Move to Jagran APP

मेघालय में दो साल का बच्चा हुआ पोलियो का शिकार, समझें क्या है Vaccine-Derived Polio और इसकी वजह

हाल ही में मेघालय में दो साल का बच्चा पोलियो पॉजिटिव (Meghalaya Polio Case) पाया गया। हालांकि ये वैक्सीन डिराइव्ड पोलियो (Vaccine Derived Polio) का मामला है लेकिन इसके फैलने का खतरा रहता है। इसलिए पश्चिमी गारो हिल्स के इलाके में स्वास्थ्य कर्मचारी सतर्क हो गए हैं। आइए जानते हैं क्या होता है Vaccine Derived Polio और ये क्यों होता है।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Fri, 23 Aug 2024 11:53 AM (IST)
Hero Image
मेघायल में दो साल के बच्चे को हुआ Vaccine-Derived Polio (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Meghalaya Polio Case: पोलियो एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जो 5 साल से कम उम्र के बच्चों को ज्यादातर अपना शिकार बनाती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, ये मल या खाने-पीने के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इस बीमारी को खत्म करने के लिए WHO ने 1988 में एक ग्लोबल कैंपेन शुरू किया था, जिसमें कई बड़े-बड़े फाउंडेशन ने भी अपना योगदान दिया था। इस मुहीम के तरह 5 साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाती है। इसी कैंपेन के तहत भारत साल 2011 में पोलियो मुक्त देश बन गया था, यानी भारत में कोई भी बच्चा अब पोलियो की चपेट में नहीं आ रहा है।

Polio Symptoms

क्या है ये पूरा मामला?

हालांकि, हाल ही में एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने लोगों में पोलियो का डर फिर से जिंदा कर दिया है। मेघालय में दो साल के एक बच्चे में पोलियो का मामला (Meghalaya Polio Case) सामने आया है। इस मामले से लोग काफी चिंता में आ गए हैं, खासकर पश्चिमी गारो हील्स के इलाके में। लेकिन इस बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि ये वैक्सीन डिराइव्ड मामला (Vaccine Derived Polio Case) है। इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर वैक्सीन डिराइव्ड पोलियो का मामला है क्या। आइए जानें।

यह भी पढ़ें: एक भी बच्चा न छूटे....हिमाचल में मौसम पर भारी पड़ा हौंसला, बर्फ में चलकर बच्‍चों तक पहुंचाई 'दो बूंद जिंदगी की'

क्या है वैक्सीन डिराइव्ड पोलियो?

वैक्सीन डिराइव्ड पोलियो यानी पोलियो की वैक्सीन में मौजूद इसके वायरस के कमजोर स्ट्रेन की वजह से होने वाला इन्फेक्शन। हालांकि, ऐसा होने का खतरा बेहद कम होता है और उन्हीं बच्चों को होता है, जिनकी इम्युनिटी बेहद कमजोर होती है। दरअसल, ये तब होता है जब ओरल वैक्सीन का वायरस शरीर के अंदर म्यूटेट हो जाए और इन्फेक्ट करने लगता है।

आपको बता दें कि ये ओरल वैक्सीन बिल्कुल सुरक्षित है और दुनिया के कई देशों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अगर बच्चे का इम्यून सिस्टम कमजोर है, तो ऐसा हो सकता है कि ये वायरस ब्लड में पहुंच जाए और इसके कारण पोलियो के लक्षण नजर आने लगें। अगर सावधानी न बरती जाए, तो ये फैल भी सकता है

किन लोगों को पोलियो का खतरा ज्यादा रहता है?

  • पांच साल से कम उम्र के बच्चे
  • प्रेग्नेंट महिलाएं
  • कमजोर इम्युनिटी के बच्चे
  • गंदी जगह में रहना या गंदा खाना खाना
  • ऐसे देश में जाना या रहना जो पोलियो मुक्त नहीं हैं
  • पोलियो की वैक्सीन नहीं मिली हो

क्या इससे पहले भी Vaccine-Derived Polio के मामले सामने आए हैं? 

वैक्सीन डिराइव्ड पोलियो के मामले इससे पहले भी भारत में सामने आए हैं। ये खतरनाक इसलिए हो जाता है, क्योंकि अगर ये वायरस बच्चे में बढ़ने लग जाए, तो ये मल या खाने-पीने के जरिए दूसरों में भी फैल सकता है। आपको बता दें कि पोलियो के पैरालिसिस भी हो सकता है, जो ज्यादातर पैरों को प्रभावित करता है, लेकिन कुछ मामलों में ये जानलेवा भी साबित हो सकता है

यह भी पढ़ें: बच्चों को खतरनाक बीमारियों से बचाए रखने के लिए जरूर लगवाएं ये 5 टीके