National Protein Day 2024: प्रोटीन का समझदारी से इस्तेमाल करना है बेहद जरूरी!
भोजन के जरिये शरीर में पर्याप्त प्रोटीन पहुंच सके इसके लिए हमें अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। वहीं अगर सप्लीमेंट पाउडर के रूप में प्रोटीन ले रहे हैं तो वह कैसे और कितनी मात्रा में हो यह विशेषज्ञ से जान लेना आवश्यक है। हर साल 27 फरवरी को राष्ट्रीय प्रोटीन दिवस मनाया जाता है ताकि इसके बारे में जागरुकता पैदा की जा सके।
नई दिल्ली। शरीर की आंतरिक कार्यप्रणाली और मांसपेशियों की मजबूती के लिए संतुलित मात्रा में प्रोटीन आवश्यक है। हालांकि, आजकल जिस तरह से सप्लीमेंट, पाउडर आदि के रूप में प्रोटीन का असंतुलित सेवन बिना चिकित्सकीय परामर्श के बढ़ रहा है, खासकर बॉडी बिल्डिंग के लिए, उससे फायदा कम नुकसान की अधिक आशंका रहती है। ऐसे में प्रोटीन का निर्धारित मात्रा में ही सेवन होना चाहिए।
इस विषय में ब्रह्मानंद मिश्र ने डॉ. सुरनजीत चटर्जी (सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, इंद्रप्रस्थ अपोलो, नई दिल्ली) से बातचीत की।
प्रोटीन से बनता है शरीर
प्रोटीन को बॉडी बिल्डिंग ब्लॉक्स माना जाता है। इससे शरीर का निर्माण होता है, इसलिए इसका अलग-अलग रूपों में सेवन आवश्यक होता है। शरीर के हार्मोन, एंजाइम आदि सभी में प्रोटीन होता है, यानी प्रोटीन के बिना तो जिंदगी की कल्पना ही नहीं की जा सकती। लेकिन, यह भी ध्यान रखना है कि किसी भी चीज की अति होने से स्वाभाविक रूप से उसका दुष्प्रभाव भी होता है।प्रोटीन की कमी से अनेक तरह के दुष्प्रभाव
चूंकि, हार्मोन, एंजाइम में प्रोटीन होता है और मांसपेशियों व ऊतकों (टिश्यूज) का भी प्रोटीन से निर्माण होता है, ऐसे में अगर प्रोटीन की कमी हो जाए, तो अनेक तरह की दिक्कतें आने लगती हैं। पूरा शरीर कमजोर पड़ने लगता है। खासकर, मांसपेशियों पर प्रोटीन की कमी का बहुत बुरा असर होता है।यह भी पढ़ें: हमारा खानपान ही करता है औषधि का काम, मौसम के हिसाब से ऐसे करें डाइट में बदलाव
हर आयु वर्ग के लिए अलग-अलग जरूरत
आमतौर पर एक स्वस्थ और शारीरिक रूप से सक्रिय व्यक्ति के लिए एक ग्राम प्रति किलोग्राम वजन के हिसाब से प्रोटीन की आवश्यकता होती है। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई 60 किलोग्राम का व्यक्ति है, तो उसे 50 से 60 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। हालांकि, प्रोटीन लेते समय यह भी ध्यान रखना है कि जीवनशैली किस तरह की है। अगर कोई मजदूरी कर रहा है और कोई बैठकर काम कर रहा है, तो दोनों की जरूरतें अलग-अलग होंगी। प्रोटीन आवश्यक मात्रा में और चिकित्सकीय निर्देशानुसार ही लेना चाहिए।
प्रोटीन प्राप्त करने के विकल्प
अगर पर्याप्त ढंग से भोजन के जरिये शरीर को प्रोटीन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, तो सप्लीमेंट का एक विकल्प रहता है। जिन्हें कोई बीमारी या भूख कम लगने जैसी समस्याएं हैं, तो वे सप्लीमेंट के जरिये प्रोटीन की भरपाई कर सकते हैं। जो लोग बॉडी बिल्डिंग या वेटलिफ्टिंग के लिए अत्यधिक और अनियंत्रित प्रोटीन ले रहे हैं, उससे शरीर को नुकसान हो सकता है। कई बार तो लोग खुद से ही प्रोटीन लेना शुरू कर देते हैं। इससे किडनी, लिवर आदि से जुड़ी समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है।प्रोटीन की कमी के लक्षण
- प्रोटीन की कमी होने पर कमजोरी महसूस होने, वजन में गिरावट आने जैसी समस्याएं आ सकती हैं।
- हड्डियों और मांसपेशियों में क्षय जैसी दिक्कतें होती हैं।
- सूजन, फैटी लिवर, त्वचा और बालों की समस्या, संक्रमण और प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने जैसी समस्याएं आ सकती हैं।
- प्रोटीन के प्राकृतिक स्रोत
- आमतौर पर गैर-शाकाहारी खाद्यों में प्रचुर प्रोटीन होता है।
- घी, पनीर और अन्य दुग्ध उत्पादों के जरिये प्रोटीन की पर्याप्त आपूर्ति की जा सकती है।
- बादाम, अंडे, दाल और सोया उत्पादों के माध्यम से प्राकृतिक रूप से प्रोटीन प्राप्त किया जा सकता है।
- अगर प्रोटीन पाउडर, सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो वह हमेशा अच्छे विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में ही लें।