Plant Based Foods: मोटापे के साथ कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों भी रहती हैं दूर प्लांट बेस्ड डाइट से, जानें अन्य फायदे
Plant Based Foods दुनियाभर में प्लांट बेस्ड डाइट की बात हो रही है क्योंकि यह पर्यावरण और हेल्थ दोनों ही लिहाज से बेस्ट है। अगर समझदारी से इस डाइट को फॉलो किया जाए तो इससे शरीर को कई सारे फायदे मिलते हैं जिसके बारे में जानेंगे यहां।
By Priyanka SinghEdited By: Updated: Mon, 29 Aug 2022 07:47 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Plant Based Foods: क्या आपने कभी प्लांट बेस्ड डाइट फॉलो किया है या इसके बारे में सुना है? दरअसल, प्लांट बेस्ड डाइट में ज्यादातर उन खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाता है, जो पौधों के स्त्रोत से मिलते हैं। इसमें फल, सब्जियां, अनाज, दाल और नट्स ज्यादा मात्रा में शामिल होते हैं। इस डाइट में मांस, अंडे, चिकेन जैसी चीज़ें शामिल नहीं होती हैं। यह डाइट क्या है और कितनी फायदेमंद होती है, जानें यहां..
ब्रेकफास्ट
प्लांट फूड्स शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन देने में मददगार होते हैं। नाश्ते में ग्रीक योगर्ट के साथ नट्स लें। ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए फ्लैक्स या चिया सीड्स शामिल कर सकते हैं। नट्स के साथ होल-ग्रेन टोस्ट का सेवन करें।
लंच
दोपहर में पत्तेदार सब्जियों के सेवन के अलावा सेम की फलियां और टोफू भी लें। हरी पत्तेदार सब्जियां कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत होती हैं। मसूर दाल, बादाम, बेल पेपर्स, जैतून के तेल को भी अपनी किचन में जगह दें। ब्राउन राइस का भी सेवन करें।डिनर
रात के खाने में आप टमाटर के साथ ग्रिल्ड पोर्टोबेल्लो मशरूम का सेवन कर सकते हैं। वहीं उबली हुई या अवन में रोस्टेड शकरकंद भी खा सकते हैं। ब्राउन राइस का वेज पुलाव बना सकते हैं, इसमें भी उच्च मात्रा में प्रोटीन होता है।
प्लांट बेस्ड डाइट के फायदे
- सब्जियां, फल व नट्स में पोषक तत्वों की भरमार होती है। इसमें विटमिन, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर होते हैं। फाइबर ऐसा तत्व है, जो सिर्फ प्लांट्स व उससे जुड़ी खाद्य सामग्री में ही मिल सकता है। पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के साथ ही कोलेस्ट्रॉल और फैट को कम करने में फाइबर सहायक होता है साथ ही यह ब्लड शुगर लेवल भी नियंत्रित रखता है। - इस डाइट को फॉलो करने से तेजी से वजन कम होता है। खानपान का यह तरीका अपनाने पर कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां दूर रहती हैं।- एक स्टडी के अनुसार, प्लांट बेस्ड डाइट फॉलो करने वालों के मुकाबले नॉन-वेज डाइट फॉलो करने वालों को डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है।