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Skin Swab Tests Detect COVID-19: कोविड-19 का जल्द ही पता लगा सकता हैं स्किन स्वैब टेस्ट, जानिए रिसर्च

Skin Swab Tests Detect COVID-19 शरीर की वसामय ग्रंथियों द्वारा निर्मित सीबम जो एक तैलीय पदार्थ है उसमें इतनी क्षमता है कि वो हमारे शरीर पर वायरस के प्रभाव को देखने के साथ ही वायरस की प्रकृति के बारे में भी बता सकता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 16 Mar 2021 04:27 PM (IST)
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कोविड-19 मेटाबॉलिज्म के कई क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाता है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। पिछले एक साल से कोरोनावायरस तेजी से फैल रहा है। इस वायरस का पता लगाने के लिए व्यापक रूप से पॉलीमीरास चैन रिएक्शन (pcr) टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट को करने के लिए नाक और गले के पीछे से नमूना लिया जाता है जिससे कोरोनावायरस से पीड़ित होना का पता लगता है। लेकिन लैंसेट ई क्लिनिकल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, गैर-इनवेसिव स्किन स्वैब के नमूने कोरोनावायरस का जल्दी पता लगाने के लिए पर्याप्त हो सकते हैं।

ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ सुर के शोधकर्ताओं के मुताबिक कोरोनावायरस के निदान के लिए मेटाबोलिज्म पर इसके प्रभाव की जांच करने की जरूरत है। शरीर की वसामय ग्रंथियों द्वारा निर्मित सीबम जो एक तैलीय पदार्थ है उसमें इतनी क्षमता है कि वो हमारे शरीर पर वायरस के प्रभाव को देखने के साथ ही वायरस की प्रकृति के बारे में भी बता सकता है।

रिसर्च में हुआ खुलासा:

शोधकर्ताओं ने अध्ययन को प्रमाणित करने के लिए अस्पताल में भर्ती 67 मरीजों के सीबम के नमूने एकत्रित किए, जिनमें 30 का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव था जबकि 37 का निगेटिव था। सीबम नमूनों को एकत्र करने के लिए चेहरे, गर्दन या पीठ की स्किन को धीरे-धीरे रगड़कर नमूने लिए गए थे। टीम ने कोविड-19 के पॉजिटिव और निगेटिव नमूनों में अंतर करने के लिए तरल क्रोमैटोग्राफी मास स्पेक्ट्रोमेट्री और एक सांख्यिकीय मॉडलिंग तकनीक का उपयोग करके नमूनों का विश्लेषण किया है।

मैनचेस्टर और लीसेस्टर विश्वविद्यालयों के शोधकर्ता ने अध्ययन में पाया है कि पॉजिटिव कोविड-19 परीक्षण वाले रोगियों में निगेटिव परीक्षण वालों की तुलना में लिपिड स्तर या डिस्लिपिडेमिया कम था। उन्होंने नोट किया कि दवा और अतिरिक्त स्वास्थ्य स्थितियों को नियंत्रित करने पर निष्कर्षों की सटीकता में और वृद्धि हुई।

मेटाबॉलिज्म के कई हिस्सों को नुकसान पहुंचाता है कोविड-19

सरे विश्वविद्यालय के इस अध्ययन से पता चलता है कि भविष्य में कोविड-19 जैसी बीमारियों के परीक्षण के लिए शोधकर्ता गैर-इनवेसिव साधनों का उपयोग करने में सक्षम हो सकते हैं। वहीं, एक अन्य सह-लेखक मैट स्पिक ने कहा कि कोविड-19 मेटाबॉलिज्म के कई क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाता है। वहीं फ्रिमली पार्क अस्पताल में एनेस्थीसिया एंड इंटेंसिव केयर मेडिसिन के सलाहकार जॉर्ज इवेट्स के अनुसार कोविड-19 जैसी नई बीमारी के निदान और निगरानी के लिए नए तरीकों की जांच करना महत्वपूर्ण है। प्रमुख शोधकर्ता इवेट्स ने कहा कि सीबम सैंपलिंग एक सरल, गैर-इनवेसिव विधि है, जो बीमारी के निदान और निगरानी के लिए आशा की किरण दिखाता है। 

                          Written By: Shahina Noor