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Pneumonia in Kids: विंटर्स में निमोनिया आसानी से बना सकता है बच्चों को अपना शिकार, इन तरीकों हो सकता है बचाव

सर्दी का मौसम अपने साथ कई बीमारियों को लेकर आती है। इन बीमारियों में रेस्पिरेटरी डिजीज होने की संभावना सबसे अधिक होती है जिसमें निमोनिया भी शामिल है। बच्चों में निमोनिया का खतरा काफी अधिक होता है। इसलिए इससे उनकी रक्षा करना काफी जरूरी होता है। जानें किन बातों का ख्याल रख सर्दियों में बच्चों को निमोनिया के खतरे से बचाया जा सकता है।

By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Sun, 17 Dec 2023 06:03 PM (IST)
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सर्दियों में बढ़ सकता है बच्चों में निमोनिया का खतरा

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Pneumonia in Kids: सर्दियों का मौसम अपने साथ कई बीमारियों को लेकर आता है। इस मौसम में, रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इन बीमारियों का सबसे आसान शिकार बच्चे होते हैं क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। इस कारण से, वे कई बीमारियों की चपेट में आसानी से आ जाते हैं। इसलिए बच्चों को इस मौसम में ज्यादा सुरक्षित रखने की जरूरत होती है, वह भी खासकर निमोनिया से। निमोनिया सर्दियों में बच्चों को काफी आसानी से अपनी चपेट में ले सकता है। वहीं दूसरी तरफ चीन में निमोनिया के कई नए मामले और अन्य देशों में भी इसके केस सामने आने की वजह से यह चिंता का एक नया विषय बन चुका है, जिससे बच्चों को बचाने की खास जरूरत है। निमोनिया से बचाव के लिए कुछ आसान टिप्स को फॉलो कर सकते हैं, जो आपके बच्चे के लिए निमोनिया के खिलाफ ढाल बन सकते हैं। आइए जानते हैं, कैसे कर सकते हैं, सर्दियों में अपने बच्चों का निमोनिया से बचाव।

यह है निमोनिया के लक्षण…

निमोनिया रेस्पिरेटरी सिस्टम में होने वाली एक बीमारी है, जिसमें फेफड़ों में मौजूद एयर सैक में बलगम या फ्लूड भर जाता है। इस वजह से, फेफड़ों में सूजन और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इसके अलावा, निमोनिया की वजह से छाती में दर्द, बुखार, थकावट, ठंड लगना, उल्टी, चिड़चिड़ाहट, भूख न लगना, जैसे कई लक्षण बच्चों में नजर आ सकते हैं। यह बीमारी बैक्टिरीया, फंगस या वायरस के संक्रमण की वजह से हो सकता है। इसलिए इसका इलाज भी इसी आधार पर किया जाता है कि संक्रमण किस वजह से हुआ है।

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ऐसे करें बचाव…

वैक्सीन दिलाएं

अपने बच्चे को निमोनिया से बचाने के लिए जरूरी है कि आप उन्हें निमोनिया से बचाव के लिए वैक्सीन दिलाएं। निमोनिया की वैक्सीन दिलाने से बच्चों में इस बीमारी के खिलाफ एंटी-बॉडिज बन जाते हैं, जो इससे बचाने में मददगार होते हैं।

भीड़ से दूर रखें

निमोनिया के पेथोजेन हवा के जरिए आपके बच्चे के शरीर में प्रवेश कर, आपके बच्चे को संक्रमित कर सकते हैं। इसलिए ऐसी जगहें, जहां भीड़ ज्यादा हो, वहां बच्चों को लेकर न जाएं। भीड़ वाले इलाके में बीमारी के फैलने का खतरा ज्यादा होता है।

बीमार लोगों से दूरी

बीमार लोगों से अपने बच्चों को दूर रखें। अगर आपके बच्चे का कोई दोस्त भी बीमार है या घर पर भी कोई बीमार है, तो उनसे भी दूरी बनाकर रखें। निमोनिया और कॉमन कोल्ड आदि काफी आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैल सकता है। इसलिए बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए बीमार व्यक्तियों से बच्चों को दूर रखें।

हाइजीन का ख्याल

निमोनिया जैसी रेस्पिरेटरी बीमारियां खराब हाइजीन की वजह से बच्चों को अपना शिकार बना सकते हैं। इसलिए अपने बच्चों को सिखाएं कि बाहर से आने के बाद साबुन से अच्छे तरह हाथों और पैरों को धोएं। इसके अलावा, बाहर सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। साथ ही, मुंह, नाक, आंख आदि भी गंदे हाथों से न छूने दें।

छींकते समय मुंह ढकें

अपने बच्चों को छींकते समय मुंह और नाक को ढकने की सलाह दे। उन्हें अपने साथ हमेशा रुमाल या टीशू रखने के लिए कहें, ताकि, छींकते और खांसते समय ड्रॉपलेट्स हवा में न फैलें।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik