Excess Salt Side Effects: स्वाद के चक्कर में आप भी खाते हैं ज्यादा नमक, तो दिल और किडनी को सकता है ऐसा नुकसान
नमक का अधिक सेवन सेहत के लिए जोखिम भरा हो सकता है। पीजीआई चंडीगढ़ का एक ताजा शोध बताता है कि उत्तर भारत में भोजन की थाली में नमक निर्धारित मात्रा से चार गुणा अधिक होता है। ऐसे में इस स्टडी के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने मुख्य शोधकर्ता प्रो. (डॉ.) अशोक कुमार यादव से जानते हैं शोध के निष्कर्षों के बारे में।
नई दिल्ली। पीजीआई चंडीगढ़ के डॉक्टरों के एक शोध में पाया गया कि उत्तर भारतीय जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन कर रहे हैं, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार भोजन में नमक की मात्रा पांच ग्राम तक होनी चाहिए। पीजीआई चंडीगढ़ ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और जम्मू कश्मीर के लोगों पर यह शोध किया है। शोध के दौरान स्वस्थ और किडनी की बीमारी से ग्रस्त लोगों का दो समूह बनाया गया। शोध में पाया गया कि 65 प्रतिशत लोग चार गुणा अधिक नमक का सेवन कर रहे हैं। इस शोध के बारे में विस्तार से जानने के लिए चंडीगढ़ से अंकेश ठाकुर ने प्रो. (डा.) अशोक कुमार यादव, एक्सपेरिमेंटल मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलाजी विभाग, पीजीआई से बातचीत की।
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नमक की अधिकता से बीमारियों का खतरा
जरूरत से ज्यादा नमक के सेवन से मुख्यतः रक्तचाप, ब्रेन स्ट्रोक, दिल और किडनी की बीमारी होने का जोखिम बढ़ जाता है। शोध में यह भी पाया गया कि उत्तर भारतीयों के खाने में नमक की मात्रा ज्यादा, प्रोटीन और पोटेशियम की मात्रा बहुत कम होती है। प्रोटीन की मात्रा सबसे ज्यादा मिलेट्स (मोटा अनाज) में होती है। WHO के अनुसार, एक इंसान को एक दिन में 3.50 ग्राम पोटेशियम की आवश्यकता होती है, लेकिन उत्तर भारतीय थाली में इससे आधी मात्रा में भी पोटेशियम नहीं होता। मेवे, फल, सब्जियां, कीवी और केले में भरपूर मात्रा में पोटेशियम होता है, इसलिए इनका सेवन ज्यादा जरूरी है।हड्डियां कमजोर करता है फॉस्फोरस
शोध में पाया गया अगर खाने में फॉस्फोरस की मात्रा अधिक है तो यह हड्डियों को कमजोर बना देता है। डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के अनुसार, एक दिन में 7000 माइक्रोग्राम फॉस्फोरस की जरूरत होती है। इससे अधिक मात्रा में सेवन से धमनियों, फेफड़ों, दिल व आंख में समस्या होने लगती है।
दिल की बीमारियों का खतरा
शरीर में जब सोडियम की मात्रा बढ़ती है तो उसे घुलने के लिए शरीर पानी जमा करने लगता है। इससे कोशिकाओं के आसपास तरल पदार्थ व खून की मात्रा बढ़ती है। खून पम्प करने के लिए दिल का काम बढ़ जाता है। इसी वजह से ही दिल की बीमारियां और स्ट्रोक का खतरा बना रहता है।क्यों बढ़ रहा बीमारियों का खतरा
आजकल भागदौड़ से खानपान की संस्कृति बदल गई है। लोग घर के खाने के बजाय बाहर के भोजन पर निर्भर हो रहे हैं। इससे फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम जैसे जरूरी तत्वों की पर्याप्त मात्रा नहीं मिल पाती। भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए मसालों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। कुछ लोग स्वाद के चक्कर में बाहर का खाना खाते हैं। इससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है।
इन बातों का रखें ध्यान
- भोजन में नकम का प्रयोग सीमित करें।
- भोजन करते समय अतिरिक्त नमक सेवन करने से बचें लें।
- सेहदमंद रहने के लिए खाने में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए।
- बाहर के खाने के बजाय घर का बना भोजन करें।
- मोटे अनाज, दाल, अंडे और बादाम जैसे पोषक तत्वों को भोजन में जरूर शामिल करें।