PCOS की समस्या को मैनेज करने में मददगार हैं ये फूड्स, आज ही करें डाइट में शामिल
लाइफस्टाइल में खराब बदलावों की वजह से पीसीओएस की समस्या से कई महिलाएं पीड़ित हैं। इस कारण रोज के जीवन में भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही इसे मैनेज न किया जाए तो इस वजह से फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए आपको कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बताने वाले हैं जो पीसीओएस मैनेज करने में मददगार हो सकते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। PCOS: आजकल के समय में महिलाओं में हार्मोनल इम्बैलेंस की वजह से होने वाली एक आम समस्या है पीसीओएस। इसमें महिलाओं में मासिक धर्म से संबंधित समस्याएं बढ़ती हैं और फिर इसकी वजह से उन्हें अनेक तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
क्या है पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम)?
PCOS वह स्थिति है जिसमें हार्नोनल इम्बैलेंस की वजह से पुरुष हार्मोन की अधिकता होने लगती है। इस वजह से उनके ओवरीज में सिस्ट बनने लगते हैं, जिस कारण काफी दिक्कते होती हैं। आजकल महिलाओं में यह एक आम समस्या बनती जा रही है।
पीसीओएस की समस्या होने पर पीरियड के दौरान अनीयिमत ब्लीडिंग होती है। कम ब्लीडिंग या लंबे समय तक हैवी ब्लीडिंग होना या हर महीने माहवारी न होना अनीयमित पीरियड्स में शामिल हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस स्थिति को खान-पान और बेहतर लाइफस्टाइल की मदद से सुधारा जा सकता है। आइए जानते हैं की पीसीओएस के लक्षण क्या हैं और किन फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करके इस स्थिति से बचा जा सकता है।
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पीसीओएस के लक्षण
- अनियमित पीरियड।
- हैवी या बहुत कम ब्लीडिंग का होना।
- सिर में दर्द ।
- बालों का झड़ना।
- वजन का बढ़ना।
- शरीर पर काले दाने या धब्बे होना।
किन फूड्स से कर सकते हैं पीसीओएस से बचाव?
अलसी का तेल
ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर अलसी का तेल एंटी इंफ्लेमेंट्री गुणों से युक्त होता है, जो असंतुलित हार्मोन को संतुलित करता है और पीसीओएस की समस्या को मैनेज करने में भी मदद करता है। इसका सेवन महिलाओं के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित और स्वास्थ्यप्रद है।अखरोट
एंटीऑक्सीडेंट और फैटी एसिड से भरपूर अखरोट महिलाओं में हार्मोन को संतुलन में रखने का काम करता है।