National Organ Donation Day 2023: क्या आप भी करते हैं अंग दान से जुड़े इन मिथकों पर यकीन, तो जानें इनकी सच्चाई
National Organ Donation Day 2023 अंग दान करने का मतलब है कि आप किसी को नया जीवन दे रहे हैं। हालांकि जागरूकता की कमी के कारण ऑर्गन डोनर के मन में अंग दान के बारे में कई गलत मिथक और भय हैं। ऐसे में राष्ट्रीय अंगदान दिवस के मौके पर आज हम आपको बताएंगे अंग दान से जुड़े कुछ आम मिथक और उनी सच्चाई। आइए जानते हैं-
By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Thu, 03 Aug 2023 11:10 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। National Organ Donation Day 2023: अंग दान एक ऐसा दान है, जो किसी को नया जीवन दे सकता है। अंग दान की मदद से व्यक्ति कई लोगों को जीने की वजह दे सकता है। यही वजह है कि इसे महादान भी कहा जाता है। हालांकि, आज भी इसे लेकर लोगों के मन में कई सारे भ्रम मौजूद हैं। साथ ही इसे लेकर कई लोगों में जागरूकता की भी कमी है। ऐसे में इसके प्रति जागरूकता फैलना के मकसद से हर साल 3 अगस्त को नेशनल ऑर्गन डोनेशनल डे मनाया जाता है।
आज भी जागरूकता की कमी के कारण, अंग दान करने को लेकर लोगों के मन मेंकई गलत मिथक और भय हैं। राष्ट्रीय अंगदान दिवस का उद्देश्य लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करना है, ताकि वे अंगदान करने का संकल्प लें। इस मौके पर आज हम आपको बताएंगे अंग दान से जुड़े कुछ आम मिथक और उनके तथ्य-
मिथ 1: कोई भी अंग दान कर सकता है।
फैक्ट: हर कोई अंग दान नहीं कर सकता। कुछ मेडिकल कंडीशन वाले लोग कई बार अंग दान नहीं कर पाते। अंग दान करने का फैसला सख्त चिकित्सा मानदंडों पर आधार पर किया जाता है। कुछ बीमारियां जैसे कैंसर, एचआईवी या किसी संक्रमण से पीड़ित लोगों से अंगों का दान नहीं लिया जाता है।नई दिल्ली, ओखला रोड स्थित फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी निदेशक और एडवांस्ड हार्ट फेल्योर प्रोग्राम के प्रमुख डॉ. विशाल रस्तोगी ने बताया कि यह एक मिथक है। किसी भी मेडिकल प्रोसेस की तरह, ऑर्गन और टिशू दान आम तौर पर सुरक्षित होते हैं। ऑर्गन और टिशू डोनेशन एक जीवन रक्षक और जीवन बढ़ाने वाली प्रक्रिया है, जो कई मामलों में रिसीवर और डोनर दोनों को महत्वपूर्ण लाभ पहुंचा सकती है। ऑर्गन और टिशू मृत या जीवित डोनर से लिया जाता है। जांच करने पर केवल वही अंग लिया जाएगा, जो शरीर पर असर नहीं करेगा।
इसके अलावा यह भी मिथक है कि ऑर्गन डोनेशन के लिए डोनर के परिवार से कोई पैसा नहीं लिया जाता है। इसके लिए परिवार से कोई पैसा नहीं लिया जाता है। साथ ही अंगदान एक सुरक्षित प्रक्रिया है और इसमें मृत्यु की संभावना बहुत कम या न के बराबर होती है।
मिथ 2: अंग और टिशूज दान से शरीर खराब हो जाता है।
फैक्ट: अंग दान करने पर डोनेट किए गए ऑर्गन्स को ऑपरेशन से निकाल दिया जाता है, जो शरीर को खराब नहीं करता। अंग दान करने वाले का शरीर दाह संस्कार के लिए वैसे ही रहता है, जैसा पहले था। उसमें दान के कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। नेत्रदान के बाद, एक कृत्रिम आंख डाली जाती है, पलकें बंद हो जाती हैं। बोन डोनेशन के बाद, एक रॉड डाली जाती है, जहां से हड्डी को हटाया जाता है।