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क्या ब्रेन का आकार कर सकता है राजनीतिक विचारधारा को प्रभावित? ताजा स्टडी ने किया चौंकाने वाला खुलासा

हाल ही में हुए एक शोध से पता चला है कि हमारे दिमाग का एक हिस्सा जिसे एमिग्डाला (Amygdala) कहते हैं हमारे राजनीतिक विचारों से जुड़ा हो सकता है। डर और चिंता जैसी भावनाओं को नियंत्रित करने वाला दिमाग का यह हिस्सा डर का केंद्र भी कहलाता है। आइए जानें कि किस तरह रूढ़िवादी विचार रखने वाले लोगों का एमिग्डाला उदारवादी लोगों की तुलना में थोड़ा बड़ा होता है।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Sat, 21 Sep 2024 05:18 PM (IST)
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क्या ब्रेन का आकार तय करता है आपकी राजनीतिक विचारधारा? (Image Source: Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हमारे दिमाग (Brain) में एक हिस्सा होता है, जिसे एमिग्डाला (Amygdala) कहते हैं। यह हिस्सा हमारी भावनाओं, खासतौर से डर और चिंता को नियंत्रित करने में बड़ी भूमिका निभाता है। वैज्ञानिक इसे 'डर का केंद्र' भी कहते हैं। बता दें, हाल ही में हुए एक रोचक अध्ययन ने इस बात का खुलासा हुआ है कि एमिग्डाला का आकार और व्यक्ति के राजनीतिक विचारों के बीच एक दिलचस्प संबंध हो सकता है।

एमिग्डाला और राजनीतिक विचारधारा

रोजलिंड फ्रैंकलिन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने नीदरलैंड्स में 19 से 26 वर्ष के 928 युवाओं के दिमाग का एमआरआई स्कैन किया। इस स्कैनिंग के द्वारा उन्होंने एमिग्डाला के आकार को मापने का काम किया और इसे कैंडिडेट्स के राजनीतिक विचारों से जोड़कर भी देखा। अध्ययन के नतीजों ने एक आश्चर्यजनक तथ्य उजागर किया जिसमें पाया गया कि रूढ़िवादी विचार रखने वाले लोगों का एमिग्डाला, उदार या प्रगतिशील विचार रखने वाले लोगों की तुलना में औसतन 10 क्यूबिक मिलीमीटर बड़ा था।

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अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता, मनोवैज्ञानिक डायमेंटिस पेट्रोपोलोस पेटलास का कहना है कि ये रिजल्ट्स बताते हैं कि हमारे दिमाग की संरचना, खासतौर से एमिग्डाला का आकार, हमारे राजनीतिक विचारों को प्रभावित कर सकता है। यह एक दिलचस्प खोज है क्योंकि यह दर्शाता है कि हमारे राजनीतिक विचार केवल हमारे अनुभवों और शिक्षा का परिणाम नहीं होते हैं, बल्कि हमारी जैविक बनावट से भी प्रभावित हो सकते हैं।

दिमाग और राजनीति का अनोखा संबंध

नीदरलैंड में किए गए अध्ययन से पता चलता है कि हमारे दिमाग का एक हिस्सा हमारे राजनीतिक विचारों को प्रभावित कर सकता है। यह सिर्फ नीदरलैंड तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अन्य देशों में भी हो सकता है, खासकर भारत जैसे देशों में जहां बहुत सारे राजनीतिक दल हैं और समाज भी विविधता से भरा है। पेटलास का मानना है कि भारत जैसी बहुदलीय व्यवस्था वाले देशों में इस अध्ययन के परिणाम और भी रोचक हो सकते हैं। भारत की विविधतापूर्ण सामाजिक-राजनीतिक संरचना के कारण, यहां हमें राजनीतिक विचारधाराओं और दिमाग की संरचना के बीच के संबंध के बारे में कई नए आयाम मिल सकते हैं।

अध्ययन में सामने आया रूढ़िवादी विचारों का कारण

एमिग्डाला को अक्सर मस्तिष्क की अलार्म प्रणाली कहा जाता है क्योंकि यह भय, भावनाओं और खतरों को पहचानने में बड़ी भूमिका निभाता है। पेटलास के अनुसार, रूढ़िवादी विचारधाराएं अक्सर स्थिरता और सुरक्षा पर जोर देती हैं, जो खतरों के प्रति एमिग्डाला की प्रतिक्रिया से जुड़ी हो सकती हैं। बड़े एमिग्डाला वाले व्यक्ति नए परिवर्तनों या अनिश्चितताओं के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो सकते हैं, जिसके कारण वे रूढ़िवादी विचारों को अपनाने की ओर झुक सकते हैं। हालांकि, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की 2011 में हुई स्टडी के मुकाबले, इस नए अध्ययन में एमिग्डाला का प्रभाव राजनीतिक विचारधारा पर कम पाया गया है।

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