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मांसपेशियों में अक्सर रहता है खिंचाव, तो कैसे कर सकते हैं बचाव?

मांसपेशियों में खिंचाव एक आम समस्या है जिससे हजारों लोग कभी न कभी जरूर जूझते हैं। एक ही जगह लगातार बैठे रहना गलत तरीके से सो जाना कुछ आम कारण हैं जिनकी वजह से मांसपेशियों में खिंचाव और फिर दर्द शुरू हो सकता है। तो आइए मेडिकल एक्सपर्ट की मदद से जानते हैं कि इसके लक्षण कैसे होते हैं और इससे बचाव के लिए क्या किया जा सकता है?

By Jagran News Edited By: Ruhee Parvez Updated: Tue, 27 Feb 2024 04:05 PM (IST)
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मांसपेशियों में खिंचाव से कैसे करें बचाव?
नई दिल्ली। खिलाड़ियों को अक्सर मांसपेशियों खिंचाव की समस्या देखी जाती है पर आज तकनीक पर बढ़ती निर्भरता और कामकाज में सिमटती शारीरिक गतिविधियों के कारण आम लोग मांसपेशियों में खिंचाव या फ्रैक्चर जैसी समस्याओं का सामना करने लगे हैं। इसी तरह की समस्याओं से बचने के लिए कुछ उपयोगी टिप्स के लिए सीमा झा ने बात की डॉ. सुभाष जांगिड़ (निदेशक व विभागाध्यक्ष, हड्डी रोग विभाग, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीटयूट, गुरुग्राम) से।

मांसपेशियों में खिंचाव दो प्रकार से हो सकता है। एक चोट लगने के कारण, जिसे 'एक्यूट' कहते हैं और दूसरा, क्रोनिक, जिससे आम लोग तकलीफ झेल रहे होते हैं। एक्यूट यानी चोट लगने की समस्या अक्सर खिलाड़ियों के साथ अधिक होती है। चिकित्सक ऐसे में आराम करने व कुछ थेरेपी की सलाह देते हैं। दवा देकर भी उन्हें ठीक किया जाता है। पर जो समस्या आम लोगों को होती है, जैसे लगातार गर्दन झुका कर मोबाइल देखने के कारण खिंचाव या गलत मुद्रा में सोकर टीवी देखने से दर्द या फिर कमर दर्द जैसी समस्याएं, यह लंबे समय तक परेशानी का कारण बनी रहती हैं, जिसका प्रभावी उपचार आवश्यक होता है।

मांसपेशियों में खिंचाव के लक्षण

  • दर्द होना
  • सूजन आना
  • चलने-फिरने में परेशानी
  • मांसपेशियों की ऐंठन
  • मांसपेशियों में कमजोरी

कब मिलें डॉक्टर से

अगर सामान्य खिंचाव है तो इसका इलाज घर पर किया जा सकता है। बर्फ से सिकाई, बेहतर मुद्रा में उठने-बैठने, व्यायाम आदि से भी अक्सर राहत मिल जाती है। लेकिन, मांसपेशियों में खिंचाव के बाद एक हफ्ते तक लगातार दर्द बना रहे, तो डॉक्टर से मिलना चाहिए। खासकर जब दर्द असहनीय हो जाता है या आप सुन्नता या झुनझुनी का अनुभव करते हैं।

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किन कारणों से होती है समस्या

एक ही मुद्रा (पोश्चर) जैसे घंटों बैठे रहने से मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है। टीवी देखते समय लगातार बैठे या लेटे रहना, मोबाइल का लंबे समय तक प्रयोग, किसी यंत्र का प्रयोग लगातार करने, किसी भारी चीज को उठाने के समय गलत तरीके से पोश्चर रखने, बार-बार एक ही मांसपेशी पर दबाव डालने से दिक्कत बढ़ने की आशंका रहती है।

ऐसे करें बचाव

  • घर या कार्यस्थल पर लगातार बैठे रहने का काम है, तो अपना पोश्चर बदलते रहें। एक ही स्थिति में लगातार बैठने से बचें।
  • ऑफिस में जिस टेबल, कुर्सी का प्रयोग करते हैं, एग्रोनोमिक्स के हिसाब से बने हों ताकि किसी अंग पर अधिक जोर न पड़े।
  • अगर किसी एक अंग का प्रयोग कामकाज में निरंतर होता है, तो उसे बीच-बीच में बदलते रहें।
  • मोबाइल, ओटीटी देखने, इंटरनेट के निरंतर प्रयोग से गर्दन, कमर में खिंचाव हो सकता है।
  • नियमित कसरत करें ताकि अंगों पर लगातार दबाव पड़ने से उसे सुरक्षित रखा जा सके।
  • खानपान में कैल्शियम, विटामिन-डी और प्रोटीन आदि का समावेश रखना आवश्यक है।
  • लक्षण निरंतर बने रहने पर अनदेखा न करें, चिकित्सक से दिखाएं।

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