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World Pneumonia Day 2023: ठंड और प्रदूषण के बीच बढ़ जाता है निमोनिया का खतरा!

World Pneumonia Day 2023 ठंड के साथ-साथ हाव में प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है। जिसकी वजह से निमोनिया के संक्रमण की आशंका भी बढ़ जाती है। खासतौर पर छोटे बच्चों बुजुर्गों या ऐसे लोगों को जो किसी तरह की बीमारी से जूझ रहे है उन्हें इस दौरान विशेष तरह की सावधानियां बरतने की जरूरत होती है। आइए जानें निमोनिया के बारे में सबकुछ।

By Jagran NewsEdited By: Ruhee ParvezUpdated: Tue, 07 Nov 2023 04:58 PM (IST)
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हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है।
नई दिल्ली। निमोनिया को आसान शब्दों में समझें, तो यह मूलत: फेफड़ों में सूजन की समस्या है। यह सूजन किसी संक्रमण के कारण होता है। यह वायरल, बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण हो सकता है। सबसे अधिक मामले बैक्टीरिया जनित संक्रमण के होते हैं। इसका दूसरा बड़ा कारण होता है वायरल। आमतौर पर शुरुआत वायरल संक्रमण से होती है और फिर वह बैक्टीरिया संक्रमण में बदल जाता है। फेफड़े में संक्रमण होने पर सामान्य तौर पर बुखार, सीने में दर्द, खांसी और सांसों की तकलीफ जैसे लक्षण होते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में लक्षण थोड़े गंभीर भी होते हैं। कुछ ही मामलों में आइसीयू और वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है।

पहचानें इस बीमारी को

अगर लंबे समय तक बुखार, सीने में दर्द और सांस की दिक्कत बनी रहती है, तो निमोनिया की जांच कराई जाती है। जब निमोनिया ठीक होने लगता है, तो बलगम भी आने लगता है। आमतौर पर एक्स-रे करने पर 60 प्रतिशत तक जानकारी मिल जाती है। लेकिन, 25-30 प्रतिशत मामलों में निमोनिया एक्स-रे में पकड़ में नहीं आता। इसकी पुष्टि के लिए आगे स्कैन की जरूरत होती है। इसमें ब्लड कल्चर और कुछ अन्य जांचें होती हैं। प्रचलित बैक्टीरिया को देखते हुए दवाएं शुरू की जाती हैं। स्वाइन फ्लू, कोविड से भी निमोनिया होता है। ये सब वायरल निमोनिया के प्रकार हैं।

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वैक्सीन है बेहतर उपाय

निमोकाकल वैक्सीन निमो23 और प्रिविनार13 आती है। इसे लगवाने से निमोनिया के मामले को गंभीर होने से रोका जा सकता है। जिन लोगों को फेफड़े की, हृदय, किडनी की समस्या जैसे कोई क्रोनिक बीमारी है, उन्हें ये वैक्सीन लगवाने की सलाह दी जाती है। साथ ही 65 वर्ष की उम्र पार कर चुके या किसी तरह की बीमारी से ग्रस्त होने पर यह वैक्सीन निमोनिया से अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करती है।

निमोनिया का उपचार

आमतौर पर निमोनिया का इलाज एंटीबायोटिक से होता है। यदि वायरल निमोनिया है तो एंटीवायरल दवाएं भी दी जाती हैं। सर्दी के मौसम में निमोनिया की समस्या थोड़ी बढ़ जाती है। चूंकि, ठंड में लोग बंद कमरों में रहते हैं, हवा का बहाव कम हो जाता है और प्रदूषण का स्तर अधिक होता है, इससे निमोनिया के मामलों में तेजी देखी जाती है।

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इम्यून सिस्टम का मजबूत होना आवश्यक

जिन लोगों का इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा तंत्र) कमजोर होता है, उन्हें निमोनिया होने की आशंका रहती है। यह बीमारी अधिक उम्र के लोगों में होने की आशंका अपेक्षाकृत अधिक होती है। वहीं यदि गले में बैक्टीरिया संक्रमण है और वह गले के नीचे चला जाए, तो निमोनिया का जोखिम बढ़ जाता है।

  • इम्युनिटी बढ़ाने के लिए समय से सोना और समय से जागना जरूरी है।
  • सामान्य दिनचर्या और जीवनशैली में सुधार करने की आवश्यकता है।
  • अगर सामान्य वायरल इन्फेक्शन हो तो उसका समुचित इलाज जरूरी है।
  • निमोनिया हो गया है तो उसका अच्छे चिकित्सक से उपचार कराएं।
  • अभी बढ़े प्रदूषण के स्तर को देखते हुए एन95 मास्क का उपयोग करना चाहिए।

डॉ. राजेश चावला

सीनियर कंसल्टेंट, पल्मोनोलाजी, इंद्रप्रस्थ अपोलो, नई दिल्ली

बातचीत : ब्रह्मानंद मिश्र

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