Salt Benefits: डाइट में शामिल करेंगे ये 5 तरह के नमक, तो होंगे ये कमाल के फायदे
Salt In Your Diet सिलेब्रिटी न्यूट्रीशनिस्ट रुजुता दिवाकर डाइट में नमक को विलेन नहीं मानतीं। उनके अनुसार रोज़ाना खाने में नमक की मात्रा कम करने की जगह खाने में कई तरह के नमक का इस्तेमाल करना बेहतर है।
By Ruhee ParvezEdited By: Updated: Thu, 04 Mar 2021 10:19 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Salt In Your Diet: ज़रूरत से ज़्यादा नमक का सेवन करने से होने वाले साइड-इफेक्ट्स के बारे में हमें सालों से चेताया जा रहा है। हम में से ज़्यादातर लोगों ने स्वस्थ रहने के लिए नमक का सेवन कम भी किया है। पेट फूलने से लेकर वज़न बढ़ना, शरीर में पानी भरने तक, ज़रूरत से ज़्यादा नमक खाने से स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां होने लगती हैं। लेकिन, सिलेब्रिटी न्यूट्रीशनिस्ट रुजुता दिवाकर नमक को विलेन नहीं मानतीं।
इंस्टाग्राम पर कुछ समय पहले उन्होंने एक पोस्ट के ज़रिए इस बारे में जानकारी दी। उनके अनुसार, रोज़ाना खाने में नमक की मात्रा कम करने की जगह, खाने में कई तरह के नमक का इस्तेमाल करना चाहिए। आइए जानें कि अलग-अलग तरह के नमक और उनके फायदों के बारे में।आप कितने तरह के नमक खा सकते हैं?
आयुर्वेद के अनुसार, हम अब 6 अलग तरह के स्वाद का मज़ा ले सकते हैं- मीठा, कड़वा, खट्टा, चटपटा, तीखा और नमकीन। इन सब में से नमक हमारे खाने का सबसे ज़रूरी हिस्सा होता है। अपने औषधीय मूल्यों की वजह से अलग-अलग तरह के नमक का सदियों से इस्तेमाल होता आ रहा है।
वास्तव में, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि योगी अपने योग अभ्यास में प्रगति के लिए अपनी दिनचर्या में 5 प्रकार के नमक का उपयोग करते हैं। 5 तरह के नमक जिनका वे इस्तेमाल करते थे, उनमें सेंधवा या सेंधा नमक, समुद्री या सी सॉल्ट, सौवर्चला नमक या काला नमक, विदा नमक, सांभर या रोमाका नमक शामिल थे।
इन 5 तरह के नमक का उपयोग हमें कई तरीकों से फायदा पहुंचा सकता है।
- नसों को मजबूत रखने में मदद करता है।- शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखता है- पेट फूलना और ऐंठन को कम करने में मदद करता है- पाचन से जुड़ी दिक्कतों में मदद करता है। ये सभी नमक न सिर्फ पोषक तत्वों बल्कि स्वास्थ्य लाभों से भी भरपूर होते हैं। आइए जानें कि आप इन्हें खाने में कैसे आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।सेंधवा इस आमतौर पर सेंधा नमक कहा जाता है। इस नमक का इस्तेमाल व्रत के दिनों में किया जाता है। इसे अर्बी, सुरण, रागिरा, कुट्टू, आलू आदि को बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
समुद्री नमकइसे सी-सॉल्ट भी कहा जाता है। समुद्री नमक का उपयोग दालों को भिगोने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल नहाने में भी किया जाता है।सौवर्चला नमकसौवर्चला यानी काले नमक का इस्तेमाल शर्बत में होता है या चटनी। इसके अलावा कुल्ला (Gargle) करने में भी किया जाता है। विदा और रोमाका नमकइन दोनों नमक का उपयोग चिकित्सीय उद्देश्य के लिए किया जाता है।
नमक कैसे करता है हमारी मदद?नमक भोजन के पाचन, आत्मसात और उत्सर्जन में मदद करता है। इसलिए जब किसी को कब्ज़ होता है, तो उसे और नमक खाने की इच्छा होती है। कम नमक खाने की वजह से आपको ज़्यादा मीठा खाने का दिल करता है। आयुर्वेद के अनुसार, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नमक को खाने के बाद का स्वाद मीठा होता है, इसलिए अगर हम खाने में नमक कम खाते हैं, तो हमें बाद में कुछ मीठा खाने का दिल करता है।
इसलिए नमक को अपने खाने में दुश्मन न समझें। रोज़ाना की अपनी डाइट में चार तरह के नमक को ज़रूर शामिल करें। जिसमें काला नमक, आम नमक, सी-सॉल्ट और रॉक सॉल्ट शामिल हों। ध्यान रखें कि पैकेज्ड खाना न खाएं, क्योंकि इसे खाने से आप अनजाने में ज़रूरत से ज़्यादा नमक का सेवन कर लेते हैं। Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।