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World Food Day : जी ललचाए, रहा न जाए, खान-पान में रखें संतुलन तो रहेंगे स्वस्थ

जंक फूड की महक बढ़ा देती है भूख और आप झटपट टूट पड़ते हैं जंक फूड वाली थाली पर। पर जरा ठहरें। इसमें है आपका बड़ा नुकसान। आइए जानें कि ऐसा क्या करें जिससे पोषण के साथ मिले स्वाद का साथ भी...

By Brahmanand MishraEdited By: Updated: Fri, 14 Oct 2022 05:21 PM (IST)
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किशोरों में ही नहीं छोटी उम्र के बच्चों को भी क्रोनिक बीमारी का खतरा बढ़ गया है।

सीमा झा। स्वाद ही नहीं, पोषणयुक्त खाना बढ़ती उम्र में बहुत आवश्यक है, पर आपमें से ज्यादातर को भाता है जंक फूड। इसकी महक बढ़ा देती है भूख और आप झटपट टूट पड़ते हैं जंक फूड वाली थाली पर। पर जरा ठहरें। इसमें है आपका बड़ा नुकसान। आइए जानें कि ऐसा क्या करें जिससे पोषण के साथ मिले स्वाद का साथ भी...

एक वक्त था जब शुभम स्कूल जाते, पर अक्सर मेडिकल रूम में पाए जाते। मेडिकल रूम यानी स्कूल में अचानक तबीयत बिगड़ जाए तो जहां छात्रों की देखभाल की व्यवस्था होती है। शुरू में तो अच्छा लगता, जब शुभम को टीचर की सहानुभूति और दोस्तों का प्यार मिलता। सब उसका ध्यान रखते, लेकिन अचानक एक दिन शुभम ने स्कूल जाने से मना कर दिया। वह चिड़चिड़े और आक्रामक हो गए थे। भूख भी नहीं लगती थी। उनके माता-पिता बात समझ में नहीं आई। उन्हें लगा शुभम बहाना बना रहे हैं इसलिए खूब डांट लगायी। पर जब उन्हें डाक्टर के पास ले गए तो पता चला इसका कारण है डिब्बाबंद खाना, आनलाइन डिलीवरी से बाहर से मंगाये गए खाने का शौक। वह घर का बना खाना खाने में बहुत आनाकानी करते थे।

दूसरी तरफ, ऋचा हैं। पढ़ाई में बहुत होशियार पर खेलकूद में चाहकर भी भाग नहीं ले पातीं। वजन ज्यादा है और एनर्जी भी कम महसूस होती है। दोस्त मोटापे का मजाक बनाते हैं सो अलग। वह डायटिशियन के पास वजन घटाने के लिए कुछ टिप्स लेने गईं तो उन्हें डाक्टर ने मना कर दिया। आप सोचेंगे क्यों? इसका जवाब खुद दिल्ली की सीनियर डायटिशियन डाक्टर अर्चना बत्रा देती हैं, ‘यह उम्र डायट कंट्रोल करने की नहीं होती क्योंकि इस समय शरीर को कार्ब भी चाहिए और फैट भी। प्रोटीन, आयरन व कैल्शियम भी बेहद जरूरी है बढ़ती उम्र के लिए।’

डा. अर्चना के अनुसार, केवल किशोरों में ही नहीं छोटी उम्र के बच्चों को भी क्रोनिक बीमारी का खतरा बढ़ गया है। अब नौ-दस साल की उम्र के बच्चों के कोलेस्ट्राल जांच के लिए कहा जाता है। शुगर का खतरा हमेशा मंडराता है और कारण सिर्फ एक है-बिना सोचे समझे कुछ भी खा लेना। अपनी दिनचर्या में ऐसे भोजन को शामिल करना जो स्वाद में तो बच्चों को खूब भाता है लेकिन उनकी सेहत का है बड़ा दुश्मन।

जब लुभाए ओरिगेनो की महक

आप कहेंगे कि जंक फूड का नुकसान है लेकिन यही आपको पसंद है। आप तो छोड़ देंगे इसे खाना, पर विकल्‍प क्‍या है? धर्मशिला नारायणा अस्‍पताल की वरिष्ठ डायटिशियन डाक्‍टर पायल शर्मा के अनुसार, ‘चाइनीज में पड़े ओरिगेनो मसाले की महक के बाद आप खुद को रोक नहीं पाते। फटाफट आनलाइन डिलीवरी या घर पर बने झटपट तैयार होने वाला मसालेदार, चटखारेदार खाना जब सामने हो तो खाए बिना रहा नहीं जाता। पर क्‍या इसे आप लंबे समय तक ले सकते हैं? जाहिर है आप कहेंगे हां रोज नहीं।’ डा. पायल के अनुसार, जंक फूड और डिब्‍बा बंद खाने में इस्‍तेमाल होने वाले मसाले, सोडियम सेहत को तुरंत नुकसान पहुंचा सकते हैं। ओजिनोमोटो तो पेट में अल्‍सर तक बना सकता है।

