सिर्फ बीपी ही नहीं बढ़ाता ज्यादा नमक, गट हेल्थ भी कर सकता है खराब! ऐसे में करें डाइट में इसकी मात्रा कम
नमक हमारे खानपान का एक अहम हिस्सा है जिसके बिना लगभग हर व्यंजन बेस्वाद लगता है। हालांकि सीमित मात्रा में इसे खाने से ही सेहत को फायदा मिलता है। ज्यादा मात्रा में नमक खाने (side effects of consuming too much salt) से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही यह गट हेल्थ को भी प्रभावित करता है। आइए जानते हैं कैसे।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। नमक हमारे डाइट का एक ऐसा अहम हिस्सा है, जिसके बिना खाने की कल्पना नहीं की जा सकती है। नमक के बिना लगभग हर व्यंजन बेस्वाद लगता है। आमतौर पर लोग टेबल साल्ट के साथ सेंधा नमक, काला नमक का भी सेवन करते हैं। एक वयस्क को लगभग 6 ग्राम तक नमक खाने की सलाह दी जाती है, वहीं बच्चों में ये मात्रा काफी कम है। बच्चों को उम्र के अनुसार 1 से 5 ग्राम के भीतर ही नमक खाना चाहिए।
नमक यानी सोडियम हमारी सेहत के लिए जरूरी है, लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकती है। ज्यादा नमक खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है। खासकर अगर कोई बीपी का मरीज है, तो उसे नमक कम खाने की सलाह दी जाती है। हालांकि, नमक सिर्फ ब्लड प्रेशर के लिए ही नहीं, बल्कि आपकी गट हेल्थ के लिए भी हानिकारक होता है। आइए जानते है कैसे गट हेल्थ को प्रभावित करता है ज्यादा नमक-यह भी पढ़ें- रोजाना घी में मिलाकर खाएंगे खजूर तो मिलेगा दोगुना लाभ, खूबसूरती बढ़ने के साथ ही सेहत की भी होगी देखभाल
ज्यादा नमक के साइड इफेक्ट्स
जैसा कि सभी जानते हैं कि खाना पाचन तंत्र से हो कर आंतों से हो कर गुजरता है। शरीर के इस हिस्स में खाने से न्यूट्रिएंट अब्जॉर्ब हो जाते हैं और ब्लड में प्रवाहित किए जाते हैं जिससे उनका इस्तेमाल किया जा सके। ऐसे में अगर नमक का सेवन किया जाए, तो ब्लड में सोडियम की मात्रा ज्यादा हो जाएगी, क्योंकि नमक सोडियम और क्लोराइड नाम के दो सॉल्ट से बना हुआ होता है। इससे हाइपरटेंशन की समस्या होती है। अगर हाइपरटेंशन का ध्यान नहीं दिया गया, तो इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
गट हेल्थ को कैसे प्रभावित करना है नमक?
इसके अलावा इससे कई ऑटो इम्यून डिसऑर्डर भी हो सकते हैं और साथ ही ये गट हेल्थ पर भी बहुत हानिकारक प्रभाव डालता है। कुछ स्टडी ये भी बताती है कि जब हम ज्यादा नमक खाते हैं, तो गट में मौजूद फायदेमंद बैक्टीरिया की गतिविधि में बदलाव लाता है। हमारे गट में मौजूद बैक्टीरिया का अपना एक माइक्रोबायोम होता है, जो बेहद संतुलित मात्रा में होता है। इस बैक्टीरिया को हमारे खाने से न्यूट्रिशन मिलता है। लेकिन जब हम अनहेल्दी डाइट लेते हैं, जिसमें न्यूट्रिशन नहीं होता है, तो बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं।ज्यादा नमक खाने से गट में मौजूद फायदेमंद बैक्टीरिया की एक्टिविटी ब्लॉक हो जाती है। इससे गट की लाइनिंग का ध्यान रखने वाले बैक्टीरिया की गतिविधि ब्लॉक होने से गट लाइनिंग पतली होती है, जिससे हानिकारक बैक्टीरिया आसानी से निकल कर शरीर के अन्य हिस्सों को नुकसान पहुंचाते हैं।
डाइट में ऐसे कम करें नमक की मात्रा-
- अपने सॉल्ट शेकर या डिस्पेंसर में चाट मसाला, अमचूर पाउडर या अन्य चटपटे मसाले भरें। डाइनिंग टेबल पर नमक रखना बंद करें।
- अपने डेली स्नैक्स में नमक की जगह अन्य मसालों का प्रयोग करें। जैसे दालचीनी पाउडर, काली मिर्च पाउडर, इलायची पाउडर आदि। टेस्ट में ट्विस्ट के साथ एक अलग फ्लेवर आएगा, जो नमक से दूरी बनाए रखने में मदद करेगा।
- धीरे-धीरे नमक की मात्रा अपने डाइट में कम करें। हालांकि, इसे खत्म न करें लेकिन मात्रा कम करें, जिससे टेस्ट बड्स इसी स्वाद को अडेप्ट कर लें और आप तेज नमक खा ही न पाएं।
- फ्रेश फ्रूट्स और सब्जी का सेवन करें। प्रोसेस्ड या फ्रोजन फूड्स एक्स्ट्रा नमक से पैक होते हैं इसलिए इनसे दूरी बनाएं। कैंड या रेडी टू ईट फूड्स, सूप, स्नैक्स को कतई न खाएं।