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हैंड हाइजीन को लेकर Savlon Swasth India Mission के तहत चले कई इनोवेटिव कैंपेन, बदलीं हजारों जिंदगियां

सेहतमंद रहने के लिए साफ-सफाई का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है। खासकर हैंड हाइजीन को फॉलो करना बेहद जरूरी है ताकि खुद को बीमारी होने से बचाया जा सके। ऐसे में Savlon का Swasth India Mission बच्चों को हैंड हाइजीन और इसके महत्व के बारे में जागरूक करने की एक खास पहल है। यह खास मुहिम साल 2016 से विभिन्न स्कूलों में किया जा रहा है।

By Jagran News Edited By: Harshita Saxena Updated: Fri, 02 Aug 2024 08:35 PM (IST)
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बच्चों को हैंड हाइजीन सिखा रहा Savlon Swasth India Mission
ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। “मां, ये देखो मेरे हाथ कितने साफ दिख रहे हैं, बिल्कुल साफ!’ चेहरे पर खुशी लिए जब आव्या यह बात कहती है, तो मां के मन को सुकून मिलता है। अब उसकी वह चिंता खत्म हो गई, जब बार-बार आव्या को हैंड वॉश के लिए कहना पड़ता था। यह बदलाव इसलिए आया, क्योंकि आव्या के स्कूल में बहुत ही रोचक और दिलचस्प तरीके से हैंड हाइजीन के महत्व को बताया गया। अब यह बच्ची खुद हैंड वॉश करती है और अपने दोस्तों को भी ऐसा करने के लिए कहती है। इस हैंड हाइजीन के अभ्यास ने आव्या के साथ हजारों बच्चों के जीवन को बदल दिया है।

“मैं हैरान हो जाती हूं, अपनी बेटी की आदतों को देखकर जब वह अपने हाथों को अच्छे से साफ करती है। वह अपने घर वालों को भी ऐसा करना सिखाती है, ये सब उसने अपने स्कूल में Savlon Swasth India Mission के कार्यक्रम में सीखा है। यह कार्यक्रम इतना अच्छा था कि उसका सकारात्मक असर मेरी बेटी पर दिखा। यह देखकर मैं बहुत खुश हूं।” - पूनम सिंह, दिल्ली

क्या है हैंड हाइजीन की आदत?

हैंड हाइजीन एक ऐसी आदत है, जिसे अक्सर लोग अनदेखा कर देते हैं। इसके कारण शरीर के संपर्क में कीटाणु और बैक्टीरिया आ जाते हैं, जिससे स्वास्थ्य प्रभावित होता है। ऐसे में यह जरूरी है कि परिवार और स्कूल में हैंड हाइजीन को बढ़ावा दिया जाए, खासकर बच्चों में। ऐसा इसलिए है, क्योंकि अगर बच्चों को यह आदत बचपन में ही दी जाए, तो वह इसे पूरी जिंदगी याद रखते हैं। यही काम वर्ष 2016 से Savlon Swasth India Mission के तहत स्कूलों में किया जा रहा है।

“बचपन की आदतें अक्सर बुढ़ापे तक बनी रहती हैं। बच्चों को हैंड हाइजीन के महत्व के बारे में जागरूक करने का मतलब है कि वे इन आदतों को पूरे जीवन अपनाएं, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य बेहतर हो सके।” - डॉ. राहुल वर्मा, निदेशक - नियोनेटोलॉजी और बाल रोग, विशेषज्ञ, सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल

क्या है यह अभियान?

ITC का Savlon Swasth India Mission एक ऐसा बड़ा सोशल प्रोग्राम है, जिसने बच्चों के जीवन पर सकारात्मक असर डाला है और केवल हैंड वॉश के अभ्यास से उन्हें कीटाणुओं से दूर किया है। यह अभियान दुनिया भर में चलाए जाने वाले सबसे बड़े हैंड हाइजीन एजुकेशन प्रोग्राम में से एक है।

37,000 से ज्यादा स्कूलों तक पहुंचा अभियान

आंकड़ों की बात करें तो Savlon Swasth India Mission अब तक 37,000 से ज्यादा स्कूलों तक पहुंच चुका है और अपने अनोखे तरीकों से करीब एक करोड़ से ज्यादा बच्चों के जीवन को बदला है। वित्त वर्ष 2023-24 में इसने स्कूल कार्यक्रम के जरिए हैंड हाइजीन को बढ़ावा देने के लिए 12,500 से ज्यादा स्कूलों और 2.6 मिलियन (26 लाख) बच्चों तक पहुंच बनाई है। इस खूबसूरत पहल ने प्राइमरी स्कूल के छात्रों के बीच हैंड हाइजीन की आदतों को प्रभावी ढंग से स्थापित किया है। इस पहल ने बच्चों को एक स्वस्थ और खुशहाल भविष्य का मार्ग दिखाया है।

इस तरह से करें हैंड वॉश

हैंड हाइजीन पर जागरूकता फैलाने के लिए Savlon Swasth India Mission के तहत कई इनोवेटिव कैंपेन चलाए गए हैं, जिसमें गेम और फन दोनों शामिल हैं। ये कैंपेन हैं, ‘हैंड चॉक स्टिक’, ‘सेवलॉन आईडी गार्ड’, ‘हैंड एंबेसडर’, ‘हैंड वाशिंग लेजेंड’ वगैरह। इन सभी कैंपेन का उद्देश्य बच्चों में हैंड वॉशिंग को लेकर जागरूकता फैलाना था, ताकि इसे वे अपने दिनचर्या में शामिल कर सकें। हैंड हाइजीन के अभ्यास के लिए सबसे पहले अपने हाथ को पानी से धोएं। इसके बाद, हाथों में साबुन लगाएं और 20 सेकेंड तक हाथों को रगड़ें। इसके बाद, हाथों को पानी से धो लें। अब एयर ड्रायर या टॉवल से हाथों को सुखा लें।

इसलिए जरूरी है हैंड हाइजीन

माता-पिता हमेशा अपने बच्चों को अच्छी आदतें सिखाते हैं और हाइजीन भी बचपन से ही एक महत्वपूर्ण आदत होनी चाहिए। दरअसल, हर किसी की जिंदगी में हैंड हाइजीन का महत्व दूसरी हेल्दी आदतों जैसा ही है, जिसका हमें नियमित रूप से पालन करना चाहिए। खासकर बच्चों को इसके बारे में जागरूक जरूर करना चाहिए। वे छोटी उम्र में कीटाणुओं और बैक्टीरिया से पूरी तरह से अंजान होते हैं। वे कुछ भी छूते हैं और उन्हीं हाथों से कुछ भी खाने लगते हैं। यहां पैरेंट्स और टीचर्स महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि स्कूल में टीचर्स आसान भाषा और कॉन्सेप्ट के साथ बच्चों को हैंड हाइजीन के बारे में शिक्षा दे सकते हैं, तो वहीं माता-पिता इसका नियमित अभ्यास करवा सकते हैं। इस तरह हम बच्चों के भविष्य को ज्यादा सुरक्षित और सेहतमंद बना सकते हैं।

Note:- यह आर्टिकल ब्रांड डेस्क द्वारा लिखा गया है।