल्स से निकलने वाले फ्लूइड के सीधे संपर्क में आने से फैल सकता है। इसके फैलने के अन्य तरीकों में निम्न शामिल हैं-- आमने-सामने बात करना या सांस लेना
- स्किन से स्किन का संपर्क (छूना या सेक्स करना)
- ओरल सेक्स
- होंठों या त्वचा पर किस करने से
- रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स
एमपॉक्स से बचाव के लिए क्या करें
एमपॉक्स से पीड़ित ज्यादातर लोग 2-4 हफ्ते के अंदर ठीक हो जाते हैं। ऐसे में इसके लक्षणों से राहत पाने और दूसरों को संक्रमित होने से रोकने के लिए निम्न चीजें करनी चाहिए-- जब तक संभव हो तो घर पर और अपने कमरे में ही रहें।
- हाथों को बार-बार साबुन और पानी या हैंड सैनिटाइजर से साफ करें।
- जब तक आपके दाने ठीक न हो जाएं तब तक मास्क पहनें और अन्य लोगों के आसपास रहने पर दानों को ढंककर रखें।
- त्वचा को सूखा और अगर आप अकेले हैं, तो इसे खुला रखें।
- उन चीजों को छूने से बचें, जो किसी और के संपर्क में आ सकती है।
- मुंह में घावों से राहत पाने के लिए खारे पानी का कुल्ला करें।
- शरीर के घावों के लिए सिट्ज बाथ या बेकिंग सोडा या एप्सम साल्ट से हॉट शावर लें।