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Self Medication side effects: डॉक्टर से बिना सलाह न करें इन दवाओं का सेवन, जो पहुंचाते हैं सेहत को बहुत नुकसान

Self Medication side effects सर्दी-जुकाम पेटदर्द और बुखार जैसी मामूली समस्याएं होने पर ज्यादातर लोग डॉक्टर की सलाह के बिना अपने आप दवाएं लेते हैं। ऐसी दवाओं को ओटीसी (ओवर द काउंटर) मेडिसिन कहा जाता है जिनके ज्यादा सेवन से सेहत को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं।

By Priyanka SinghEdited By: Updated: Wed, 30 Mar 2022 07:59 AM (IST)
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Self Medication side effects: खुद से दवाएं लेने से सेहत को होने वाले नुकसान

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क, Self Medication side effects: पिछले दो सालों में लोगों के खानपान और हेल्थ केयर संबंधी आदतों में कई सारे बदलाव आए हैं। कोविड से बचाव में, इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए लोगों ने बिना डॉक्टर से बिना सलाह-मशविरा किए इंटरनेट पर पढ़कर कई तरह की दवाओं और मल्टी विटमिंस का खुद से ही सेवन शुरू कर दिया था जिसकी वजह से अब उन्हें किडनी और लिवर से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ये बहुत ही गलत आदत है जो इन दो अंगों को ही नहीं बल्कि आपके ओवरऑल हेल्थ को प्रभावित कर सकती है। तो जान लें कौन सी दवाओं के ज्यादा सेवन से किस तरह की समस्याएं देखने को मिलती हैं।

1. कफ सिरप

कब होती है जरूरत

छाती में जकड़न, सूखी खांसी, कफ, गले में खराश के साथ दर्द

साइड इफेक्ट

नॉजिया, सुस्ती, हर वक्त नींद आना, याददाश्त में कमी, घबराहट, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन अनियमित होना।

2. लैक्जेटिव मेडिसिन

कब होती है जरूरत

ये दवाएं कब्ज की समस्या दूर करने में मददगार होती हैं। जिसे आमतौर पर किसी सर्जरी से पहले या डिलीवरी के बाद पेट साफ करने के लिए दी जाती हैं।

साइड इफेक्ट

लंबे समय तक इस तरह की दवाओं के इस्तेमाल से गैप करने पर नॉर्मल मोशन में दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा डिहाइड्रेशन, पेट दर्द, लूज मोशन, लैक्जेटिव कोलाइटिस, किडनी में स्टोन और हार्ट की मसल्स भी कमजोर हो सकती है।

3. एंटी बायोटिक्स

कब होती है जरूरत

आमतौर पर बुखार और किसी भी तरह की एलर्जी से होने वाले जुकाम में इस तरह दवाएं दी जाती हैं, जो बैक्टीरिया, फंगस को नष्ट करने का काम करती हैं।

साइड इफेक्ट

ऐसी दवाओं के सेवन से स्किन एलर्जी और लूज़ मोशन की दिक्कत हो सकती है। लंबे समय तक इनका सेवन करने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है क्योंकि इनके प्रभाव से नुकसानदायक वायरस और बैक्टीरिया अपना रेजिस्टेंस डेवलप कर लेते हैं जिससे उन पर दवाओं का खास असर नहीं होता। वहीं दूसरी ओर एंटीबायोटिक्स के असर से शरीर में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया भी नष्ट हो जाते हैं।