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Sawan 2023: सावन के महीने में क्यों नहीं खाना चाहिए नॉनवेज फूड, जानें क्या है इसका साइंटिफिक रीजन

Sawan 2023 इन दिनों देशभर में लोग सावन के पावन महीने में भगवान शिव की आराधना में डूबे हुए हैं। यह पूरा महीना खासतौर पर भगवान शिव को ही समर्पित है। इस दौरान लोग भोलेबाबा की पूजा-पाठ करते हुए अपना समय बिताते हैं। कई लोग इस दौरान नॉन वेज आदि से भी परहेज करते हैं। इसके पीछे धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक वजह भी है। आइए जानते हैं

By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Mon, 17 Jul 2023 09:58 AM (IST)
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सावन में क्यों नहीं खाते नॉन वेज, जानें इसका वैज्ञानिक कारण
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Sawan 2023: मानसून के सीजन के साथ ही सावन के पावन महीने की भी शुरुआत हो चुकी है। भगवान शिव को समर्पित यह महीना हिंदू धर्म में बेहद अहम और पावन माना जाता है। सावन के पूरे महीने लोग भगवान शिव की आराधना कर उनका आशीर्वाद पाने की कोशिश करते हैं। साथ इस दौरान लोग कई तरह के नियमों आदि का भी पालन करते हैं। इस दौरान जहां कुछ लोग प्याज-लहसुन से दूरी बना लेते हैं, तो वहीं कुछ लोग दूध-दही आदि खाना छोड़ देते हैं।

इन सबके अलावा सावन की शुरुआत होते ही लोग मांसाहार भोजन आदि से भी परहेज करने लगते हैं। वैसे तो ज्यादातर लोग धार्मिक आस्था और मान्यताओं की वजह से सावन के महीने में नॉन वेज से दूरी बना लेते हैं, लेकिन इसके पीछे कुछ साइंटिफिक रीजन भी है। आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको इन्हीं साइंटिफिक रीजन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी वजह से आपको इस महीने में नॉनवेज आदि से परहेज करना चाहिए।

कमजोर पाचन शक्ति

सावन का महीना मानसून में आता है। ऐसे में इस दौरान लगातार बारिश की वजह से कई दिनों तक सूरज नहीं निकल पाता। इसकी वजह से हमें सूरज की पर्याप्त रोशनी नहीं मिल पाती। इससे हमारा मेटाबॉलिज यानी पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। ऐसे में नॉनवेज ऐसा भारी खाना पचाना हमारे लिए काफी मुश्किल हो जाता है और यह आंत में सड़ने लगता है, जिससे कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

प्रजनन का महीना

बरसात का मौसम कई जीवो के लिए प्रजनन यानी ब्रीडिंग का महीना होता है। ज्यादातर जीव जंतु इस मौसम में ब्रीडिंग करते हैं। ऐसे में किसी भी प्रेग्नेंट जीव को खाने से हमारे शरीर को नुकसान पहुंचता है। साइंस की मानें तो प्रेग्नेंसी की वजह से इन जीवों के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। ऐसे में इनके सेवन से हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

बढ़ जाता है इंफेक्शन का खतरा

सावन के महीने में लगातार बारिश होने की वजह से वातावरण में कई तरह के संक्रमण फैलने लगते हैं। ऐसे में जीव-जंतु जो घास और पत्ते आदि खाते हैं, इन संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। जब हम इन संक्रमित जानवरों का मांस खाते हैं, तो हमारे भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। यही वजह है कि इस मौसम में नॉनवेज छोड़ने की सलाह दी जाती है।

आयुर्वेद ने भी बताई वजह

आयुर्वेद की मानें तो सावन यानी मानसून में हमारी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। ऐसे में ऑयली, नॉनवेज या मसालेदार खाना न सिर्फ हमारी इम्यूनिटी, बल्कि पाचन क्रिया पर भी असर डालता है। इस तरह के भोजन को पचाना आसान नहीं होता। यही वजह है कि आयुर्वेद भी सावन के महीने में आसानी से पचने वाला हल्का भोजन खाने की सलाह देता है।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik

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