Breast Cancer Awareness Month: महिलाएं खुद ही घर पर कर सकती हैं स्तन कैंसर की जांच, इन टिप्स की मदद से
Breast Cancer Awareness Month भारत में हर साल हजारों महिलाएं स्तन कैंसर से प्रभावित होती हैं। इनमें से अधिकतर मामलों में समय पर कैंसर का पता नहीं लग पाता है और कैंसर तीसरी या चौथी स्टेज तक पहुंच जाता है। कैंसर के अंतिम चरणों में इसका इलाज कर पाना लगभग असंभव सा हो जाता है तो घर पर सेल्फ एग्जामिनेशन से भी पता सकती हैं इस कैंसर का पता।
By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Sat, 07 Oct 2023 03:11 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Breast Cancer Awareness Month: हर साल अक्टूबर महीने में 1 से लेकर 31 अक्टूबर को ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के तौर पर मनाया जाता है। ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं को होने वाली सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है। बीते कुछ सालों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। रिसर्च बताती है कि भारत में हर चार मिनट में एक महिला को स्तन कैंसर के बारे में पता चलता है। इसके बढ़ते आंकड़ों ने सर्वाइकल कैंसर को पीछे छोड़ दिया है, जो भारतीय महिलाओं में सबसे अधिक होने वाली घातक बीमारी है और हर साल इसके 1,78,000 से ज्यादा नए मामले सामने आते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर की प्रॉब्लम बहुत आम होती जा रही है। हर साल सैंकड़ों महिलाएं समय पर इस कैंसर की पहचान ना हो पाने के कारण अपनी जान से हाथ धो बैठती हैं। बीआरसीए1 (स्तन कैंसर जीन 1) और बीआरसीए2 (स्तन कैंसर जीन 2) जीन पर विशेष ध्यान देने के साथ ही स्तन कैंसर को समझने पर आनुवंशिक परीक्षण का गहरा प्रभाव पड़ता है। बीआरसीए1/2 जीन में एक रोगजनक उत्परिवर्तन की मौजूदगी से स्तन और अंडाशय में कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
बीआरसीए1 और बीआरसीए2 जीन्स क्या हैं?
बीआरसीए1 और बीआरसीए2 मानव जीन्स हैं। ये ऐसे प्रोटीन्स का उत्पादन करते हैं, जो ट्यूमर को विकसित होने से रोकने और कोशिका के डीएनए की स्थिरता को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं। इन जीन्स में उत्परिवर्तन की वजह से स्तन, अंडाशय, प्रोस्टेट और अग्नाशय जैसे कैंसर होने की संभावना बढ़ सकती है। ये उत्परिवर्तन छोटे रूप में हो सकते हैं और पीढ़ियों तक भी प्रसारित हो सकते हैं।संभावित जोखिम कारकों की पहचान करना स्तन कैंसर के खिलाफ जंग में जीत की तरफ पहला कदम है। बीआरसीए1/2 जीन में एक हानिकारक उत्परिवर्तन की वजह से एक महिला के जीवनकाल में स्तन कैंसर विकसित होने का जोखिम 70% तक बढ़ जाता है। स्वस्थ व्यक्तियों में भी ऐसे उत्परिवर्तन की उपस्थिति के बारे में जागरूकता का होना महत्वपूर्ण है, जिससे भविष्य में कैंसर विकसित होने के जोखिम का आकलन किया जा सके। अगर बीआरसीए1/2 उत्परिवर्तन के लिए किसी व्यक्ति का टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो उसे एक ऑन्कोलॉजिस्ट से परामर्श और निवारक उपायों पर चर्चा करना चाहिए, जिसमें जीवनशैली और आहार में बदलाव, सेल्प टेस्ट, अल्ट्रासोनोग्राफी और मैमोग्राम द्वारा नियमित जांच, जोखिम कम करने वाली दवा और सर्जिकल उपचार शामिल हैं।
किन लोगों को इसका परीक्षण करवाना चाहिए?
डॉ. अंबरीन अमान, मॉलिक्यूलर पैथोलॉजिस्ट, मेडजीनोम इंडिया (MedGenome India) ने बताया कि, 'जीन्स हमें विरासत में मिलते हैं, इसलिए, स्तन कैंसर के खतरों से अवगत होने के लिए अपने पारिवारिक इतिहास को जानना बेहद महत्वपूर्ण है। अगर आपके माता-पिता में से किसी एक में भी बीआरसीए म्यूटेशन है, तो आप में म्यूटेशन जीन मिलने की 50% संभावना है। अगर आप निम्नलिखित में से किसी भी मानदंड को पूरा करते हैं, तो आपको बीआरसीए जीन परीक्षण जरूर करवाना चाहिए।'• किसी व्यक्ति विशेष में कम उम्र में निदान किए गए स्तन या अंडाशय के कैंसर का इतिहास (45 वर्ष से कम / रजोनिवृत्ति (महिलाओं में मासिक धर्म के खत्म होने की स्थिति) से पहले) या दोनों स्तनों पर कैंसर का प्रभाव या अंडाशय और स्तन कैंसर दोनों की उपस्थिति।• स्तन, अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, पेरिटोनियल, प्रोस्टेट या अग्नाशय कैंसर का पारिवारिक इतिहास।• परिवार के किसी पुरुष सदस्य को स्तन कैंसर हो।
• 45 वर्ष से कम आयु का परिवार का कोई सदस्य स्तन या अंडाशय के कैंसर से पीड़ित हो।• 50 वर्ष से कम आयु का परिवार का कोई सदस्य द्विपक्षीय स्तन कैंसर से पीड़ित हो।• 60 वर्ष से कम आयु में ट्रिपल नेगेटिव (ईआर, पीआर और हर2 न्यू नेगेटिव) स्तन कैंसर से पीड़ित व्यक्ति, पारिवारिक इतिहास के साथ या उसके बिना।ब्रेस्ट कैंसर के सफल उपचार के लिए यह बेहद जरूरी है कि समय रहते इसकी पहचान की जा सके और उचित इलाज कराया जा सके। स्वयं स्तन परीक्षण यानी सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन के जरिए महिलाएं खुद से ही घर पर स्तन कैंसर की जांच कर सकती है।
जैसा कि हमने आपको बताया, भारत में प्रत्येक वर्ष हजारों महिलाएं स्तन कैंसर से प्रभावित होती हैं। इनमें से अधिकतर मामलों में समय पर कैंसर का पता नहीं लग पाता है और कैंसर तीसरी या चौथी स्टेज तक पहुंच जाता है। कैंसर के अंतिम चरणों में इसका इलाज कर पाना लगभग असंभव सा हो जाता है। आमतौर पर ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए मैमोग्राफी की जाती है, जो थोड़ी महंगी होती है। सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन की मदद से महिलाएं बिना पैसे खर्च किए, अपने घर पर ही ब्रेस्ट कैंसर की प्रारंभिक जांच कर सकती हैं।