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दोबारा जिंदा होने की चाह में लोग करवा रहे हैं अपनी बॉडी फ्रीज, समझें क्या है Cryopreservation तकनीक

साइंस कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है इसका अंजाजा लगाना है तो यह जान लें कि लोग अब ऐसी ख्वाहिश भी रखते हैं कि मरने के बाद उन्हें भविष्य में जिंदा कर दिया जाएगा। जी हां इसी तमन्ना को पूरा करने के लिए अब लोग Cryopreservation तकनीक से अपने शव को भविष्य में जिंदा होने के लिए स्टोर करवा रहे हैं। आइए जानते हैं इस तकनीक के बारे में।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Sun, 28 Jul 2024 09:53 PM (IST)
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क्या है क्रायोप्रिजर्वेशन तकनीक? (Picture Courtesy: X)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Cryopreservation: पिछले कुछ दशकों में साइंस ने इतनी तेजी से प्रगति की है कि यहां तक अटकलें लगने लगी है कि आने वाले कुछ सालों में मृत लोगों को जिंदा करने की तकनीक भी खोज ली जाएगी। अब ऐसा कब होगा और हो भी पाएगा या नहीं, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन इन्हीं अटकलों के भरोसे अमेरिका में अरबपतियों ने कायोप्रिजर्वेशन नाम की तकनीक को अपनाना शुरू कर दिया है। यह बेहद एडवांस्ड तकनीक है और काफी दिलचस्प भी है, जिसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए।

क्या है क्रायोप्रिजर्वेशन?

क्रायोप्रिजर्वेशन में बॉडी को सड़ने से बचाने के लिए ऐसी कंडिशन में लाया जाता है, जिसमें सारी जैविक क्रियाएं बंद हो जाती हैं। इसके बाद शरीर का विट्रीफिकेशन किया जाता है, जिसमें शरीर में मौजूद खून की जगह एक खास प्रकार का सॉल्यूशन डाला जाता है। ऐसा शरीर में बर्फ के क्रिस्टल न बनें इसलिए किया जाता है।

बर्फ जमने की वजह से बॉडी के सेल्स और टिश्यू डैमेज हो सकते हैं। इसलिए ऐसा रोकने के लिए ऐसा किया जाता है। विट्रीफिकेशन के बाद बॉडी को -196 डिग्री तापमान पर ले जाया जाता है और फिर लिक्विड नाइट्रोजन से भरे वैक्यूम इंसुलेटेड कंटेनर में स्टोर किया जाता है।

(Picture Courtesy: X)

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500 लोग करवा चुके हैं बॉडी स्टोर

क्रायोप्रिजर्वेशन एक ऐसी तकनीक है, जिसमें शवों को खराब होने से बचाने के लिए बहुत कम तापमान पर लंबे समय तक रखा जाता है। आपको बता दें कि एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 500 लोग इस तकनीक के जरिए अपनी बॉडी को सुरक्षित करवा चुके हैं। इन लोगों में भी ज्यादातर लोग अमेरिका के हैं। इस तकनीक को इस उम्मीद से अपनाया जा रहा है कि भविष्य में रिसर्चर्स ऐसी खोज कर लेंगे, जिससे मरे हुए लोगों को जिंदा किया जा सकेगा और इसी चाह में ये सभी लोग अपनी बॉडी को प्रिजर्व करवा रहे हैं।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 5500 लोग क्रायोप्रिजर्वेशन को अपनाने का सोच रहे हैं। आपको बता दें कि यह तकनीक काफी महंगी है। इसलिए हर व्यक्ति के लिए ऐसा करना संभव नहीं है और सिर्फ अरबपति ही इसे अपना रहे हैं।

66 लाख में सिर्फ दिमाग होता है प्रिजर्व

किसी भी शव को क्रायोप्रिजर्व करना इतना महंगा होता है कि सिर्फ ब्रेन को प्रिजर्व करने में ही 66 लाख रुपए का खर्च आता है और पूरी बॉडी को प्रिजर्व करने के में करीब 1 करोड़ 66 लाख रुपए की लागत लगती है। यह चार्ज अमेरिका के एल्कोर लाइफ एक्सटेंशन फाउंडेशन का है, जो एक रिवाइवल ट्रस्ट भी चलाता है। इस ट्रस्ट का काम है फिर से जिंदा होने की चाह रखने वाले लोगों के पैसों को मैनेज करना। इन पैसों से प्रिजर्व की गई बॉडी की देखभाल की जाती है। इतना ही नहीं, ऐसा भी कहा जा रहा है कि जब वह व्यक्ति पुनर्जीवित हो जाएगा, तब उसे भी कुछ धन राशि दी जाएगी।

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