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फ्लू से बच्चों को बचाएं, स्कूल से ही उनमें हैंड वॉश की आदत डालें

नोरोवायरस उल्टी दस्त और खाने से जुड़ी बीमारियों का मुख्य कारण है। नोरोवायरस से पीड़ित व्यक्ति जब अपने हाथों से किसी चीज को छूता है तो इससे खाना पानी या अन्य चीजें दूषित हो जाती हैं। दूषित पानी और भोजन से नोरोवायरस फैल सकता है। नोरोवायरस से पीड़ित व्यक्ति के जरिए वायरस की हवा में बूंदों के माध्यम से फैलती हैं।

By Jagran NewsEdited By: Ruhee ParvezUpdated: Wed, 02 Aug 2023 10:59 PM (IST)
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फ्लू से बच्चों को बचाएं, स्कूल से ही उनमें हैंड वॉश की आदत डालें

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। स्वच्छता का पालन करके हम कई तरह की संक्रामक बीमारियों या फ्लू से खुद को दूर रख सकते हैं। और इसकी शुरुआत हमें हैंड वॉश से करनी चाहिए। खाना खाने से पहले या खाना खाने के बाद या किसी सतह को छुने के बाद यह जरूरी है कि आप अपने हाथ को साबुन से साफ करें। इससे नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया और वायरस आपके शरीर में नहीं जाएंगे और आप बीमार नहीं होंगे। क्योंकि ऐसा देखा गया है कि केवल 20 सेकेंड तक हैंड वॉश न करने की वजह से पेट में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, नतीजा घंटों समय आप टॉयलेट में बिताते हैं।

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पेट का फ्लू और नोरोवायरस

पेट का फ्लू नोरोवायरस के कारण होता है। नोरोवायरस उल्टी, दस्त और खाने से जुड़ी बीमारियों का मुख्य कारण है। नोरोवायरस से पीड़ित व्यक्ति जब अपने हाथों से किसी चीज को छूता है, तो इससे खाना, पानी या अन्य चीजें दूषित हो जाती हैं। दूषित पानी और भोजन से नोरोवायरस फैल सकता है। नोरोवायरस से पीड़ित व्यक्ति के जरिए वायरस की छोटी बूंदें हवा के माध्यम से फैलती हैं, विभिन्न सतहों पर रहती हैं या फिर किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में आती हैं। इसलिए नोरोवायरस से बचने और पेट के कीड़ों को फैलने से रोकने के लिए हाथों के हाइजीन का ख्याल रखना जरूरी है। परिवार में सभी सदस्य साबुन और पानी की मदद से अच्छी तरह से धोएं। इसमें जल्दबाजी ना करें। कम से कम 20 सेकंड तक हाथों को धोएं। खासतौर पर:

1) टॉयलेट का उपयोग करने या डायपर बदलने के बाद।

2) खाना खाने, बनाने या फिर परोसने करने से पहले।

इसके अलावा, अपना खाना बनाने और खाने से पहले इन बातों का ध्यान रखें - 1) फलों और सब्जियों को अच्छे से धोएं। 2) सीप और अन्य शेलफिश को कम से कम 145°F के इंटरनल टेंपरेचर पर अच्छी तरह से पकाएं। जब आप बीमार हों या फिर बीमारी से ठीक होने के लगभग 48 घंटे बाद तक आपको दूसरों के लिए भोजन नहीं बनाना चाहिए। इस दौरान न ही किसी अन्य व्यक्ति की देखभाल करनी चाहिए। सभी बचाव के उपायों को अपनाने से संक्रमण की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

बचपन से दी जाए हैंड वॉश की शिक्षा

हैंड वॉश की आदत को अपनाना आवश्यक है और यह आदत बचपन से दी जाए तो ठीक है। ऐसे समय में अगर बच्चा स्वच्छता के प्रति जागरूक हो जाए तो वो पूरी जिंदगी इसका अनुसरण करेगा। दरअसल, बीमारियां न केवल बच्चों के विकास में बाधक है, बल्कि देश की आर्थिक प्रगति के लिए भी बोझ है। इन बीमारियों के प्रसार को रोकने का सबसे आसान तरीका है कि आप नियमित रूप से अपने हाथों को साबुन से धोएं।

फ्लू या संक्रामक रोगों से बच्चों को बचाना है तो उन्हें स्कूल से ही इस बारे में शिक्षा दी जानी चाहिए। संगीत या अन्य आकर्षक टूल्स के माध्यम से उन्हें हैंड वॉश के लिए जागरूक करना चाहिए। जैसे Savlon Swasth India Mission ने इस क्षेत्र में काफी काम किया है। उन्होंने एक खास पहल इंटरैक्टिव स्टोरीटेलिंग मॉड्यूल शुरू किया। इस पहल में बताया गया है कि जब चाक की धूल वाले हाथ पानी के संपर्क में आते हैं तो वो साबुन की तरह साफ हो जाता है। इसमें बच्चों को आकर्षक और हलका-फुलका अनुभव देने के लिए फूड ग्रेड इंग्रीडिएंट्स के साथ इनोवेशन किया गया। यह प्लेफुल टूल बच्चों में हैंड वॉश को व्यवहार में लाने का एक असरदार तरीका साबित हुआ। इसी तरह Savlon Swasth India Mission का Savlon आईडी गार्ड भी एक सफल कैंपेन साबित हुआ। इसके लिए विभिन्न स्कूलों के सहयोग से Savlon आईडी गार्ड बनाया गया और उसमें हैंड वॉश डालरकर उसे नया रूप दिया गया। इस तरह यह आईडी गार्ड ‘बॉडी गार्ड’ की तरह हमेशा हैंड वॉश बच्चों साथ रहेगा। यह पहल इतना प्रभावशाली था कि अध्यापकों ने इसे हर स्कूल में लागू करने की सिफारिश की।

स्वस्थ बच्चे बड़े होकर सफल वयस्क बनते हैं, जो भारत के भविष्य को आकार देंगे। इसलिए हमारा कर्तव्य है कि हम उनमें स्वस्थ आदतों को विकसित करें। कार्टून चरित्रों के साथ एनिमेटेड सीरीज बच्चों के व्यवहार में बदलाव लाते हैं। हैंड वॉश के लिए इस तरह के सीरीज बच्चों को स्वस्थ और स्वच्छ रहने के लिए प्रेरित करेंगे, जो उन्हें बीमारियों और फ्लू से बचाएंगे।

Note:- यह आर्टिकल ब्रांड डेस्क द्वारा लिखा गया है।