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Restless leg Awareness Day 2023: क्या है रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम, जानें इसके लक्षण और कारण

Restless leg Awareness Day 2023 इन दिनों कई अलग-अलग तरह की बीमारियां लोगों का अपना शिकार हो बना रही है। लाइफस्टाइल में बदलाव की वजह से लोग इन समस्याओं की चपेट में आने लगे हैं। रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम इन्हीं समस्याओं में से एक है जिससे कई लोग परेशान रहते हैं। ऐसे में इसे लेकर जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 23 सितंबर को रेस्टलेस लेग्स अवेयरनेस डे मनाते हैं।

By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Sat, 23 Sep 2023 03:35 PM (IST)
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जानें क्या है रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम और इसके लक्षण

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Restless leg Awareness Day 2023: हर साल 23 सितंबर को रेस्टलेस लेग्स अवेयरनेस डे मनाया जाता है। यह दिन इस न्यूरोलॉजिकल और नींद से संबंधित मूवमेंट डिसऑर्डर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन 23 सितंबर, 2012 को पहला रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम जागरूकता दिवस मनाया गया था।

रेस्टलेस लेग्स्स सिंड्रोम को विलिस-एकबॉम डिजीज के रूप में भी जाना जाता है। यह किसी भी उम्र में शुरू हो सकता है और आम तौर पर आपकी उम्र बढ़ने के साथ बदतर होता जाता है। यह नींद में खलल डाल सकता है, जो रोज की गतिविधियों में रुकावट पैदा करता है। आइए जानते हैं इस विकार से जुड़ी सभी जरूरी बातें-

क्या है रेस्टलेस लेग्स्स सिंड्रोम?

रेस्टलेस लेग्स्स सिंड्रोम (आरएलएस) दिमाग, नर्व और नींद से जुड़ी एक स्थिति है, जिसकी वजह से आपके पैरों को हिलाने की तीव्र इच्छा होती है। खासतौर पर जब आपका शरीर आराम कर रहा होता है, उस समय यह इच्छा काफी तीव्र होती है। ऐसे में लगातार हिलने-डुलने की इच्छा आपकी आराम करने या नींद में बाधा डाल सकती है।

रेस्टलेस लेग्स्स सिंड्रोम (आरएलएस) के प्रकार क्या हैं?

आरएलएस दो प्रकार के होते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं-

  • अर्ली ऑनसेट (Early onset): आरएलएस का यह प्रकार अक्सर 45 वर्ष की उम्र से पहले होता है। यह आमतौर पर आपकी बायोलॉजिकल फैमिली हिस्ट्री में चलता है और यह स्थिति धीरे-धीरे बढ़ती है।
  • लेट ऑनलेट (Late onset): आरएलएस का यह प्रकार ज्यादा तेजी से बढ़ता है और इसका निदान 45 वर्ष की आयु के बाद होता है।

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रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के लक्षण क्या है?

  • पैरों को हिलाने की तीव्र इच्छा होना।
  • आराम करते समय में पैरों में असहजता महसूस होना
  • पैर हिलाने असहजता से राहत मिलना।
  • नींद के दौरान पैरों में झटके आना।

रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के लक्षण आपकी नींद को प्रभावित कर सकते हैं। इसका कारण यह हो सकता है:

  • नींद में बाधा होना, सोने या सोते रहने में कठिनाई।
  • थकान या दिन में नींद आना।
  • व्यवहार या मनोदशा में बदलाव।
  • चीजों को याद रखने या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई।
  • डिप्रेशन या चिंता

रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के क्या कारण हैं?

क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम का सही कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है। हालांकि, शोध से पता चलता है कि निम्न कारक आरएलएस में योगदान दे सकते हैं-

  • आनुवंशिकता- आपको आरएलएस विरासत में मिल सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान माता या पिता में से किसी एक में यह सिंड्रोम व्यक्ति में आरएलएस की वजह बन सकता है।
  • आयरन की कमी- अगर आपके शरीर में आयरन की कमी है, तो भी आप आरएलएस का शिकार हो सकते हैं।
  • मेडिकल कंडीशन्स- कुछ स्थितिथों में सेकंडरी आरएलएस का कारण बन सकती हैं। ऐसा तब होता है जब आरएलएस किसी अन्य मेडिकल कंडीशन के साथ होता है।
  • दवाएं- कुछ दवाएं, जैसे एंटीहिस्टामाइन, एंटीडिप्रेसेंट या एंटीनोसिया भी आरएलएस का कारण बन सकती हैं या लक्षणों को बदतर बना सकती हैं।

आरएलएस का इलाज क्या है?

आरएलएस के इलाज के तौर पर व्यक्ति इसके लक्षणों से राहत पाने के लिए कुछ दवाइयों की मदद ले सकता है। साथ ही अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करने से भी इससे राहत मिलती है। इसके लिए आपको अपने डॉक्टर के साथ बातचीत कर चर्चा करनी चाहिए।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik