अनिद्रा और स्ट्रेस से रहना है दूर, तो किताबों से कर लें दोस्ती
पढ़ना एक बहुत ही अच्छी आदत है। इस आदत को अपने रूटीन में शामिल कर आप कई सारे फायदे पा सकते हैं। नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हैं या फिर तनाव से इन सभी में थेरेपी की तरह काम करती है पढ़ने की आदत तो इस आदत को अपने रूटीन में शामिल कर पा सकते हैं एक साथ कई सारे लाभ।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। डिजिटल युग में मनोरंजन से लेकर पढ़ने तक के लिए अब मैगजीन या किताबों का नहीं, बल्कि स्क्रीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। किताबों का इस्तेमाल तो लगभग ना के बराबर हो गया है, लेकिन आपको बता दें कि किताबें सिर्फ नॉलेज बढ़ाने का ही काम नहीं करती, बल्कि इनसे और भी कई तरह के फायदे मिलते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ फायदों के बारे में।
दिमाग होता है शॉर्प
जिस तरह हेल्दी व बैलेंस डाइट इम्युनिटी बढ़ाती है, वर्कआउट करने से मसल्स बनती है, वैसे ही किताबें पढ़ने से दिमाग चुस्त-दुरुस्त रहता है। बढ़ती उम्र के साथ दिमाग के सोचने-समझने की क्षमता पर असर पड़ता है, लेकिन अगर आप किताबें पढ़ते हैं, तो इससे आप बुढ़ापे में भूलने की बीमारी की परेशानियों से काफी हद तक बचे रह सकते हैं।
संवेदनशीलता बढ़ती है
किताबें पढ़ने से कई बार आप चीजों से इस तरह कनेक्ट हो जाते हैं कि वो सिचुएशन फील करने लगते हैं। इससे आपके अंदर उदारता, विनम्रता, प्यार और अपनेपन की भावना बढ़ती है। किताब न पढ़ने वालों की तुलना में किताब पढ़ने वाले लोग नॉलेज तो रखते ही हैं, साथ ही स्वभाव में भी काफी शांत होते हैं।आती है अच्छी नींद
आजकल की भागदौड़ और स्ट्रेस भरी जिंदगी ने ज्यादातर लोगों की नींदें उड़ा रखी हैं। इसकी एक दूसरी वजह देर रात तक मोबाइल का इस्तेमाल भी है। एक्सपर्ट बताते हैं कि मोबाइल से निकलने वाली नीली रोशनी दिमाग को एक्टिव करने का काम करती है, जो नींद में बाधा बन सकती है। वहीं दूसरी ओर किताबें माइंड को रिलैक्स करती हैं, जिससे कुछ ही देर में नींद आने लगती है। कई सारी रिसर्च भी बताती है कि किताबें पढ़ने से स्ट्रेस दूर होता है।
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रोजाना पढ़ने की आदत कैसे डेवलप करें
- अकसर पेरेंट्स शिकायत करते हैं कि उनके बच्चे किताबों से दूर भागते हैं, तो उनकी इस आदत के लिए डिजिटल क्रांति नहीं, बल्कि आप भी दोषी हैं, क्योंकि आपने उन्हें बचपन में पढ़ने की आदत नहीं डाली। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जितनी कम उम्र में बच्चों को किताब थमाएंगे, उतना ही उनके लिए अच्छा होगा।
- बच्चों में पढ़ने की आदत डेवलप करने के लिए आप भी उनके साथ कुछ देर किताबें पढ़ें। बच्चे अपने माता-पिता को ही देखकर सीखते हैं, तो इससे डेफिनेटली वो प्रेरित होंगे।
- पढ़ने की शुरुआत हल्की-फुल्की कहानियां, कविताओं या जिसमें भी आपकी रूचि है उन किताबों से करें। एक बार जब ये रूटीन में आ जाएं, तब दूसरे टॉपिक्स को एक्सप्लोर करें।
- निरंतरता जरूरी है। इसके लिए एक टाइम सेट कर लें और उस टाइम जब तक कोई जरूरी काम न हो, पढ़ना स्किप न करें।
- बैग में हमेशा एक किताब रखें। यात्रा के दौरान या खाली समय में मोबाइल चलाने के बजाय किताब पढ़ सकते हैं।
- अपना डेली टारगेट सेट करें कि रोजाना किताब के 20 से 25 पन्ने खत्म करने ही करने हैं। इससे लक्ष्य को पूरा करने की इच्छा में पढ़ने का उत्साह बढ़ेगा।
- बर्थडे, एनिवर्सरी में गिफ्ट में बुके, चॉकलेट देने के बजाय किताबें दें। अपने साथ दूसरों को भी ये अच्छी आदत डालें।