Vegan Diet: कच्चा वीगन फूड खाने से हुई इन्फ्लुएंसर की मौत, जानें कितनी नुकसानदायक है ये डाइट
इंस्टाग्राम फेसबुक और टिकटॉक पर अपने रॉ वीगन फूड को लेकर मशहूर इन्फ्लुएंसर ज़्हाना सैमसोनोवा की मौत ही गई है। वह सिर्फ 39 साल की थीं और लगभग 4 सालों से वीगन डाइट को फॉलो कर रही थीं और दूसरों को भी इसे फॉलो करने की सलाह देती रहती थीं। फैन्स के बीच उन्हें Zhanna D’Art के नाम से जाना जाता था।
By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Wed, 02 Aug 2023 12:06 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। स्लिम-ट्रीम नजर आने के लिए लोगों में आजकल तरह-तरह की डाइट फॉलो करने का बहुत ज्यादा क्रेज देखने को मिल रहा है। बिना फायदे- नुकसान जानें और एक्सपर्ट की सलाह लिए बस इसे फॉलो करने लग जाते हैंं। हर किसी की बॉडी अलग होती है और उसकी जरूरतें अलग, तो किसी भी तरह की डाइट अपनाने और छोड़ने से पहले एक्सपर्ट से कंसल्ट करना बहुत जरूरी है। इस बात को समझना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि एक रूसी वीगन इन्फ्लुएंसर की अभी हाल ही में मौत हो गई है, जो एक खास डाइट फॉलो कर रही थीं।
रूस की रहने वाली इस इन्फ्लुएंसर का नाम था ज़्हाना सैम्सोनोवा (Zhanna Samsonova), जो सालों से सिर्फ कच्चा वीगन फूड खा रही थीं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सैम्सोनोवा अपने फैंस को भी रॉ वीगन डाइट के फायदों के बारे में बताती रहती थीं। रिपोर्ट के मानें तो, सालों से वीगन रॉ फूड डाइट पर रहने की वजह से ज़्हाना भुखमरी का शिकार हो गईं, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई।सैम्सोनोवा टिकटॉक से लेकर फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अपने फैंस के बीच Zhanna D’Art के नाम से मशहूर थीं। सैम्सोनोवा जब दक्षिण पूर्व एशिया के टूर पर थीं, तभी उनकी तबीयत खराब होने लगी थी। डॉक्टर ने उन्हें बचाने की काफी कोशिशें कीं, लेकिन 21 जुलाई को आखिरकार उनकी मौत हो गई।
सही समय पर नहीं कराया इलाज
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, ज़्हाना के एक दोस्त ने बताया कि कुछ महीने पहले जब ज़्हाना श्रीलंका टूर पर गई थीं, तब वह काफी थकी हुई सी लग रही थीं। उनके पैरों में सूजन थी। तब उन्हें इलाज के लिए घर भेजा गया, हालांकि इलाज कराने से पहले ही वह फिर भाग गईं। उनके एक दोस्त ने उन्हें फुकेत में देखा था, जिसके बाद वो शॉक्ड रह गया था। दोस्त ने बताया कि मुझे हर दिन यह डर लगा रहता था कि कहीं किसी दिन वह मुझे मृत अवस्था में न मिले क्योंकि उसकी हालत बहुत खराब हो गई थी। उसे कई बार अपना इलाज कराने के लिए कहा गया, मगर वह नहीं मानी।
सालों से खा रही थी 'कच्चा वीगन फूड'
ज़्हाना की मां ने दावा किया कि उसकी मौत हैजा जैसे संक्रमण से हुई है। हालांकि अभी यह मालूम नहीं चल पाया है कि मौत की असली वजह क्या है। मां ने बताया कि ज़्हाना पिछले चार सालों से वीगन रॉ फूड डाइट थीं।वह सिर्फ फल, फलों से बनने वाली स्मूदी या जूस और सूरजमुखी के बीज का सेवन कर रही थीं। ज़्हाना के एक दूसरे दोस्त ने बताया कि वो पिछले सात सालों से ड्यूरियन और कटहल खा रही थीं। दोस्तों की मानें तो ज़्हाना की मौत का कारण वीगन रॉ फूड ही है, जिससे उसका शरीर बेहद कमजोर हो गया था।नीलिमा बिष्ट, मुख्य नैदानिक पोषण, आहार विज्ञान विभाग- पारस हेल्थ, गुरुग्राम के अनुसार, विकासशील और विकसित देशों में शाकाहार का चलन बढ़ रहा है। हालांकि, इसकी लोकप्रियता के साथ, शाकाहारी आहार के पोषण मूल्य की चिंता भी ध्यान आकर्षित कर रही है। ऐसी ही एक चिंता यह है कि क्या शाकाहारी आहार से प्रोटीन की कमी हो सकती है। प्रोटीन शरीर के विभिन्न कार्यों जैसे ऊतकों के निर्माण और मरम्मत, इम्युनिटी को बढ़ावा देने और एंजाइम व हार्मोन का उत्पादन करने के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है। संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए प्रोटीन का पर्याप्त सेवन बेहद जरूरी है। एक सुनियोजित शाकाहारी आहार संभवतः प्रोटीन प्रदान कर सकता है, लेकिन इसमें प्रोटीन की कमी और कुपोषण का खतरा होता है। कुछ प्लांट बेस्ड प्रोटीन में टोफू, फलियां, दाल, मेवे, साबुत अनाज और कई अन्य शामिल हैं। हालांकि, यह सुनिश्चित करना एक प्रमुख चुनौती है कि शाकाहारी आहार का पालन करने वाले व्यक्ति इन प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का पर्याप्त मात्रा में सेवन कर रहे हैं। वेजिटेरियन डाइट में भोजन के लिमिटेड ऑप्शन्स होते हैं जिसके कारण व्यक्ति अपनी प्रोटीन आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पाते हैं। शाकाहार प्लांट बेस्ड डाइट की खपत को बढ़ावा देता है और मांस, अंडे, मछली और डेयरी उत्पादों से बचता है जो प्रोटीन से भरपूर होते हैं। इसलिए, शाकाहारी लोगों को पौधे-आधारित प्रोटीन और पूरक के माध्यम से अपने प्रोटीन सेवन की भरपाई करने की आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्वों की कमी से कई सारी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है और मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। इसे रोकने के लिए शाकाहारी लोगों को अपने भोजन में सभी पोषक तत्वों को पर्याप्त मात्रा में शामिल करना चाहिए और बैलेंस डाइट लेनी चाहिए।'