AC का ज्यादा इस्तेमाल कहीं आपको भी न बना दे इन बीमारियों का शिकार, डॉक्टर कर रहे सावधान!
इन दिनों दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में भयंकर गर्मी की मार पड़ रही है। ऐसे में घर से लेकर ऑफिस तक हर कोई अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त AC के आगे ही बिताना चाहता है। इस बीच डॉक्टरों ने इसके बढ़ते इस्तेमाल को लेकर लोगों को आगाह करते हुए बताया है कि कैसे यह आपको त्वचा से लेकर सांस से जुड़ी कई समस्याओं का शिकार बना सकता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। तपती गर्मी में यकीनन एयर कंडीशनर (AC) का इस्तेमाल काफी जरूरी हो गया है, लेकिन अगर आप भी दिन-रात एसी की हवा खा रहे हैं, तो सावधान हो जाने की जरूरत है। बता दें, कि सुकून की चाहत में यह शरीर को बीमारियों का घर बनने पर मजबूर कर सकता है। इसके ज्यादा इस्तेमाल से रूखी त्वचा, सिरदर्द, मतली, खांसी और सांस से जुड़ी कई समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। आइए आपको बताते हैं, कि हाल ही में डॉक्टर्स ने इसे लेकर किस तरह आगाह करने की कोशिश की है।
AC से हो सकते हैं सेहत को कई नुकसान
मणिपाल अस्पताल, बेंगलुरु के कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट सुहास एच एस ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि, 'लंबे वक्त तक एसी में रहने से सेहत को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं, जैसे- रूखी और खिंची-खिंची त्वचा, सूखी खांसी, सिरदर्द, चक्कर या मतली, थकान, गंध के प्रति संवेदनशीलता, फोकस करने में परेशानी पैदा होना इत्यादि।
AC में न बिताएं ज्यादा समय
डॉक्टर के मुताबिक, ज्यादा समय एसी में बिताने से एलर्जिक राइनाइटिस और अस्थमा जैसी सांस से जुड़ी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है, उन्होंने कहा कि एसी की सही ढंग से साफ-सफाई और रखरखाव नहीं करने पर इससे होने वाले इन्फेक्शन का रिस्क और ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में, बेहतर है कि ज्यादा देर तक इसकी हवा में बैठना अवॉइड किया जाए।
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HEPA फिल्टर की जरूरत
सर गंगा राम अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ सलाहकार एम वली ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि एसी में सही फिल्टरेशन न होने पर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। HEPA एक बढ़िया फिल्टर है, लेकिन बहुत कम ब्रांड्स ही हैं, जो इसे अपने एयर कंडीशनर में इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में, प्रदूषण के चलते यह फिल्टर काम करना बंद कर देते हैं और सांस से जुड़े इन्फेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है।
HVAC सिस्टम से है ज्यादा नुकसान
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के वरिष्ठ निदेशक और यूनिट हेड, इंटरनल मेडिसिन, सतीश कौल कहते हैं कि घरेलू एसी सेटअप के बजाय कमर्शियल हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग (HVAC) सेटअप से जोखिम ज्यादा रहता है। हालांकि, घर पर लगाए जाने वाले एसी के कूलिंग सिस्टम और बैक्टीरियल कॉन्टेमिनेशन से जुड़ी ज्यादा जानकारी तो फिलहाल मौजूद नहीं है, लेकिन कुछ बैक्टीरिया कूलिंग कॉइल पर बायोफिल्म बनाते हैं, जिससे एसी में ज्यादा समय बिताने से लोगों में इन्फेक्शन का जोखिम बढ़ सकता है।
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