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मच्छर-मक्खी के काटने से होता है Oropouche fever, जो बना ब्राजील में दो लोगों की मौत का कारण

ब्राजील में बीते कुछ दिनों से ओरोपूश बुखार (Oropouche Fever in Brazil) को लेकर चिंता का माहौल बना हुआ है। यह मच्छर-मक्खी से काटने से होने वाली एक बीमारी है जिसके बारे में बेहद कम लोग ही जानते हैं। इस संक्रमण की वजह से ब्राजील में दो लोगों की मौत हो चुकी है जो दुनिया का पहला मामला है। जानते हैं इस बीमारी के बारे में सबकुछ।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Thu, 01 Aug 2024 02:37 PM (IST)
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क्या है Oropouche fever? (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बरसात के दिनों में मच्छरों से होने वाली बीमारी के मामले तेजी से बढ़ जाते हैं। यही वजह है कि दुनियाभर में इन दिनों मच्छरों से होने वाली कई बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। डेंगू से लेकर वेस्ट नाइल वायरस तक दुनिया भर में अलग-अलग Mosquito Borne Disease बढ़ रही हैं। इसी बीच अब ब्राजील में ओरोपूश बुखार (Oropouche fever) से दो युवतियों की मौत की खबर सामने आई है।

यह मच्छरों से होने वाली एक कम ज्ञात बीमारी है, जिसके कारण होने वाली मौत का यह दुनिया पहला मामला है। इस बारे में गुरुवार को खुद ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है। ओरोपूश वायरस एक प्रकार की छोटी मक्खियों (midges) के काटने से फैलता है, हालांकि यह मच्छरों के माध्यम से भी फैल सकता है। आइए मैरिंगों एशिया हॉस्पिटल, गुरुग्राम में इंटरनल मेडिसिन की सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर मोहन कुमार सिंह से जानते हैं इस बीमारी के बारे में सबकुछ-

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क्या है ओरोपूश वायरस?

डॉक्टर बताते हैं कि ओरोपूश वायरस (OROV) पेरिबुन्याविरिडे परिवार के ऑर्थोबुन्यावायरस जीनस का एक सदस्य है। OROV मुख्य रूप से संक्रमित मिजेस (midges), विशेष रूप से क्यूलिकोइड्स पैराएन्सिस के काटने से इंसानों में फैलता है। इसके अलावा यह क्यूलेक्स और एनोफिलिस प्रजाति के मच्छरों में भी पाया जाता है, हालांकि उनसे इसके फैलने की संभावना कम होती है।

ओरोपूश बुखार के लक्षण

OROV संक्रमण के लक्षण (Oropouche Fever Symptoms), जिसे ओरोपूश बुखार के रूप में जाना जाता है, आमतौर पर 4 से 8 दिनों के बाद नजर आते हैं। यह बीमारी अक्सर एक्यूट और सेल्फ-लिमिटिंग होती है, लेकिन काफी कमजोर करने वाली हो सकती है। इसे प्राइमरी लक्षणों में निम्न शामिल हैं:-

  • चक्कर आना
  • गंभीर सिरदर्द
  • जोड़ों का दर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • कंपकंपी और ठंड लगना
  • अचानक तेज बुखार आना
  • रोशनी के प्रति संवेदनशीलता
  • कुछ मामलों में, मैकुलोपापुलर दाने
  • मतली और उल्टी जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण

कॉम्प्लीकेशन्स

इस बीमारी से पीड़ित ज्यादातर मरीज एक हफ्ते के अंदर पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन थकान और कमजोरी कई हफ्तों तक बनी रह सकती है। इसके गंभीर परिणाम काफी दुर्लभ हैं, लेकिन इसमें मेनिंगोएन्सेफलाइटिस शामिल हो सकता है, विशेष रूप से कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों में।

ओरोपूश फीवर का इलाज

ओरोपूश वायरस से होने वाले संक्रमण के लिए वर्तमान में कोई खास एंटी-वायरल इलाज नहीं है। ऐसे में इस बीमारी को मैनेज करने और लक्षणों को कम करने के लिए निम्न तरीके अपनाएं जा सकते हैं-

  • आराम: शरीर को ठीक होने में मदद करने के लिए पर्याप्त आराम करना जरूरी है।
  • हाइड्रेट रहें: हाइड्रेटेड रहने के लिए बहुत सारे तरल पदार्थ पिएं, खासकर अगर बुखार और पसीना आ रहा है तो।
  • दवाई: बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द को कम करने के लिए एसिटामिनोफेन या इबुप्रोफेन जैसी पेन किलर का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
  • लक्षणों पर ध्यान दें: अगर लक्षण बिगड़ते हैं या इल्यूजन, दौरे या गंभीर सिरदर्द जैसी गंभीर जटिलताओं दिखाई देती हैं, जो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

ओरोपूश बुखार से कैसे बचें

ओरोपूश वायरस (Oropouche Fever Prevention Tips) से होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए मुख्य रूप से वायरस फैलाने वाले वैक्टरों के संपर्क को कम करना होगा। इसके लिए कुछ कुछ टिप्स निम्न हैं-

  • मच्छरों को बढ़ने से रोकने के लिए कुछ आसान उपायों की मदद से सकते हैं। इसमें कीटनाशकों का उपयोग, रुके हुए पानी को हटाना और लार्विसाइड्स का इस्तेमाल शामिल हैं।
  • मच्छरों को काटने से रोकने के लिए त्वचा पर DEET, पिकारिडिन या अन्य प्रभावी सामग्री वाले मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • अपनी त्वचा को मच्छरों के काटने से बचाने के लिए लंबी बाजू वाली शर्ट, लंबी पैंट और मोजे पहने, ताकि आपकी बॉडी कवर रहे।
  • इसके अलावा आप सोते समय मच्छरदानी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। खासकर उन हिस्सों में जहां OROV का खतरा ज्यादा है।
  • साथ ही अपने घर के आसपास सफाई रखकर, जैसे रुके हुए पानी को हटाना और कूड़े-कबाड़ को हटाकर भी मच्छर से बचा जा सकते हैं।
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