Spine Problem Care TIPS: गंभीरता से लें स्पाइन की चोट को, कहीं देरी में लकवाग्रस्त न हो जाएं
गाजियाबाद मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल के न्यूरो सर्जरी विभाग के निदेशक डा. मनीष वैश्य ने बताया कि लिगामेंट्स और मांसपेशियों से स्पाइन को मिलता है सुरक्षा कवच फिर भी इसकी चोट को गंभीरता से लेना चाहिए। कई बार इसकी चोट बनती है शारीरिक निष्क्रियता का कारण...
By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Tue, 20 Sep 2022 04:15 PM (IST)
गाजियाबाद, डा. मनीष वैश्य। स्पाइन से गुजरने वाली स्पाइनल कार्ड जो गर्दन से कमर तक होती है, उसमें मौजूद तंत्रिकाएं मस्तिष्क और शरीर के मध्य संदेशों को ट्रांसफर करती हैं। इसलिए स्पाइन में होने वाली क्षति के कारण शरीर का मूवमेंट प्रभावित (पैरालेसिस की स्थिति) होता है। स्पाइनल कार्ड को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पहुंचे नुकसान को स्पाइनल कार्ड इंजुरी कहते हैं। इस क्षति के कारण शरीर की शक्ति, संवेदना और कार्य प्रभावित होते हैं। स्पाइनल की चोट से कोई भी ग्रसित हो सकता है, लेकिन पुरुषों में इसके मामले अधिक देखे जाते हैं।
इन्हें है ज्यादा खतरा
-16-30 वर्ष या 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग-जो लोग जोखिम वाली गतिविधियों में भाग लेते हैं, जैसे बिना सुरक्षा के ड्राइविंग या खेलकूद की गतिविधियों में भाग लेना
-जिन्हें हड्डियों या जोड़ों से संबंधित कोई डिसआर्डर जैसे अर्थराइटिस या आस्टियोपोरोसिस है
-जो लोग शारीरिक रूप से कमजोर होते हैंकारण-रीढ़ की हड्डी में अचानक लगी कोई चोट- सड़क दुर्घटनाएं-खेलकूद या मनोरंजक गतिविधियों में लगी कोई चोट-हिंसक गतिविधियों में लगी कोई चोट- ऊंचाई से गिर जाना-स्वास्थ्य समस्याएं जैसे अर्थराइटिस, कैंसर, सूजन, संक्रमण या स्पाइन की डिस्क डिजनरेशन/विकृति के कारण भी स्पाइनल कार्ड को क्षति पहुंच सकती है
लक्षण-मूवमेंट प्रभावित होना-संवेदना खत्म हो जाना-नर्व के क्षतिग्रस्त होने से दर्द, कड़ापन या झनझनाहट महसूस होना-हाथों, अंगुलियों, पैरों या पैरों की अंगुलियों में सुन्नपन होना-कमजोरी महसूस होना और संतुलन बनाने में परेशानी होना- शरीर के किसी भाग या पूरे शरीर का लकवाग्रस्त हो जाना-एकाग्रता की कमी-चलने, खड़े होने, सांस लेने, खांसने आदि में परेशानी होना
प्रमुख जांचें-एक्स-रे-सीटी स्कैन-एमआरआई स्कैन-म्येलोग्राम-सोमैटोसेनसरी इवोक्ड पोटेंशियल टेस्टिंग या मैग्नेटिक स्टिम्युलेशन आदि।उपचारस्पाइन की चोट का तुरंत उपचार कराने की जरूरत होती है। अगर उपचार न कराया जाए तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। मामूली से लेकर मध्यम स्तर की चोटों को दवाइयों और दूसरे उपचारों से ठीक किया जा सकता है, लेकिन गंभीर मामलों में सर्जरी का विकल्प अपनाया जाता है। सर्जरी में माइक्रो-एंडो डिसेक्टोमी, स्पाइनल फ्यूजन, एंटेरियर लंबर इंटरबाडी फ्यूजन, पोस्टेरियर लंबर इंटरबाडी फ्यूजन, ट्रांसफोरामिनल लंबर इंटरबाडी फ्यूजन, सर्जिकल डिकंप्रेशन, कायफोप्लास्टी/वर्टिब्रोप्लास्टी, स्पाइनल कार्ड स्टीम्युलेशन जैसे ढेरों विकल्प मौजूद हैं।