ज्यादा या कम वजन बन सकता है इनफर्टिलिटी की वजह, इन 4 बातों का जरूर रखें ध्यान
क्या आप जानती हैं कि आपका वजन भी आपकी फर्टिलिटी को प्रभावित करता है। कम या ज्यादा वजन होने की वजह से शरीर में कुछ बदलाव होते हैं जो महिलाओं में इनफर्टिलिटी या गर्भपात की वजह बन सकते हैं। आइए इस बारे में डॉक्टर से जानते हैं कि कैसे वजन फर्टिलिटी पर असर डालता है और इस परेशानी से बचने (Infertility Prevention Tips) के लिए क्या करें।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Infertility Prevention Tips: बीएमआई (Body Mass Index) एक व्यक्ति के वजन और ऊंचाई के अनुपात को मापने का एक तरीका है। यह एक व्यक्ति के शरीर के फैट पर्सेंटेज का अनुमान लगाने में मदद करता है। हालांकि, बीएमआई किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के स्वस्थ या अस्वस्थ होने का सूचक नहीं है, लेकिन इससे फर्टिलिटी पर जरूर प्रभाव (Obesity and Underweight Impact) पड़ता है। खासकर महिलाओं में (female infertility Causes)। इस बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए हमने डॉ. आस्था दयाल (सी.के. बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम के स्त्रीरोग एवं प्रसुति विभाग की निदेशक) से बात की। आइए जानें इस बारे में उन्होंने क्या बताया।
डॉ. दयाल बताती हैं कि बीएमआई कम या ज्यादा होने की वजह से इनफर्टिलिटी या गर्भपात की संभावना बढ़ सकती है। कई अध्ययनों के मुताबिक भी, जिन महिलाओं का बीएमआई सामान्य रेंज (18.5-24.9) से बाहर होता है, उन्हें गर्भधारण करने में समस्याएं हो सकती हैं।यह भी पढ़ें: क्या है महिलाओं की कमर के साइज और इंफर्टिलिटी में संबंध, स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
ज्यादा बीएमआई से होने वाली परेशानियां-
- हार्मोनल असंतुलन- मोटापा पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन और महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन के स्तर को प्रभावित करता है। ये हार्मोन रिप्रोडक्शन के लिए जरूरी होते हैं।
- ओवरीज की समस्याएं- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) जैसी स्थितियां, जो अक्सर मोटापे से जुड़ी होती हैं, अनियमित पीरियड्स और ओव्यूलेशन की समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
- शरीर में सूजन- मोटापा शरीर में सूजन बढ़ा सकता है, जो अंडे और स्पर्म्स के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
- गर्भधारण के दौरान परेशानियां- मोटापा गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर, जेस्टेशनल डायबिटीज और प्रीक्लेम्पसिया का खतरा बढ़ा सकता है।
कम बीएमआई के कारण होने वाली समस्याएं-
- अनियमित पीरियड्स- कम वजन वाली महिलाओं में अक्सर अनियमित पीरियड्स होते हैं, जिससे ओव्यूलेशन की समस्याएं हो सकती हैं।
- पोषक तत्वों की कमी- कम वजन वाली महिलाओं में आयरन, विटामिन-डी, और अन्य जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जो रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए जरूरी हैं।
- गर्भपात का खतरा- कम वजन वाली महिलाओं में गर्भपात का खतरा ज्यादा होता है।
बचाव के लिए क्या करें?
- हेल्दी डाइट- अपनी डाइट में सभी प्रकार के हेल्दी फूड्स, जैसे साबुत अनाज, फल, सब्जियां, लीन प्रोटीन, हेल्दी फैट्स, दूध,दही आदि को शामिल करें। इससे सही वजन हासिल करने में मदद मिलेगी और फर्टिलिटी भी बेहतर होती है।
- नियमित एक्सरसाइज- नियमित एक्सरसाइज करने से पूरी सेहत को फायदा पहुंचता है, जिसमें रिप्रोडक्टिव हेल्थ भी शामिल है। साथ ही मसल गेन करने के लिए या वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज करना जरूरी है। इससे हेल्दी वजन बनाए रखने में मदद मिलती है।
- तनाव प्रबंधन- तनाव बढ़ने की वजह से हार्मोन असंतुलन हो सकता है। इसकी वजह से फर्टिलिटी बढ़ सकती है। इसलिए योग और मेडिटेशन करें। इससे तनाव कम करने में मदद मिलती है।
- डॉक्टर से सलाह- अगर आपको हेल्दी वजन बनाए रखने में परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेना फायदेमंद है। वो आपके लिए स्पेशल डाइट और एक्सरसाइज का सुझाव दे सकते हैं।