Obesity: इससे पहले मोटापा बनाए आपको अपना शिकार, खान-पान की आदतों में करें ये जरूरी बदलाव
मोटापा एक बीमारी है जो सेहत से जुड़ी कई समस्याओं की वजह बन सकता है। शरीर में ज्यादा फैट इकट्ठा होने की वजह से सेहत से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं जैसे- हार्ट डिजीज फैटी लिवर डायबिटीज आदि। मोटापे से बचाव करने के लिए खान-पान की आदतों में बदलाव करना काफी आवश्यक है। जानें खान-पान की आदतों में कौन से बदलाव जरूरी है।
By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Mon, 12 Feb 2024 04:31 PM (IST)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Obesity: हल्का-फुल्का वजन बढ़ना कोई समस्या की बात नहीं है। थोड़ा बहुत वजन ऊपर-नीचे होना, बेहद सामान्य बात है, जो सभी के साथ होता है। यह परेशानी तब बनता है, जब वह सामान्य बीएमआई से अधिक हो जाता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, 25 या उससे अधिक बीएमआई को ओवरवेट और 30 या उससे अधिक को ओबीस यानी मोटापा कहा जाता है। ओबीसिटी एक क्रॉनिक बीमारी है, जिसमें शरीर में अधिक फैट इकट्ठा होने लगता है, जिस कारण से बॉडी के कई सामान्य फंक्शन्स में रुकावट होने लगती है और कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी काफी बढ़ जाता है।
मोटापे के नुकसान...
मोटापे की वजह से दिल की बीमारियां, डायबिटीज, स्लीप एपनिया, फैटी लिवर, आर्थराइटिस जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं। इन मेडिकल कंडिशन्स के अलावा, मोटापे की वजह से आपके आत्म विश्वास पर काफी नकरात्मक प्रभाव पड़ता है। इस वजह से, कई बार व्यक्ति अधिक लोगों से मिलने से संकोच करने लगता है या हमेशा कुछ को क्रिटिसाइज करता रहता है। इस कारण से मोटापा आपकी शारीरिक ही नहीं बल्कि, मानसिक सेहत के लिए भी काफी हानिकारक होता है। इसलिए इससे बचाव करना बेहद आवश्यक है।
मोटापे से बचाव करने के लिए लाइफस्टाइल के साथ-साथ ईटींग हैबिट्स में भी बदलाव करने की जरूरत होती है। खान-पान की आदतों में सुधार करके, इस समस्या से बचाव करने में काफी मदद मिल सकती है। आइए जानते हैं, मोटापे से बचाव के लिए खान-पान की आदतों में किए जाने वाले जरूरी बदलाव।
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खाने का पोर्शन नियंत्रित करें
खाते समय हमेशा इस बात का ख्याल रखें कि आप ओवरईट तो नहीं कर रहे हैं। ओवर ईटींग की वजह से मोटापे का खतरा रहता है। इसलिए अपने खाने के पोर्शन पर ध्यान दें। उतना ही खाना लें, जिसके बाद आपको ज्यादा फुल महसूस न हो। साथ ही, थोड़ा-थोड़ा करके लगातार न खाएं, इसके बदले अपने खाने की टाइमिंग के बीच थोड़ा ब्रेक लें, ताकि आपके शरीर में एक्स्ट्रा कैलोरी इकट्ठा न हो।