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Pervez Musharraf Death: एमाइलॉयडोसिस बीमारी से पीड़ित थे परवेज मुशर्रफ, जानें इसके लक्षण और कारण

रविवार को पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने दुनिया को अलविदा कह किया। उन्होंने 79 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। मुशर्रफ लंबे समय से एमाइलॉयडोसिस नामक बीमारी से जूझ रहे थे। जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी जरूरी बातें-

By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Sun, 05 Feb 2023 08:46 PM (IST)
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एमाइलॉयडोसिस से पीड़ित थे परवेज मुशर्रफ, जानें इसके लक्षण-कारण
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Pervez Musharraf Death: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया है। उन्होंने आज, रविवार को दुबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। परवेज मुशर्रफ ने 79 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। बता दें कि मुशर्रफ एमाइलॉयडोसिस नामक बीमारी से जूझ रहे थे, जिसके इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। बीते साल जून के महीने में ही मुशर्रफ के परिवार वालों ने उनकी इस बीमारी के बारे में खुलासा किया था। एमाइलॉयडोसिस एक गंभीर और दुर्लभ बीमारी है, जिससे पीड़ित व्यक्ति के शरीर में प्रोटीन जमा होने लगता है। तो चलिए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण, कारण और इससे जुड़ी अन्य जरूरी बातें-

एमाइलॉयडोसिस क्या है?

एमाइलॉयडोसिस एक गंभीर और दुर्लभ बीमारी है, जिसकी वजह से शरीर में अमाइलॉइड नामक प्रोटीन जमा होने लगता है। यह प्रोटीन आमतौर पर व्यक्ति के शरीर में पाया नहीं जाता है। लेकिन एमाइलॉयडोसिस की वजह किडनी, हार्ट, लिवर समेत शरीर के अन्य अंगों में धीरे-धीरे अमाइलॉइड जमा होने लगता है। इसकी वजह से कई बार ऑर्गन फेल भी हो जाते हैं।

एमाइलॉयडोसिस के लक्षण

इस बीमारी के लक्षण इस बात पर निर्भर पर सकते हैं कि एमाइलॉयडोसिस, पीड़ित व्यक्ति के किस अंग को प्रभावित कर रहा है। ऐसे में अलग-अलग मरीजों में इस बीमारी के लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं। आप निम्न लक्षणों से इसकी पहचान कर सकते हैं-

  • शरीर में सूजन
  • वजन कम होना
  • घुटनों में दर्द होना
  • थकान और कमजोरी होना
  • त्वचा के रंग में बदलाव होना
  • हाथ-पैर में झुनझुनी और दर्द
  • हल्की सी चोट लगने पर ब्लीडिंग
  • दिल की धड़कन का अनियमित होना
  • आंखों के आसपास बैंगनी रंग के धब्बे
  • सांस फूलना और सांस लेने में तकलीफ होना

एमाइलॉयडोसिस के कारण

जैसा कि ऊपर बताया गया कि यह बीमारी शरीर में एमाइलॉइड प्रोटीन के जमा की वजह से होती है। यह प्रोटीन आमतौर पर व्यक्ति के शरीर में नहीं पाया जाता है। ऐसे में अलग-अलग वजहों से शरीर में यह प्रोटीन बनने लगता है। एमाइलॉयडोसिस के निम्न कारण हो सकते हैं-

  • अधिकतर लोगों में एमाइलॉयडोसिस की बीमारी जेनेटिक वजहों से हो सकती है।
  • लंबे समय तक डायलिसिस या सूजन से जुड़ी बीमारियों की वजह से भी यह बीमारी हो सकती है।
  • अगर किसी व्यक्ति को संक्रमण से जुड़ी समस्या है, तो उसे एमिलॉयडोसिस होने की संभावना अधिक होती है।
  • किडनी खराब होने पर अगर डायलिसिस की जरूरत है, तो ऐसे लोगों को भी एमिलॉयडोसिस का जोखिम ज्यादा होता है।

एमाइलॉयडोसिस का इलाज

अगर आपको एमाइलॉयडोसिस के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। एमीलॉयडोसिस को सही करना बेहद मुश्किल है, लेकिन दवाओं की मदद से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। मरीज की स्थिति को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर इसकी जांच और फिर इलाज करते हैं। हालात बिगड़ने पर कई बार मरीज के लिए कीमोथेरेपी या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy:Twitter