हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज के बाद भी बढ़ रहा है Blood Sugar, तो हो सकता है ये कारण
Diabetes एक लाइलाज बीमारी है जो इन दिनों कई लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। इसे दवाओं और सही लाइफस्टाइल की मदद से कंट्रोल किया जाता है। हालांकि हेल्दी डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज के बाद भी कई बार Blood Sugar कंट्रोल में नहीं आता है। ऐसा नींद की कमी की वजह से होता है। आइए जानते हैं डायबिटीज को कैसे प्रभावित करती है नींद।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आजकल लोगों की जीवनशैली तेजी से बदल रही है। भागती-दौड़ती लाइफस्टाइल में व्यस्त लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति तब तक सचेत नहीं होते हैं, जब तक कोई गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिलते हैं। कुछ लोग बीमारी होने के बाद अलर्ट होते हैं और फिर उसके अनुसार स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की जद्दोजहद करते हैं। डायबिटीज (Diabetes) इन्हीं समस्याओं में से एक है, जिससे इन दिनों कई लोग परेशान है।
यह एक लाइलाज बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं और इसे दवाओं, सही खानपान और लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव की मदद से कंट्रोल किया जाता है। हालांकि, कई बार सभी उपाय अपनाने के बाद भी मनचाहे परिणाम नहीं मिलते हैं। सही खानपान, नियमित व्यायाम, वर्कआउट और वॉक के बाद भी कई लोगों का ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में नहीं आता। ऐसे में तनाव पैदा होता है और स्वस्थ जीवनशैली से मन मुटाव सा होने लगता है।
यह भी पढ़ें- गर्म पानी में रोज एक चम्मच गाय का घी डालकर पीने से होगा सेहत को लाभ, जानें क्या है Ghee Water Benefits
क्यों कंट्रोल नहीं होता ब्लड शुगर
अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जो सबकुछ करने के लिए बाद भी ब्लड शुगर कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं, तो इसका सबसे बड़ा कारण नींद की कमी है। अच्छे खानपान और व्यायाम के बावजूद नींद पूरी न होने के कारण आपकी सारी मेहनत बेकार हो सकती है और डायबिटीज उसी जगह स्थिर या फिर बढ़ भी सकती है। आइए जानते हैं कि कैसे नींद पूरी न होने से बढ़ सकता है डायबिटीज का खतरा-
ब्लड शुगर को कैसे प्रभावित करती है नींद
- हमारा शरीर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन बनाता है, लेकिन जब हम पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेते हैं, तो इंसुलिन उत्पादन प्रभावित होता है और इससे ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में नहीं रहता है।
- नींद पूरी न होने से स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का लेवल बढ़ जाता है। इससे तनाव के साथ मोटापा भी बढ़ता है,जिससे कारण डायबिटीज कभी कंट्रोल में नहीं आ सकती।
- नींद पूरी न होने से लेप्टिन और घ्रेलिन हार्मोन, जो कि हंगर हार्मोन्स हैं, भी बढ़ जाते हैं। ये हार्मोन्स भूख को संचालित करते हैं, लेकिन रात के समय न सोने के कारण जब इनकी मात्रा बढ़ती है, तो मिडनाइट क्रेविंग होती है, जिसमें ज्यादातर कुछ मीठा खाने की क्रेविंग होती है। इससे भी मोटापा बढ़ता है और शुगर कंट्रोल में नहीं रह पाता है।
- जामा नेटवर्क ओपन में पब्लिश एक रिपोर्ट के अनुसार 8 घंटे तक नींद लेने वालों की तुलना में 6 घंटे से कम नींद लेने वाले लोगों में टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है।