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पुणे में मिला Zika Virus का एक और नया केस, जानें इस संक्रमण से जुड़े सभी सवालों के जवाब

मानसून का महीना कई वजहों लोगों का पसंदीदा मौसम होता है। इस दौरान जहां गर्मी से राहत मिलती है तो वहीं दूसरी तरफ कई बीमारियों और संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है। Zika Virus इन्हीं में से एक है जिसके मामले लगातार पुणे में बढ़ते जा रहे हैं। यह मच्छरों से होने वाला एक संक्रमण है जो एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से फैलता है।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Sat, 06 Jul 2024 05:04 PM (IST)
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पुणे में मिला जीका वायरस का एक और केस (Picture Credit- Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बरसात का मौसम आते ही एक तरफ जहां गर्मी से राहत मिलती है और मौसम सुहाना होता है, तो वहीं इस दौरान कई बीमारियों और संक्रमणों का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। मानसून के दिनों में अक्सर पानी और मच्छरों से होने वाली बीमारियों के मामलों में तेजी देखने को मिलती है। डेंगू, मलेरिया,जीका जैसी बीमारियां इन्हीं में से एक है। इसी क्रम में पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र के शहर पुणे में Zika Virus के मामलो में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।

हाल ही में यहां इस वायरस का एक और मामला सामने आया है, जिसके बाद से भी इसे लेकर शहर में हलचल तेज हो चुकी है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में जानेंगे जीका वायरस से जुड़े सभी सवालों के जवाब-

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क्या है जीका वायरस?

यह मच्छरों से होने वाली एक बीमारी है, जो जीका वायरस के कारण होती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक फ्लेविवायरस परिवार से संबंधित यह वायरस एक मच्छर जनित यानी mosquito-borne पैथोजन है। जीका एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से फैलता है, मच्छरों की यह प्रजाति डेंगू फैलाने के लिए भी जानी जाती है।

जीका वायरस के लक्षण

बात करें इसके लक्षणों की, तो जीका वायरस से संक्रमित कई लोगों में विभिन्न लक्षण नजर आते हैं। यह लक्षण कई दिनों से लेकर एक सप्ताह तक रह सकते हैं और आमतौर पर लोग इससे इतने बीमार नहीं पड़ते कि अस्पताल जाना पड़ें। एक बार संक्रमित होने पर आपको आगे होने वाले संक्रमणों से प्रतिरक्षा मिल सकती है। इसके मुख्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं-

  • बुखार
  • दाने
  • सिरदर्द
  • जोड़ों का दर्द
  • लाल आंखें
  • मांसपेशियों में दर्द

जीका वायरस कैसे फैलता है?

यह संक्रमण सेक्स करने स और गर्भवती महिला से उसके बच्चे तक भी फैल सकता है। इसके अलावा यह ब्लड ट्रांसफ्यूजन के जरिए भी फैल सकता है। इस वायरस का सबसे ज्यादा प्रभाव गर्भवती महिलाओं के भ्रूण पर पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान, इस संक्रमण की वजह से बच्चे का विकास प्रभावित हो सकता है, जिससे मस्तिष्क से जुड़े गंभीर बर्थ डिफेक्ट हो सकते हैं। इन डिफेक्ट्स में सबसे आम है माइक्रोसेफली। इसके अलावा जीका की वजह से अन्य समस्याएं जैसे गर्भपात, स्टिल बर्थ और अन्य बर्थ डिफेक्ट शामिल हैं।

जीका वायरस का इलाज

चूंकि जीका वायरस के लिए कोई विशेष इलाज नहीं है, इसलिए आपको इसके लक्षणों का इलाज करना होगा। ऐसे में इससे संक्रमित होने पर हाइड्रेटेड रहना और सही तरीके से आराम करना शामिल है। साथ ही दवाओं में बुखार और दर्द कम करने वाली दवाएं जैसे एसिटामिनोफेन और पेरासिटामोल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

कैसे करें जीका से बचाव?

मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों से बचने का सबसे अच्छा तरीका खुद को उनके काटने से बचाना है। इसके लिए लंबी बाजू वाले कपड़े/लंबी पैंट पहनें और मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।

अपने घर में और उसके आस-पास पानी जमा न होने दें। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि घर में या आसपास कोई ऐसी कोई वस्तु और फालतू सामान न हों, जो बरसात के दिनों में मच्छरों के लिए प्रजनन की जगह बन सकती हैं।

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