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Pediatric Cancer छीन सकता है आपके मासूम की मुस्कान, एक्सपर्ट से जानें कैसे वक्त रहते करें इसकी पहचान

Pediatric Cancer बच्चों में होने वाला कैंसर हैं जिससे दुनियाभर में लाखों बच्चे पीड़ित हैं। बच्चों में होने वाले कैंसर में ब्लड कैंसर सबसे आम है। इसका वक्त पर इलाज न होने की वजह से कई बच्चों को अपनी जान भी गंवानी पड़ सकती है। इसलिए पेरेंट्स में इस बारे में जागरुकता होनी बहुत जरूरी है। एक्सपर्ट से जानें क्या होते हैं चाइल्डहुड कैंसर के लक्षण।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Thu, 14 Mar 2024 08:06 PM (IST)
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एक्सपर्ट से जानें कैसे कर सकते हैं Pediatric Cancer की पहचान

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Pediatric Cancer: कैंसर एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जो किसी भी आयु और लिंग के व्यक्ति को अपना शिकार बना सकता है, यानी यह बीमारी बच्चों को भी अपनी चपेट में ले सकती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के डाटा के मुताबिक, हर साल लगभग 4 लाख बच्चों और टीनेजर्स में कैंसर विकसित होता है। बच्चों में कैंसर की वजह से उनका और उनके पूरे परिवार का जीवन प्रभावित होता है, इसलिए इस बीमारी के बारे में जानकार बनना और सतर्क रहना बेहद महत्वपूर्ण है। इस बारे में और जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने एक्सपर्ट से बात की। आइए जानते हैं, इस बारे में उनका क्या कहना है।

क्या है Pediatric Cancer?

बच्चों में 14 साल तक की उम्र और टीनेजर्स में 15 से 19 साल तक में होने वाले कैंसर को Pediatric cancer या Childhood Cancer कहा जाता है। यह वयस्कों में होने वाले कैंसर से काफी अलग होता है। बच्चों में कैंसर का इलाज बड़ो की तुलना में ज्यादा प्रभावी होता है, लेकिन आगे चलकर फिर से कैंसर होने का या अन्य किसी मेडिकल कंडिशन का खतरा काफी बढ़ जाता है।

पीडियाट्रिक कैंसर के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए हमने अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली, के पीडियाट्रिक हीमाटोलॉजी ऑन्कोलॉजी और इम्युनोलॉजी के कंसलटेंट, डॉ. गौरव खार्या से बात की।

डॉ. खार्या ने बताया कि हर साल भारत में Pediatric Cancer के लगभग 50 हजार नए मामले देखने को मिलते हैं, जो इस गंभीर बीमारी के बोझ को बढ़ाते जाते हैं। बच्चों में होने वाले कैंसर में सबसे आम कैंसर हैं- ब्लड कैंसर (Leukaemia), ब्रेन कैंसर, सॉलिड ट्यूमर, जैसे- न्यूरोब्लास्टोमा और विल्मस ट्यूमर और लिम्फोमा।

Childhood Cancer के कुल मामलों में लगभग तीस प्रतिशत मामले ल्यूकीमिया के होते हैं। कैंसर के इस प्रकार के ज्यादातर मामले 2-6 साल की आयु के बच्चों में देखने को मिलते हैं। इस बीमारी को बच्चों में कैंसर की वजह से दिखने वाले कुछ आम लक्षणों की मदद से पता लगाया जा सकता है।

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क्या हैं Pediatric Cancer के लक्षण?

इसके लक्षणों के बारे में बात करते हुए डॉ. खार्या ने बताया कि बच्चों में होने वाले कैंसर में आमतौर पर थकान, बुखार, सिरदर्द, अकारण वजन कम होना, ब्लीडिंग होना या ब्रूजिंग, त्वचा पर रैश, जोड़ो में सूजन या दर्द होना, शरीर के किसी भाग में लंप दिखना, बार-बार इन्फेक्शन होना, त्वचा की रंगत फीकी हो जाना, आंखों की पुतलियों के पीछे सफेद रंग नजर आना, देखने में तकलीफ होना आदि शामिल हैं।

blood cancer

क्या है इसका इलाज?

Pediatric Cancer के इलाज के बारे में डॉ. खार्या ने बताया कि अगर इस बीमारी का जल्दी से जल्दी पता लगाकर इलाज करवाया जाए, तो इसका सफल इलाज होने की संभावना बढ़ जाती है और बच्चा सामान्य जीवन जी सकता है। पीडियाट्रिक कैंसर से जुड़ी समस्याओं के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि भारत में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इसका पता काफी देर चल पाता है। कई पेरेंट्स को चाइल्डहुड कैंसर के बारे में पता ही नहीं होता है या इसके सफल इलाज की दर के बारे में जानकारी नहीं होती है। इसलिए वे बच्चों को इलाज के लिए लाने में काफी देर कर देते हैं।

इसलिए लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक बनाना बेहद जरूरी है, ताकि Pediatric Cancer का जल्द से जल्द पता लगाकर इलाज करवाया जा सके। साथ ही, इस बारे में यह जानकारी होनी भी जरूरी है कि इस बीमारी का इलाज है और यह ठीक भी हो सकती है।

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Picture Courtesy: Freepik