स्‍मार्ट बनें, स्वस्थ रहें

पौष्टिक खाने के बजाय जंक फूड और अपनी पसंद का ही फूड खाते हैं तो यह स्‍मार्ट होने की निशानी नहीं। यहां डा. अर्चना बत्रा कहती हैं,‘आप स्‍मार्ट तभी कहलाएंगे जब हेल्‍दी रहेंगे और हेल्‍दी रहने के लिए जरूरी नहीं कि उबला और फीका खाना ही खाएं। आप घर पर ही स्‍वाद भरा खाना तैयार कर सकते हैं।’ डा. पायल शर्मा कहती हैं, सबसे पहले तो जंक फूड के नुकसान और हेल्‍दी खाना क्‍यों जरूरी है, इसे समझें। इसके बाद आप स्वयं कहेंगे कि हां, आपके लिए जरूरी है हेल्‍दी खाना। हेल्‍दी में भी स्‍वाद है इसका पता हो जाए तो यह इतना मुश्किल भी नहीं।

झटपट रेसिपी, जो खुद तैयार कर सकते हैं आप

  • नूडल्‍स खाना पसंद है तो आटा या मल्‍टीग्रेन नूडल लें। उसमें ढेर सारी सब्जियां डालकर पकाएं।
  • पास्‍ता को सब्जियों के सूप में उबालें और प्‍याज, सब्जियां डालकर पकाएं।
  • आप जंक फूड के ड्रेसिंग के लिए मियोनीज पसंद करते हैं तो हंग योगर्ट बनाएं। इसे आप दही से पानी निकालकर उसमें नमक, लहसुन का पेस्‍ट डालकर तैयार करें।
  • आप हंगकर्ड सैंडविच भी चाव से खा सकते हैं।
  • यदि आप सफेद सास पास्ता बनाने जा रहे हैं तो गोभी या घीया की प्युरी इस सास में डाल कर इसे और ज्यादा हेल्दी बना सकते हैं। इससे पास्ता में फाइबर जुड़ जाएगा और स्वाद भी बना रहेगा भरपूर।
  • सास के रूप में आप हमस या पेस्‍तो बना सकते हैं। सालसा बना सकते हैं जो टमाटर और पाइनएपल का भी बन सकता है और आपको सामान्य मियोनीज के नुकसान से बचा सकता है।
  • बेसन के चीले में अंकुरित नट डालकर बना सकते हैं। टमाटर और प्‍याज के साथ इसकी फीलिंग बर्गर में भी कर सकते हैं। नार्मल बटर के स्‍थान पर पीनट या अल्‍मंड बटर का उपयोग करें।
  • रोल पसंद है तो रोटी में सब्जियां डाल कर बना सकते हैं।

चाहिए अंदरूनी शक्ति

डा. पायल शर्मा, वरिष्ठ डायटिशियन

यदि आपकी समस्‍या है कि जंक फूड के बिना नहीं रह पाते तो एक नियम काम करेगा। आउट आफ साइट, आउट आफ माइंड और आउट आफ डाइट का नियमत यानी सामने नहीं दिखेगा तो मन भी नहीं करेगा और यह आपके डाइट में भी शामिल नहीं हो पाएगा। हां, वजन कम करने वाली डाइट का पालन करने का यह अच्छा समय नहीं है। भोजन छोड़ने का मतलब है विटामिन, खनिज और कार्बोहाइड्रेट की कमी होना, जिससे ऊर्जा की कमी हो सकती है। ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है।

विश्व खाद्य दिवस

विश्व खाद्य दिवस का उद्देश्य है खाद्य सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना और सबको स्वस्थ भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास करना। इस दिन की शुरुआत 1945 में स्थापित हुए संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के द्वारा की गई। इस संगठन ने 1979 में अपने 20वें सम्मेलन में विश्व खाद्य दिवस मनाने की घोषणा की। इसके बाद 1981 से प्रति वर्ष 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाने लगा। इस वर्ष विश्व खाद्य दिवस का थीम है-‘किसी को पीछे न छोड़ें’।