Winter Health Tips: संतुलित भोजन और व्यायाम से सर्दियों को बनाएं सेहत का मौसम
Winter Health Tips दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन के निदेशक डा. जुगल किशोर ने बताया कि ठंड से बहुत जल्दी प्रभावित होता है स्वास्थ्य। ऐसे में जरा सी असावधानी कर सकती है बीमार। संतुलित भोजन संयमित जीवनशैली और बीमारियों से बचाव के उपाय अपनाकर रहें सेहतमंद...
By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Sanjay PokhriyalUpdated: Tue, 22 Nov 2022 07:24 PM (IST)
नई दिल्ली, रणविजय सिंह। सेहतमंद रहने के लिए मौसम के अनुकूल रहना आवश्यक है। सर्दियों में स्वस्थ रहना चुनौती भरा होता है। इन दिनों कम तापमान, अधिक नम मौसम और कोहरा के कारण धूलकण वातावरण में अधिक ऊपर नहीं उठ पाते हैं। इसके कारण धूलकण व प्रदूषक धरातल से कम ऊंचाई पर वातावरण में मौजूद रहते हैं। सर्दियों में प्रदूषण का स्तर अधिक रहता है। पीएम-10 और पीएम-2.5 जैसे हानिकारक कण भी सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं। इससे जो लोग किसी बीमारी से ग्रसित हैं, उनकी परेशानी और बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त सर्दियों में मौसमी बीमारियों के संक्रमण की आशंका भी अधिक रहती है। जहरीली हवा स्वस्थ लोगों की सेहत पर भी बुरा असर डालती है। इसलिए सजग रहकर सर्दी से बचने के सभी उपाय अपनाएं, जिससे प्रभावित न होने पाए सेहत।
बढ़ता है संक्रमण
ठंड के कारण अस्थमा, ब्रांकाइटिस व सीओपीडी (क्रानिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) की बीमारी तीव्र हो जाती है। इसके साथ ही हार्ट अटैक व स्ट्रोक का खतरा भी अधिक रहता है। गले में खराश, जुकाम और खांसी जैसी मौसमी बीमारियों का भी संक्रमण फैलता है। ठंड की चपेट में आने से ब्लडप्रेशर व डायबिटीज अनियंत्रित हो सकती है। इसलिए सांस या िकसी अन्य गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को अिधक सतर्कता बरतने की जरूरत होती है। इसलिए जब भी घर से बाहर निकलें, मास्क का प्रयोग जरूर करें।
त्वचा का शुष्क होना
सर्दी के मौसम में त्वचा शुष्क हो जाती है और रूखापन आ जाता है। इसलिए नहाने के बाद शरीर में किसी तेल या क्रीम का प्रयोग जरूर करें, जिससे त्वचा को पर्याप्त पोषण मिल सके।बढ़ जाती हैं जोड़ों की समस्याएं
सर्दियों में लोग अधिक चिकनाईयुक्त व मसालेदार चीजों का सेवन करते हैं। शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं और ज्यादातर लोग व्यायाम से दूरी बना लेते हैं। इसके कारण वजन बढ़ता है। इसका असर शरीर के जोड़ों पर पड़ता है। सर्दी में धूप कम या कई दिनों तक नहीं निकलती है। इससे शरीर में विटामिन-डी की कमी होती है, जो जोड़ों में दर्द, अकड़न व गठिया की परेशानी बढ़ाती है।
नियंत्रित रखें ब्लडप्रेशर व डायबिटीज
सर्दियों में सुबह तीन से चार बजे का समय अधिक संवेदनशील होता है। ठंड के कारण धमनियां सिकुड़ जाती हैं। इससे रक्त संचार और आक्सीजन की आपूर्ति प्रभावित होती है। ये स्थिति ब्लडप्रेशर बढ़ने का कारण बनती है। ऐसे में हृदय रोगियों को अतिरिक्त सजगता बरतनी चाहिए। हार्ट अटैक व स्ट्रोक से बचने के लिए ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्राल और डायबिटीज की जांच समय-समय पर कराते रहें। िकसी बीमारी से ग्रसित हैं तो समय पर दवाएं लेना और जांच कराना न भूलें। तनाव से बचें और अधिक थकान, सांस लेने में परेशानी व छाती में भारीपन जैसीसमस्या हो तो तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लें।