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पौष्टिकता से भरपूर ये फल आपको रखते हैं सेहतमंद और मौसमी बीमारियों से करते है बचाव...

Seasonal Fruits Benefits दिल्ली मैक्स हेल्थकेयर के एंडोक्रोनोलाजी एंड डायबिटीज के चेयरमैन डा. अंबरीश मित्तल ने बताया कि प्रकृति मौसम में बदलाव के साथ देती है अलग-अलग किस्म के फलों का स्वाद लेने का मौका। पौष्टिकता से भरपूर ये फल आपको रखते हैं सेहतमंद...

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Mon, 30 May 2022 03:45 PM (IST)
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Seasonal Fruits Benefits: सेहत के साथी हैं मौसम के फल

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Seasonal Fruits Benefits मौसम में बदलाव का असर हमारे खानपान में भी परिवर्तन लेकर आता है। हर फल का अपना मौसम होता है। फलों से हमें पोषक तत्व मिलते हैं, जो शरीर के लिए बहुत आवश्यक हैं। इस मौसम में तापमान और गर्मी के असर को कम करने के लिए फलों के राजा आम के साथ तरबूज, खरबूजा, लीची, स्ट्राबेरी, आलू बुखारा, बेल आदि पर्याप्त मात्रा में मिलते हैं।

स्वास्थ्य की दृष्टि से हमें फलों को अपने आहार का हिस्सा बनाना चाहिए। इनके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और स्वस्थ कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने से बची रहती हैं। गर्मी के फल बीटाकैरोटीन, कैरोटेनायड और खनिज तत्वों से भरपूर होते हैं। एंटीआक्सीडेंट से भरपूर ये फल फ्री रेडिकल्स को कम करके हमें आक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं। गर्मियों के इन फलों का सेवन आजकल होने वाली बीमारियों से भी बचाता है।

तरबूज: इसमें पोषक तत्वों के साथ 92 फीसद पानी होता है। तरबूज में मौजूद विटामिन-ए, सी और बी-6 के अलावा पाया जाने वाला एंटीआक्सीडेंट लाइकोपेन हृदय व हड्डियों को सेहतमंद बनाता है। मधुमेह रोगी भी सीमित मात्रा में तरबूज का सेवन कर सकते हैं।

आम: इसमें पाए जाने वाले विटामिन-ए, सी और फोलेट व फाइबर सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हैं। आम हाई ग्लाइसेमिक फलों की श्रेणी में आता है। इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। हालांकि इसका भरपूर स्वाद लेने के लिए अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा।

खरबूजा: गर्मियों की तपिश कम करने में खरबूजा बेजोड़ है। एंटीआक्सीडेंट से भरपूर इस फल में फाइबर व विटामिंस प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण ये मधुमेह रोगियों के लिए भी लाभकारी है, लेकिन मधुमेह रोगियों को इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।

बेरीज: विभिन्न प्रकार की बेरीज जैसे ब्लूबेरी, स्ट्राबेरी आदि में फाइबर व एंटीआक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होती है। इनमें मौजूद विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसलिए इनका नियमित सेवन करना चाहिए।

आलू बुखारा: कुछ दिनों बाद बाजार में आसानी से मिलने वाला आलू बुखारा फाइबर, विटामिन सी और ए का अच्छा स्रोत है। यह फल ब्लड में ग्लूकोज को नियंत्रित रखता है। इसका सेवन सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।

बेल: इस फल में प्रोटीन, फास्फोरस, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम, फाइबर आदि पाया जाता है। नियमित अंतराल में बेल का सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और शरीर को अंदर से ठंडक प्रदान करता है।

जामुन: अभी इस फल का स्वाद और लाभ लेने के लिए कुछ समय तक तो इंतजार करना ही होगा। इसमें पाया जाने वाला जाम्बोलिन नामक तत्व ब्लड में ग्लूकोज को कम करने में बहुत मदद करता है। इसलिए हर किसी को इसका सेवन करना चाहिए। मधुमेह रोगियों के लिए तो यह औषधि है।

मधुमेह रोगी समझदारी के साथ हर फल का लें स्वाद: आमधारणा है कि मधुमेह रोगियों को फल नहीं खाने चाहिए, लेकिन मधुमेह रोगी सभी फलों का सेवन कर सकते हैं। यह सच है कि हरेक फल में अलग प्राकृतिक मिठास होती है। इसलिए शुगर लेवल गड़बड़ा सकता है। इसका आसान तरीका है कि ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड को ध्यान में रखें। इस पैमाने से यह स्पष्ट हो जाता है कि कार्बोहाइड्रेट्स से युक्त कोई भी खाद्य पदार्थ खाने के बाद किस गति से ब्लड में ग्लूकोज के लेवल को बढ़ाएगा। यह मानक शून्य से लेकर 100 तक है।

हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स (100-70): ऐसे खाद्य पदार्थ जो ब्लड में ग्लूकोज को तेजी से बढ़ाते हैं और शुगर लेवल के आकस्मिक उतार-चढ़ाव का कारण बनते हैं।

मीडियम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (69-56): ऐसे खाद्य पदार्थ जो मध्यम गति से ब्लड में ग्लूकोज को बढ़ाते हैं।

लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (55-0): ऐसे खाद्य पदार्थ जो धीरे-धीरे ब्लड में ग्लूकोज बढ़ाते हैं और शुगर लेवल को स्थिर रखने में सहायक होते हैं।

ये है ग्लाइसेमिक लोड: ग्लाइसेमिक लोड भोजन या पेय पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा की एक माप है। उदाहरण के लिए तरबूज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई (80) होता है, लेकिन इसमें पचने वाले कार्बोहाइड्रेट अपेक्षाकृत कम होते हैं। इसलिए इसका ग्लाइसेमिक लोड कम (केवल पांच) होता है। ग्लाइसेमिक लोड को भी तीन श्रेणियों रखा जाता है।

  • लो ग्लाइसेमिक लोड: एक से 10
  • मीडियम ग्लाइसेमिक लोड : 11 से 19
  • हाई ग्लाइसेमिक लोड: 20 या इससे ज्यादा।

सावधानी के साथ करें सेवन

फलों का सेवन प्राकृतिक मिठास देने के साथ सेहत को दुरुस्त रखता है। कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं, जिनका ध्यान रखकर इसके सेवन से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।

  • हमेशा ताजे व मौसमी फलों का सेवन करें।
  • संभव हो तो काटने-छीलने के बजाय साबुत फलों को आहार में शामिल करें।
  • फलों को दूध, दही या नट्स के साथ मिलाकर खाएं। इससे पोषण का स्तर बढ़ेगा और ब्लड ग्लूकोज लेवल नियंत्रित रहेगा।
  • फलों के जूस के प्रयोग से बचना चाहिए।