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2040 तक Prostate Cancer के मामले दोगुने होने की आशंका, 85 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं मौतें

Prostate Cancer प्रोस्‍टेट ग्रंथि में होने वाला एक कैंसर है जो सिर्फ पुरुषों में पाई जाती है। यह ग्रंथि कुछ लिक्विड सब्सटेंस का प्रोडक्शन करती है जो स्पर्म बनाने में मददगार हैं। बता दें कि समय रहते इस कैंसर के लक्षणों को पहचान पाना मुश्किल होता है ऐसे में द लैंसेट जर्नल की रिपोर्ट ने भी 2024 तक इससे होने वाली मौतों के 85% तक बढ़ने की आशंका जताई है।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Tue, 09 Apr 2024 05:02 PM (IST)
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Prostate Cancer को लेकर मेडिकल जर्नल द लैंसेट कमीशन ने जारी की रिपोर्ट
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Prostate Cancer: हर कैंसर की तरह प्रोस्‍टेट कैंसर भी तेजी से फैलता है। यह प्रोस्‍टेट ग्रंथि में होने वाला कैंसर है, जो केवल पुरुषों में होती है। बता दें, कि यह गोलाकार ग्रंथि ब्लैडर के ठीक नीचे होती है, जिसकी कोशिकाएं आपस में चिपककर कैंसर का कारण बन जाती हैं। आमतौर पर यह ज्यादा उम्र के पुरुषों को शिकार बनाता था, लेकिन आज कई युवाओं में भी इससे जुड़े लक्षण देखने को मिल रहे हैं। हाल ही में 'द लैंसेट जर्नल' ने प्रोस्टेट कैंसर के बढ़ते खतरों को लेकर एक रिपोर्ट भी जारी की है। आइए जान लीजिए कहती है यह रिपोर्ट।

85% तक बढ़ सकती हैं प्रोस्टेट कैंसर से होने वाली मौतें

मेडिकल जर्नल द लैंसेट कमीशन ने प्रोस्टेट कैंसर के बढ़ते खतरों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि साल 2040 तक इस कैंसर के सालाना मामले 29 लाख तक पहुंच सकते हैं। बता दें, अभी दुनियाभर में हर साल इसके 14 लाख केस ही सामने आते हैं, जिनके अगले 20 सालों में दोगुने होने की आशंका है। इसके अलावा दुनियाभर में इस गंभीर बीमारी से 7 लाख लोगों की मौत होने की संभावना भी जताई गई है, जो साल 2020 में 375,000 से 85 फीसदी ज्यादा है।

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कैसे बचाई जा सकती हैं जानें?

'द रॉयल मार्सडेन NHS फाउंडेशन ट्रस्ट' के प्रोफेसर निक जेम्स कहते हैं, कि आने वाले समय में प्रोस्टेट कैंसर से जुड़े एजुकेश्नल प्रोग्राम और अर्ली डिटेक्शन में हुए सुधार कई लोगों की जान बचाने में मददगार साबित हो सकते हैं। अगर समय रहते प्रोस्टेट कैंसर की पहचान करके रेडियोथेरेपी और सर्जरी का सहारा लिया जाए, तो इस बीमारी से निजात भी पाई जा सकती है।

2.9 मिलियन तक बढ़ सकते हैं प्रोस्टेट कैंसर के मामले

'लैंसेट कमीशन' की ओर से प्रोस्टेट कैंसर को लेकर 185 देशों का डाटा लिया गया और देखा गया कि समय के साथ इस बीमारी के मामलों और इससे होने वाली मौतों में किस तरह का बदलाव आया है। बता दें, कि डाटा में साल 1975 में 31 देशों के आधार पर अनुमान लगाया कि साल 2020 में 1.4 मिलियन के मुकाबले 2040 तक प्रोस्टेट कैंसर के मामले 2.9 मिलियन तक बढ़ सकते हैं।

इन देशों में है ज्यादा खतरा

मेडिकल जर्नल द लैंसेट कमीशन की रिपोर्ट बताती है, कि प्रोस्टेट कैंसर के सबसे ज्यादा मामले पश्चिम और उत्तरी यूरोप समेत नॉर्थ अमेरिका, साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कैरेबिया में हैं। इसके अलावा साउथ अफ्रीका, मध्य अफ्रीका, पोलिनेशिया, कैरेबियन और मेलानेशिया में इस बीमारी से होने वाली मृत्यु दर सबसे ज्यादा है। रिपोर्ट में इस बात की भी संभावना जताई गई है कि आने वाले 16 सालों में साउथ अमेरिका, ईस्टर्न यूरोप और ईस्ट एशिया में प्रोस्टेट कैंसर के मामले और इससे होने वाली मौतों में बड़ा इजाफा देखा जा सकता है।

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Picture Courtesy: Freepik