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रोजमर्रा की जिंदगी मुश्किल बना सकता है PCOS, मैनेज करने के लिए अपनाएं ये आसान टिप्स

PCOS महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है जिससे दुनियाभर में कई महिलाएं परेशान हैं। इसकी वजह से रोजमर्रा की जिंदगी काफी प्रभावित होती है। ऐसे में इससे बचने के लिए समय रहते इसकी पहचान और इसके लक्षणों (PCOS symptoms) को मैनेज करना जरूरी है। ऐसे में आप इन आसान टिप्स (tips to prevent PCOS) से इसे मैनेज कर सकते हैं।

By Jagran News Edited By: Harshita Saxena Updated: Tue, 22 Oct 2024 08:07 AM (IST)
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क्या है PCOS और इसके लक्षण (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक हार्मोनल डिसऑर्डर है, जिसमें ओवरी एक्स्ट्रा एंड्रोजन (मेल हार्मोन) बनाने लगती है। इस हार्मोनल असंतुलन के कारण एक महिला को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें अनियमित पीरियड्स, ओवरी में सिस्ट आदि शामिल हैं। लगभग 15% महिलाएं रिप्रोडक्टिव एज में PCOS से पीड़ित होती हैं। प्यूबर्टी क्रॉस करने के बाद यह समस्या कभी भी हो सकती है। इसका ज्यादातर डायग्नोसिस 20 से 30 की उम्र में होता है।

ऐसे में इस समस्या को सही समय पर रोकने के लिए इसके लक्षण, कारण और इससे बचाव के तरीके पता होना चाहिए। आइए जानते हैं इससे जुड़ी सभी जरूरी बातें-

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पीसीओएस के आम लक्षण-

  • अनियमित या हैवी पीरियड्स
  • पीरियड्स का मिस होना
  • चेहरा, सीना और पेट पर एक्स्ट्रा हेयर ग्रोथ
  • बढ़े हुए मुंहांसे और ऑयली स्किन
  • वजन बढ़ना और कम करना मुश्किल होना
  • बालों का पतला होना
  • बाल झड़ना
  • स्किन पर डार्क पैच, खास तौर पर गर्दन और आर्मपिट पर

पीसीओएस के कारण-

  • हार्मोनल असंतुलन- एक्स्ट्रा एंड्रोजन हार्मोन ओव्यूलेशन की प्रक्रिया को प्रभावित करता है।
  • इंसुलिन रेजिस्टेंस- हाई इंसुलिन लेवल एंड्रोजन हार्मोन की मात्रा बढ़ाते हैं, जो पीसीओएस का कारण बनते हैं।
  • जेनेटिक- फैमिली हिस्ट्री के कारण भी पीसीओएस होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • इंफ्लेमेशन- लो ग्रेड के इन्फ्लेमेशन के कारण भी हार्मोनल असंतुलन संभव है।

PCOS के रिस्क फैक्टर

  • इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
  • अनियमित पीरियड्स के कारण एंडोमेट्रियल कैंसर होने की संभावना भी अधिक होती है।
  • स्लीप एप्निया होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • हार्मोनल असंतुलन और फर्टिलिटी चैलेंज के कारण डिप्रेशन और एंग्जायटी की संभावना बढ़ जाती है।
  • अनियमित ओव्यूलेशन के कारण फर्टिलिटी चैलेंज और रिस्की प्रेग्नेंसी की संभावना
  • मोटापे के कारण अन्य कई बीमारियों का खतरा
  • हाइपरटेंशन होने का खतरा

इस तरीकों से मैनेज करें PCOS-

  • कैलोरी पर फोकस करने की जगह फूड क्वालिटी पर फोकस करें।
  • अनप्रोसेस्ड साबुत अनाज खाएं जो पैकेट, बॉक्स या कैन से न निकले हों।
  • हर मील में प्रोटीन जरूर शामिल करें।
  • शुगर, ड्रिंक्स और जूस से दूरी बनाएं।
  • घी, ऑलिव ऑयल, नट्स, सीड्स और फैटी फिश जैसे हेल्दी फैट का सेवन करें।
  • सुबह सूर्य की रोशनी लें और वॉक करें।
  • कैफीन के अधिक सेवन से बचें।
  • स्ट्रेंथ ट्रेनिंग पर फोकस करें और हाई इंटेंसिटी वर्कआउट करें।
  • खाने के बाद वॉक जरूर करें।
  • किसी लक्षण के अधिक महसूस होने पर निसंकोच डॉक्टर से परामर्श लें।
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