National Epilepsy Day: मिर्गी का रूप ले सकती है सिर पर लगी चोट, जानें क्या है इसके अहम कारण और लक्षण
National Epilepsy Day मिर्गी एक ऐसी बीमारी है जो कभी भी किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। यही वजह है कि इस बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक करने के मकसद से हर साल नेशनल एपिलेप्सी डे मनाया जाता है।
By Jagran NewsEdited By: Ruhee ParvezUpdated: Wed, 16 Nov 2022 05:00 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। National Epilepsy Day: मिर्गी एक ऐसी बीमारी है जो किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। आमतौर पर इस बीमारी से बच्चे और युवा ज्यादा ग्रसित पाएं जाते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें पीड़ित को दौरे पड़ते हैं। ये दौरे अक्सर मामूली होते हैं, लेकिन कई बार यह गंभीर रूप भी लेते हैं। इस बीमारी को दवाइयों की मदद से काफी हद तक नियंत्रित किया जाता है। देशभर में कई लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं। ऐसे में मिर्गी को लेकर लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के मकसद से हर साल 17 नवंबर को नेशनल एपिलेप्सी डे मनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं इस बीमारी की वजह और इसके लक्षणों के बारे में-
मिर्गी तंत्रिका तंत्र से जुड़ी एक बीमारी है, जो आमतौर पर नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को तंत्रिका कोशिका की गतिविधि में रुकावट आने की वजह से दौरे पड़ते हैं। इस बीमारी को एंटी-सीजर दवाइयों की मदद से कंट्रोल किया जाता है, लेकिन जब दवाइयां भी बेअसर होने लगती है, तो सिर्फ सर्जरी ही एकमात्र उपाय बचता है।
मिर्गी की बीमारी के कारण
वहीं, बात करें इस बीमारी की वजह की तो, व्यक्ति कई वजह से इसकी चपेट में आ जाता है। दिमाग पर लगी किसी तरह की चोट या किसी चोट का निशान रह जाने से लोग इस बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं। इसके अलावा हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो किसी लंबी बीमारी, तेज बुखार या दिल की बीमारी के मरीज को भी मिर्गी की बीमारी होने की संभावना होती है। इसके अलावा यह अनुवांशिक कारणों से भी लोगों तक पहुंच सकती है।मिर्गी के लक्षण
मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति को आमतौर झटके लगते हैं और व्यक्ति बेहोश हो जाता है। इन सबके अलावा इस बीमारी के और भी ऐसे लक्षण है, जिसे पहचान कर आप इस बीमारी से ग्रसित शख्स की मदद कर सकते हैं।
- अचानक खड़े-खड़े गिर जाना
- बिना किसी बात के अचानक गुस्सा आना
- कुछ समय के लिए कुछ भी याद ना रहना
- बिना किसी वजह के स्तब्ध रह जाना
- शरीर में सनसनी या झुनझुनी होना
- एक जैसा व्यवहार बार-बार करना
- चेहरे, गर्दन और हाथ की मांसपेशियों में झटके आना
- छूने, सुनने और सूंघने के क्षमता में अचानक से बदलाव होना
- थोड़ी-थोड़ी देर में बेहोश होना
मिर्गी के खतरे को बढ़ाने वाले कारण
इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। मिर्गी के मरीज को इसके कारण और लक्षण के साथ ही इसे बढ़ाने वाला कारकों के बारे में भी जानकारी रखनी चाहिए।- दवाओं का सेवन
- तनाव और बुखार
- दवाओं के साइड इफेक्ट्स
- चमकदार या तेज रोशनी
- नींद की कमी
- ज्यादा मात्रा में कैफीन का सेवन
- अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन
- लंबे समय तक भूखा रहना
- ब्लड शुगर बहुत कम होना
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।