सास-ससुर से अलग रहने वाली महिलाओं में डिप्रेशन का है ज्यादा जोखिम! न्यू मदर्स को जरूर पढ़नी चाहिए यह खबर
बड़े-बुजुर्ग हमेशा से कहते आए हैं कि मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए एक दूसरे का साथ और आपसी मेलजोल काफी जरूरी होता है। खासकर तब जब आप न्यू मदर हों। हाल ही में एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि सास-ससुर माता-पिता या फिर पार्टनर से अलग रहने वाली महिलाओं में डिप्रेशन का खतरा ज्यादा रहता है। आइए जानते हैं।
एजेंसी, हेलसिंकी। Postpartum Depression: एक महिला के लिए शादी से पहले माता-पिता और दादा-दादी, तो वहीं शादी के बाद सास-ससुर उसकी जिंदगी में कितने अहम बन जाते हैं, यह किसी से छिपी बात नहीं है। दरअसल, अब एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि स्वस्थ सास-ससुर या फिर माता-पिता के साथ रहने से डिप्रेशन का रिस्क कम रहता है।
फिनलैंड के हेलसिंकी यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर, जनसांख्यिकी शोधकर्ता डॉ. नीना मेत्सा-सिमोला कहती हैं कि अगर मां-बाप की उम्र 70 साल से कम है, वह वर्किंग हैं और उन्हें कोई सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम नहीं है, तो बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं के एंटी डिप्रेशन दवाएं खरीदने की संभावना कम होती है।
डिप्रेशन से बचने के लिए एक दूसरे का साथ है जरूरी
रिपोर्ट के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने सन 2000 से 2014 के बीच फिनलैंड में छोटे बच्चों की 4.88 लाख माताओं पर नजर रखी। शोध में इस बात का भी ध्यान रखा गया कि न्यू मदर्स के साथ उनकी देखभाल के लिए कोई था या नहीं।
यह भी पढ़ें- न्यू मॉम कैसे हो जाती हैं इस डिप्रेशन का शिकार? क्या है Postpartum Depression, A to Z समझिए पूरा मामला
इसके अलावा माता-पिता, दादा-दादी या सास-ससुर की उम्र, हेल्थ और न्यू मदर्स के साथ उनकी दूरी भी शामिल की गई। डॉ. मेत्सा-सिमोला कहती हैं, कि जिन परिवारों में छोटे बच्चे हैं, उनमें लोगों को डिप्रेशन से बचाने के लिए एक दूसरे का साथ जरूरी होता है।