Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

चिट्ठी नहीं, अब बीमारियां लाते हैं कबूतर, इनकी बीट से सेहत को पहुंचते हैं गंभीर नुकसान

कबूतर एक बेहद साधारण पक्षी है जो अक्सर हमें दिखाई देते रहते हैं। इन पक्षियों का स्वभाव भले ही शांत होता है लेकिन इनकी इधर-उधर बीट करने की आदत कई तरह की परेशानियों का सबब बन सकती है। इससे (Pigeon Dropping) न केवल गंदगी फैलती है बल्कि बीमारियां भी हो सकती हैं। आइए जानें कबूतर की बीट से कौन-कौन सी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Wed, 11 Sep 2024 12:46 PM (IST)
Hero Image
Pigeon Droppings: कबूतर की बीट पहुंचा सकती है सेहत को नुकसान (Picture Courtesy: Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अगर आप दिल्ली या आस-पास के इलाकों में रहते हैं, तो कबूतरों से तो अक्सर पाला पड़ जाता होगा। वैसे तो, ये काफी शांत जीव होते हैं, लेकिन इनकी बीट के कारण इंसानों को काफी परेशानियां (Pigeon Dropping Risk) हो सकती हैं। कबूतरों की बीट में पाया जाने वाला केमिकल और रोगाणु इंसानों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं। इसलिए इनके संपर्क में आने से बचना जरूरी है। इस आर्टिकल में जानेंगे कि कैसे कबूतर की बीट आपको नुकसान पहुंचा सकती है। 

कबूतरों की बीट से फैलने वाली बीमारियां (Pigeon Dropping Disease)

  • हिस्टोप्लाज्मोसिस- यह एक फंगल इन्फेक्शन है, जो कबूतरों की बीट में पाए जाने वाले हिस्टोप्लाज्मा कैप्सुलैटम नाम के फंगस के कारण होता है। इस इन्फेक्शन से फेफड़ों में सूजन हो सकती है, जिससे खांसी, बुखार, और छाती में दर्द जैसे लक्षण नजर आते हैं। गंभीर मामलों में, यह संक्रमण दिल, दिमाग, या अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है।
  • क्रिप्टोकोक्कोसिस- यह एक फंगल इन्फेक्शन है, जो क्रिप्टोकोक्कस नीफॉर्मिस नाम के फंगस के कारण होता है। यह फंगस कबूतरों की बीट में पाया जाता है और सांस लेने के दौरान शरीर में प्रवेश कर सकता है। यह संक्रमण फेफड़ों में सूजन और दिमाग में इन्फेक्शन का कारण बन सकता है, जिससे सिरदर्द, उल्टी, और चक्कर आने जैसी शुरुआती समस्याएं हो सकती हैं।
  • साल्मोनेला- साल्मोनेला बैक्टीरिया कबूतरों की बीट में पाया जाता है और फूड आइटम्स को दूषित कर सकता है। साल्मोनेला इन्फेक्शन से दस्त, बुखार, उल्टी, और पेट में दर्द हो सकता है।
  • ई. कोलाई- ई. कोलाई बैक्टीरिया भी कबूतरों की बीट में पाया जाता है और खाने की चीजों को दूषित करता है। ई. कोलाई इन्फेक्शन से दस्त, बुखार, उल्टी, और पेट में दर्द हो सकता है।
  • कैम्पाइलोबैक्टर- कैम्पाइलोबैक्टर बैक्टीरिया भी कबूतरों की बीट में पाया जाता है और फूड आइटम्स को दूषित कर सकता है। कैम्पाइलोबैक्टर के इन्फेक्शन से भी दस्त, बुखार, उल्टी, और पेट में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • एलर्जी- कबूतर की बीट की वजह से छींक आना, आंखों में जलन और नाक बहने जैसे एलर्जिक रिएक्शन भी हो सकते हैं।

यह भी पढ़ें: बालकनी में कबूतरों ने गंदगी से कर दिया है परेशान? इन आसान तरीकों से पाएं छुटकारा

कबूतरों की बीट के संपर्क में आने से कैसे बचें?

  • कबूतरों को अपनी बालकनी में आने या खिड़की व एसी के ऊपर बैठने से रोकने के लिए नेटिंग या स्पाइक्स का इस्तेमाल करें।
  • कबूतरों की बीट को नियमित रूप से साफ करें और कीटाणुओं को मारने के लिए सफाई पर खास धयान दें।
  • अगर आप कबूतरों की बीट के संपर्क में आ जाते हैं, तो तुरंत अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं। उससे पहले अपने मुंह, कपड़ों आदि को न छूएं।
  • खाने की चीजों को खुले में न रखें, जहां कबूतर आसानी से आ सकते हैं, जैसे छत आदि।

यह भी पढ़ें: विलुप्त होने की कगार पर पहुंचे हनीक्रीपर पक्षी, अब मच्छरों से बचाई जाएगी इनकी जान