Memory Boosting Mushrooms: वैज्ञानिकों ने खोजा ऐसा मशरूम जो आपकी याददाश्त को बनाएगा तेज़ तर्रार, नई रिसर्च
Memory Boosting Mushroomsप्राचीन काल से पारंपरिक चीनी चिकित्सा में लायन्स मेन मशरूम का उपयोग सदियों से बीमारियों के इलाज और सेहत को स्वस्थ बनाए रखने के लिए किया जा रहा है।नई रिसर्च से पता चला है कि इनमें मौजूद एक कम्पाउंड याददाश्त को सुधारने में मदद कर सकता है।
By Ruhee ParvezEdited By: Ruhee ParvezUpdated: Tue, 14 Feb 2023 09:21 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Memory Boosting Mushrooms: ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने खाने योग्य मशरूम में एक नए एक्टिव कंपाउंड, हेरीसियम इरीनासियस की खोज की है, जो नर्व ग्रोथ को बूस्ट कर याददाश्त को बढ़ाने का काम करता है। क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के प्री-क्लीनिकल टेस्ट में पाया गया है कि लायन मेन नाम के मशरूम, मानव मस्तिष्क कोशिकाओं के विकास पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं।
शोधकर्ताओं मानते हैं कि इस खोज का इस्तेमाल अल्ज़ाइमर रोग से बचाव और इसके इलाज के लिए किया जा सकता है। क्वीन्सलैंड ब्रेन इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर फ्रेड्रिक म्यूनियर का कहना है कि उनकी टीम ने मशरूम के एक ऐसे नए एक्टिव कम्पाउंड की खोज की है, जो ब्रेन सेल ग्रोथ को बेहतर बनाने का काम करते हैं। प्रोफेसर म्यूनियर ने कहा कि लायन्स मेन नाम के इस मशरूम के अर्क का उपयोग एशियाई देशों में सदियों से पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता रहा है, लेकिन हम वैज्ञानिक रूप से मस्तिष्क कोशिकाओं पर उनके संभावित प्रभाव का निर्धारण करना चाहते थे।
प्री-क्लीनिकल टेस्टिंग में पाया गया कि लायन्स मेन मशरूम का मस्तिष्क कोशिकाओं के विकास और याददाश्त में सुधार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। आश्चर्यजनक रूप से हमने पाया कि सक्रिय यौगिक न्यूरॉन अनुमानों को बढ़ावा देते हैं, विस्तार करते हैं और अन्य न्यूरॉन्स से जुड़ते हैं।
सुपर-रिज़ॉल्यूशन माइक्रोस्कोपी का उपयोग करते हुए, हमने पाया कि मशरूम का अर्क और इसके सक्रिय घटक बड़े पैमाने पर विकास शंकु के आकार को बढ़ाते हैं, जो मस्तिष्क कोशिकाओं के लिए अपने पर्यावरण को समझने और मस्तिष्क में अन्य न्यूरॉन्स के साथ नए संबंध स्थापित करने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं।
सुपर-रिज़ॉल्यूशन माइक्रोस्कोपी का उपयोग करते हुए, हमने पाया कि मशरूम का अर्क और इसके सक्रिय घटक बड़े पैमाने पर ग्रोथ कोन्स के आकार को बढ़ाते हैं, जो मस्तिष्क कोशिकाओं के लिए अपने पर्यावरण को समझने और मस्तिष्क में अन्य न्यूरॉन्स के साथ नए संबंध स्थापित करने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं।
क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के डॉ. मार्तीनेज़-मारमोल, जो शोध के सह-लेखक भी हैं, का मानना है कि इस शोध से अल्जाइमर रोग जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव संज्ञानात्मक विकारों के खिलाफ रोगियों का इलाज और बचाव करना मुमकिन होगा। उन्होंने बताया कि हमारा विचार प्राकृतिक स्रोतों से बायोएक्टिव यौगिकों की पहचान करना था, जो मस्तिष्क तक पहुंच सकते हैं और न्यूरॉन्स के विकास को नियंत्रित कर सकते हैं, जिससे याददाश्त में सुधार होता है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।