Artificial Food Colour: जाने-अनजाने कर रहे हैं आर्टिफिशियल फूड कलर्स का इस्तेमाल, तो जान लें इसके गंभीर नुकसान
Artificial Food Colour अगर आपको अब तक नहीं पता है कि आर्टिफिशियल फूड कलर्स के इस्तेमाल से हमारे शरीर पर क्या-क्या दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं तो इसके नुकसान और लक्षण से लेकर उपाय तक सबकुछ जानने के लिए यहां पढ़ें पूरी खबर।
By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Mon, 08 May 2023 12:30 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Artificial Food Colour: खाने में इस्तेमाल किए जाने वाले फूड कलर्स मानव निर्मित हैं, जिसका साफ मतलब है कि इसके कई दुष्प्रभाव भी होंगे। इन कलर्स को बनाने के लिए जिन कंपाउंड्स का इस्तेमाल किया जाता है, वे मूल रूप से तारकोल से प्राप्त किए जाते थे। लेकिन अब इसे पेट्रोलियम से प्राप्त किया जाता है। पेट्रोलियम एक कच्चा तेल उत्पाद है, जिसका इस्तेमाल गैसोलीन, डीजल ईंधन, डामर और प्लास्टिक के निर्माण के लिए किया जाता है। यह जानने के बाद आप निश्चित रूप से परेशान हो गए होंगे। अगर आपको अब तक नहीं पता है कि आर्टिफिशियल फूड कलर्स के इस्तेमाल से हमारे शरीर पर क्या-क्या दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं, तो यहां पढ़ें पूरी खबर।
फूड कलर्स का इस्तेमाल क्या है?
कुछ फूड आइटम्स प्रोसेसिंग के दौरान अपना प्राकृतिक रंग खो देते हैं। इसी को आकर्षक बनाने के लिए फूड कलर का इस्तेमाल किया जाता है ताकि उपभोक्ता सामान के प्रति अधिक आकर्षक हो सकें। अक्सर देखा जाता है कि आर्टिफिशियल फूड कलर्स को नेचुरल फूड कलर्स के मुकाबले अधिक पसंद किया जाता है क्योंकि इसमें चमकीले रंग, लंबी शेल्फ लाइफ और कम उत्पादन लागत होती है। लेकिन इसके सेवन से जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं उसके आगे कोई भी कीमत बहुत छोटी है।
आर्टिफिशियल फूड कलर्स के दुष्प्रभाव
- बच्चों में एडीएचडी (ADHD) सहित हाइपरएक्टिविटी
- चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन और चिंता जैसे व्यवहारिक बदलाव
- चक्कर आना
- अस्थमा
- कैंसर के ट्यूमर को बढ़ावा
आर्टिफिशियल कलर्स वाले फूड आइटम्स
कई फूड आइटम्स ऐसे होते हैं, जिन्हें हम रोजाना इस्तेमाल करते हैं बिना ये जाने कि उनमें आर्टिफिशियल फूड कलर्स शामिल हैं। इन सभी में अलग-अलग तरीकों से कलर्स का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे पदार्थों का सेवन स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। ऐसे ही कुछ फूड आइटम्स की सूची दी गई है, जिनका हम नियमित रूप से सेवन करते हैं वो भी बिना ये जाने कि इनमें आर्टिफिशियल फूड कलर्स का भरपूर इस्तेमाल किया जाता है।- अनाज
- कैंडी
- चिप्स
- अचार
- च्यूइंग गम
- रेडीमेड जूस
- मीठा दही
- एनर्जी बार
- ओटमील
- पॉपकॉर्न
- व्हाइट ब्रेड
- सलाद ड्रेसिंग
- वनीला आइसक्रीम
- बालसैमिक विनेगर
- कोला और अन्य रेडिमेड ड्रिंक्स
फूड कलर्स से होने वाली एलर्जी के लक्षण
फूड कलर्स के लक्षण या तो गंभीर या फिर हल्के हो सकते हैं। फिर भी आपको डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए। नीचे ऐसे ही कुछ लक्षण दिए हैं, जो इन फूड आइटम्स की वजह से हो सकते हैं।
- सिर दर्द
- चक्कर आना
- मतली आना
- सांस फूलना
- त्वचा में खुजली
- सीने में जकड़न
- कम ब्लड प्रेशर
- त्वचा पर रेडनेस, झाइयां
- चेहरे, होंठ और माथे पर सूजन
- अचानक बुखार वाली गर्मी महसूस करना
फूड कलर्स से कैसे बचें?
डॉक्टर बच्चों के आहार में फूड कलर्स को कम करने और किसी भी दुष्प्रभाव के बारे में सतर्क रहने की सलाह देते हैं। इसके लिए ये टिप्स अपनाएं-लेबल पढ़ें: सामान पर दिए गए लेबल की जांच जरूर करें और ऐसे फूड आइटम्स को चुनें, जो फलों और सब्जियों के अर्क से प्राप्त नेचुरल फूड कलर का इस्तेमाल कर रहे हों। चुकंदर, ब्लूबेरी या गाजर का रस आर्टिफिशियल फूड कलर्स को रिप्लेस करने का अच्छा तरीका है।होममेड चीजों का इस्तेमाल करें: सुरक्षित और प्राकृतिक उत्पादों का उपयोग करके, बाहर से खरीदने के बजाय घर पर ही खाना बनाएं।
पूरे फूड आइटम पर ध्यान दें: पैकेज में आने वाले लगभग सभी फूड आइटम्स में आर्टिफिशियल कलर होता है। कोशिश करें की पैकेज्ड और पैश्चराइज्ड फूड आइटम्स के सेवन को कम करें।प्रोसेस्ड फूड्स से बचें: रंगों के खतरे के अलावा, प्रोसेस्ड फूड आइटम्स बच्चों के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी असुरक्षित हैं, जिससे कई अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए कोशिश करें कि इनका सेवन कम या फिर बंद कर दें।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।Picture Courtesy: Freepik